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स्वीडन में दंगों और यूक्रेन युद्ध पर कार्डिनल अर्बोरेलियुस

वाटिकन न्यूज के साथ एक साक्षात्कार में स्टोकहॉम के धर्माध्यक्ष कार्डिनल अर्बोरेलियुस ने स्वीडन में कुरान जलाने और यूक्रेन में युद्ध एवं स्कैंडिनेवियाई देश में इसके प्रभाव पर चर्चा की।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

स्टोकहॉम के कार्डिनल ऐंडर्स अर्बोरेलियुस ने स्वीडन में हिंसक दंगे, साथ ही साथ धार्मिक असहिष्णुता के ज़बरदस्त कृत्यों की निंदा की है जिसने अशांति को भड़काया है।  

स्वीडन के पुलिस एवं इस्लाम की सबसे पवित्र पुस्तक कुरान की प्रतियाँ जलाने की एक समूह की योजना से नाराज़ लोगों के बीच टकराव में, 40 से अधिक लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है।  

स्वीडन के धर्माध्यक्ष ने स्वीकार किया है कि स्वीडन के लोगों के बीच धर्म विरोधी भावना है तथा उन्होंने उस घटना की याद की जिसमें माता मरियम की प्रतिमा को तोड़कर नष्ट कर दिया गया था।

साक्षात्कार में कार्डिनल ने यूक्रेन में युद्ध, क्या स्वीडन डर के माहौल में जी रहा है, और स्वीडन में पर इसका प्रभाव आदि विषयों पर टिप्पणी की।  

कार्डिनल ने यूक्रेन के 40,000 शरणार्थियों के स्वागत की सराहना की जिन्हें अपने देश से भागना पड़ा है किन्तु उन्होंने खेद प्रकट किया कि शरणार्थियों को शोषण और दुराचार का सामना करना पड़ता है, इनमें यूक्रेन की महिलाएँ भी शामिल हैं जिन्हें वेश्यावृत्ति के लिए मजबूर किया जा रहा है।

अंतरराष्ट्रीय मीडिया में पूरे स्वीडन में हिंसा और दंगे की घटनाओं को रिपोर्ट किया गया है, जो एक दल के द्वारा कुरान की प्रतियाँ जलाने की योजना के बाद भड़की। क्या आप इस घटना पर अपनी प्रतिक्रया व्यक्त कर सकते हैं?   

कार्डिनल ऐंडर्स अर्बोरेलियुस ˸ जी हाँ, स्वीडन में पास्का पर्व के दौरान, हमने स्टोकहॉम के कुछ इलाकों में एक मुश्किल दंगे का सामना किया। कुछ युवाओं ने पुलिस पर आक्रमण किया, जो डेनमार्क के एक चरमपंथी राजनेता के प्रदर्शन का विरोध कर रहे थे जो कुरान को जलाना चाहता था। स्वीडन के कई जगहों में ये दंगे हुए। एक स्थान जहाँ परिस्थिति को देखते हुए लोग तैयार थे, विभिन्न धार्मिक समुदायों एवं अन्य लोगों ने परिस्थिति को शांत करने में मदद दी। जब यह प्रदर्शन शुरू हुआ तो लूथरन पादरी ने घंटियाँ भी बजाईं।    

किन्तु दूसरे क्षेत्रों में यह बहुत हिंसक पास्का रहा। जिसे स्पष्ट है कि स्वीडन अलगाव से निपटने के लिए समर्थन नहीं कर पाया कि कुछ क्षेत्रों में कम आयवाले, बिना काम के, आपराधिकता वाले लगभग केवल विदेशी हैं। अतः हमारे समाज के लिए यह निश्चय ही महत्वपूर्ण है कि अलगाव के खिलाफ संघर्ष किया जाए।

स्वीडेन में दूसरे धर्मों के प्रति सम्मान एवं सहअस्तित्व को किस तरह देखते हैं?

कार्डिनल ˸ हम स्वीडेन को एक धर्मनिर्पेक्ष राष्ट्र की तरह देखते हैं और अधिकारियों को किसी तरह यह एहसास नहीं होता है कि बहुत से अप्रवासियों की धार्मिक आस्थाएँ मज़बूत हैं और यह उनके लिए धार्मिक घृणा का चिन्ह है, जब कुरान को जलाया जाता है।

वास्तव में, हमारे साथ भी कुछ मामले हैं जिनमें से एक है माता मरियम की प्रतिमा को तोड़-फोड़ किया जाना। मैं कह सकता हूँ कि यहाँ स्वीडन के लोगों में धर्म विरोधी भावनाएँ हैं। निश्चय ही इसका अर्थ यह नहीं होता कि आप पुलिस पर हमला करें। किन्तु हमें संदर्भ को समझना होगा कि यदि लोग खुद को समाज के बाहर महसूस कर रहे हैं और उन्हें लग रहा है कि कोई उनका सम्मान नहीं करता, तब, किसी भी समय हमारे उपनगरों में हिंसा होगी।

मैं सोचता हूँ कि स्वीडन में गंभीर वार्ता शुरू होनी चाहिए और साथ ही साथ, हम देखते हैं कि कुछ दल, धार्मिक स्कूलों से इंकार कर रहे हैं जो हमें परेशान करनेवाला एक संकेत है।  

यूक्रेन में युद्ध ने स्वीडन और स्वीडन की कलीसिया को किस तरह प्रभावित किया है, अप्रवासियों के दृष्टिकोण से भी? स्वीडन में काथलिक कलीसिया काफी हद तक, या लगभग पूरी तरह से, अप्रवासियों से बना है, यह युद्ध इस गतिशीलता को संभावित रूप से कैसे प्रभावित किया है और किस तरह प्रभावित करेगा?

स्वीडन ने यूक्रेन के शरणार्थियों की एक बड़ी संख्या का स्वागत किया है। इसकी संख्या करीब 40,000 है और वे पूरे देश में फैल गये हैं। हमारे धर्मप्रांत में, बिजेनटाईन रीति के दो पुरोहित भी हैं अतः वे बहुत सक्रिय रूप से लोगों तक पहुँचने एवं उन्हें संगठित करने का प्रयास कर रहे हैं।

पास्का की सुबह को मैंने यूक्रेनी मिस्सा में भाग लिया ...यह विश्वासियों से भरा था। यूक्रेन के अधिकांश विश्वासी ऑर्थोडोक्स हैं, अतः उनके लिए ऑर्थोडॉक्स पुरोहित पाना मुश्किल है। हम देख सकते हैं कि आमतौर पर स्वीडेन के लोग इस दल के प्रति काफी खुले हैं। यह आश्चर्य की बात है क्योंकि हाल में हमने देखा था कि शरणार्थियों के लिए एक नियम के रूप में उनमें इतना खुलापन और एकजुटता नहीं थी। यूक्रेन में युद्ध ने सामान्य रूप से स्वीडन के लिए एक अंतर लाया है, और हम देख रहे हैं कि कई परिवार भी अपने घरों और अपार्टमेंट में यूक्रेनी लोगों का स्वागत कर रहे हैं।

अतः मैं कह सकता हूँ कि आमतौर पर लोग उदार हैं और पल्लियों से जितना संभव है मदद करने की कोशिश की जा रही है। कारितास अत्यन्त सक्रिय है और मानव तस्करी की चेतावनी दे रहा है क्योंकि दुर्भाग्य से देखा जा रहा है कि यूक्रेन की कुछ महिलाएँ वैश्यवृति के लिए मजबूर हो रही हैं। अतः वहाँ भी खतरे हैं कि शरणार्थियों के साथ शोषण एवं दुराचार के मामले हो सकते हैं।

सवाल ˸ पास्का के इस काल में आपकी क्या मनोकामना एवं प्रार्थना है?

इस पास्का काल में, मैं सोचता हूँ कि हमें आशा के सदगुण को बढ़ावा देना चाहिए। युद्ध और संघर्ष तथा आंतरिक समस्याओं का सामना करते हुए कलीसिया के लिए यह अत्यन्त आवश्यक है कि वह पुनर्जीवित ख्रीस्त पर गहरा विश्वास एवं आशा रख सके कि वे (ख्रीस्त) अपनी कलीसिया में जीवित हैं, उसकी मदद करते हैं, बुराई की शक्ति पर विजयी हुए हैं, और लोगों को पास्का के संदेश को प्राप्त करने में मदद दिया जाए। हमें इसकी आवश्यकता पहले से अधिक है।

वास्तव में, हमारी सभी कलीसियाओं में यही की जा रही है। इसी के लिए लोगों को मदद किया जाना है तथा पुनर्जीवित ख्रीस्त में उनके विश्वास को मजबूत करना है और कठिन परिस्थिति में जीते हुए भी विश्वास को बनाये रखने में उनकी मदद करनी है।  

मैं यूक्रेन के लोगों की सराहना करता हूँ जिनसे मैंने मुलाकात की है। मैं उनके चेहरों को अब भी देख सकता हूँ जो पास्का पर्व मनाने आये थे। कई लोग दुःखी लग रहे थे लेकिन मिस्सा के अंत में वे भी मुस्कुरा रहे थे और इससे पता चलता है कि पास्का के आनन्द का उनके लिए कुछ अर्थ रखता है।

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21 April 2022, 15:52