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फादर फेर्नांदो वेरा फादर फेर्नांदो वेरा  

काथलिक मिशनरी मास्को से निष्कासित

फादर फेर्नांदो वेरा को अपने देश मेक्सिको लौटना पड़ा। यूक्रेन में हमले के साथ अधिकारियों एवं सैनिकों के अपराध की निंदा करना कठिन है। विदेशी प्रभावों को दूर करने के लिए पुरोहित को भगाया गया।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

मास्को, मंगलवार, 19 अप्रैल 2022 (एशियान्यूज) ˸ पल्लीवासियों ने सोशल मीडिया के माध्यम से कहा है कि पुण्य शनिवार को "रूसी अधिकारियों ने काथलिकों को एक उपहार दिया, निष्कासन का एक आदेश जारी करते हुए" कि मास्को के संत पेत्रुस एवं पौलुस पल्ली के पल्ली पुरोहित फेर्नांदो वेरा 24 घंटे के अंदर देश छोड़ दें। उन्हें पास्का जागरण एवं पास्का पर्व तक मनाने नहीं दिया गया।      

मेक्सिको के ओपुस देई ऑर्डर के पल्ली पुरोहित को जिन्होंने सात सालों तक रूस में सेवा दी थी बिना किसी स्पष्टीकरण के एक दिन के अंदर देश वापस लौटने का आदेश मिला, शायद इसके बाद भी वे रूस में अपने मिशन पर नहीं लौट पायेंगे।  

विश्वासियों ने लिखा, "फादर फेर्नांदो को आदत थी चीजों का नाम लेने का लेकिन आज इसे हमारे देश में एक नागरिक मूल्य नहीं समझा जा रहा है। खूब सूझ-बूझ से बात करने के बावजूद, आज "अधिकारियों और सेना को बदनाम करने" के अपराध को करने से बचना मुश्किल है, भले ही कोई केवल यूक्रेन में चल रहे "युद्ध" का उल्लेख करता हो। जब इसके लिए रूसी नागरिकों को भारी दण्ड चुकाना पड़ता है अथवा उनको गिरफ्तार किया जाता और जेल में डाला जाता है, एक विदेशी मिशनरी के लिए इसका अर्थ है अपने पद में बने रहने का अधिकार खो देना, राजनयिकों को 48 घंटे पहले सूचना दिये बिना निष्कासित कर दिया जाता है।

मिशनरियों को निष्कासित किया जाना रूस में नई बात नहीं है पुतिन के शासन काल में कई ऐसी घटनाएँ हो चुकी हैं। वर्षों से, रूसी काथलिक निम्न स्तर रखते हैं, उन पहलों से बचते हैं जिन पर धर्मांतरण का आरोप लगाया जा सकता है और अधिकारियों एवं उनके निर्देशों के प्रति पूर्ण निष्ठा का दावा किया जा सकता है, लेकिन यह स्पष्ट रूप से पर्याप्त नहीं है।

 

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19 April 2022, 14:38