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सीरिया में ध्वस्त एक घर सीरिया में ध्वस्त एक घर 

कार्डिनल जेनारी ˸ 11 वर्षों के युद्ध के बाद हम विस्मृत हो चुके हैं

सीरिया में युद्ध की शुरूआत 15 मार्च 2011 को हुई थी। इस युद्ध में करीब पांच लाख लोगों की मौत हो चुकी है। दमिश्क के प्रेरितिक राजदूत कार्डिनल मारियो जेनारी ने कहा कि "उम्मीद को समाप्त नहीं होने देना चाहिए।" उन्होंने हिंसा, गरीबी एवं परित्याग की निंदा की है।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

सीरिया, मंगलवार, 15 मार्च 2022 (रेई) ˸ सीरिया में युद्ध की शुरूआत 15 मार्च 2011 को हुई थी। इस युद्ध में करीब पांच लाख लोगों की मौत हो चुकी है। दमिश्क के प्रेरितिक राजदूत कार्डिनल मारियो जेनारी ने कहा कि "उम्मीद को समाप्त नहीं होने देना चाहिए।" उन्होंने हिंसा, गरीबी एवं परित्याग की निंदा की है।

वाटिकन न्यूज के संपादक मस्सिमिलियानो मनिकेती ने दमिश्क के प्रेरितिक राजदूत कार्डिनल मारियो जेनारी के एक साक्षात्कार को प्रस्तुत किया है।

"घर ध्वस्त हो चुके हैं, भोजन, पानी, दवाई का अभाव है, लोगों के ऊपर हिंसा और लूटपाट जारी है। सीरिया में 11 वर्षों के बाद भी युद्ध समाप्त नहीं हुआ है किन्तु कई दूसरे युद्धों की तरह इसकी चर्चा अब नहीं होती है। यह देश जहाँ कई शहर मलबों के ढेर बने हुए हैं, पाँच लाख लोगों की मौत हो चुकी है और इसने 11 साल बिता दिया है तथा करीब पाँच लाख लोग बाह्य एवं आंतरिक रूप से विस्थापित हैं। आज, युद्ध शुरू होने की वर्षगाँठ पर पूर्वी कलीसियाओं के लिए गठित परमधर्मपीठीय धर्मसंघ ने एक एकात्मक एवं सहयोग कार्यक्रम का आयोजन किया है। कार्यक्रम के केंद्र में है- सुनना, वार्ता तथा ख्रीस्तीय समुदाय का भविष्य, साथ ही पीड़ित देश की आवश्यकता पर भी ध्यान देना है। कार्डिनल जेनारी ने कहा, "आशा को समाप्त होने न दिया जाए" जब देश, मीडिया की नजरों में नहीं होने के कारण करीब भूला दिया गया है।     

सीरिया में 11 सालों से संघर्ष जारी है, इस भयावाह वर्षगाँठ का आपके लिए क्या मतलब है?   

यह एक दुखद वर्षगाँठ है, सबसे पहले इसलिए क्योंकि युद्ध समाप्त नहीं हुआ है और इसलिए भी क्योंकि कुछ वर्षों से सीरिया मीडिया के रडार से गायब हो चुका है। इसका स्थान पहले लेबनान संकट ने ली, फिर कोविड-19 ने और अब यूक्रेन युद्ध ने ले ली है।

इस युद्ध से करीब पाँच लाख लोगों की मौत हो चुकी है, करीब 5.5 मिलियन लोग विस्थापित हैं, अन्य 6 मिलियन लोग आंतरिक रूप से विस्थापित हैं। उन्होंने कहा, "आशा को समाप्त होने न दिया जाए"।

आशा को किस तरह समाप्त होने से बचाया जा सकता है?

दुर्भाग्य से, बहुत सारे लोगों की आशा समाप्त हो चुकी है, खासकर, युवा लोगों की जो अपने देश में कोई भविष्य नहीं देखते और पलायन करने की कोशिश करते हैं और युवाओं के बिना एक देश, बिना भविष्य का देश है। कुछ परिवार भारी रकम चुकाने के बाद भी बेलारूस में फंसे हुए हैं और पोलैंड की सीमा पार करने का इंतजार कर रहे हैं। द्वितीय विश्व युद्ध की समाप्ति के बाद से सीरिया मनुष्य द्वारा की गई सबसे गंभीर मानवीय तबाही बनी हुई है। वहाँ अब भी मेल-मिलाप और आर्थिक शुरूआत का कोई चिन्ह नहीं दिखाई पड़ रहा है, इसके ऊपर, प्रतिबंधों का असर और भारी पड़ रहा है। संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव 2254 के प्रावधानों के अनुसार शांति प्रक्रिया अवरुद्ध है। केवल गरीबी ही तेजी से बढ़ रही है। लोग अब आर्थिक युद्ध की बातें कर रहे हैं।   

60 प्रतिशत से अधिक लोग खाद्य असुरक्षा से प्रभावित हैं। किस तरह मदद की जा सकती है?

रोटी कम है और अब यूक्रेन में युद्ध के साथ आंटा तथा अन्य मौलिक आवश्यकता की चीजें नहीं मिलेंगी। 15 से 17 मार्च को काथलिक कलीसिया द्वारा दमिश्क में एक सम्मेलन का आयोजन किया गया था, जिसकी विषयवस्तु थी ˸ "कलीसिया, उदारता, एकता एवं सहयोग का घर।" सम्मेलन में करीब 250 लोगों ने भाग लिया था जिसमें सीरिया एवं सीरिया के बाहर के, काथलिक मानवीय संस्थानों के प्रतिनिधि एवं एजेंसियों ने भाग लिया था। सम्मेलन में पूर्वी रीति की कलीसियाओं के लिए गठित परमधर्मपीठीय धर्मसंघ के अध्यक्ष कार्डिनल लेओनार्दो सांद्री भी उपस्थित थे। हम 5 रोटियों और 2 मछलियों को भाईचारे से बांटने की योजना बनाने की कोशिश करेंगे।

इस पृष्टभूमि पर ख्रीस्तीयों के बीच संघर्ष भी जारी है...

इन वर्षों के युद्धों के दौरान, आधा से अधिक लोग और लगभग दो तिहाई ख्रीस्तीयों ने सीरिया छोड़ दिया है। इन संघर्षों में अल्पसंख्यक समूह श्रृंखला की सबसे कमजोर कड़ी हैं। स्वतंत्र पूर्वी कलीसियाओं के लिए यह एक लाइलाज घाव है, लेकिन यह सीरियाई समाज के लिए भी एक गंभीर क्षति है। मध्यपूर्व में दो हजार सालों से रह रहे ख्रीस्तियों ने अपने देश के विकास के लिए महत्वपूर्ण सहयोग दिया है, खासकर, शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में जहाँ बहुत प्रभावशाली एवं सम्मानित स्कूल एवं अस्पताल चलाये जा रहे हैं। सीरियाई समाज में ख्रीस्तियों की उपस्थिति की तुलना, दुनिया की ओर एक खुली खिड़की से की जा सकती है। ख्रीस्तियों के पास आमतौर पर एक खुली एवं सहिष्णु मानसिकता है। पलायन करनेवाले प्रत्येक ख्रीस्तीय परिवार के लिए, खिड़की उत्तरोत्तर बंद हो जाती है।

क्या आपको लगता है कि हमें कूटनीति के स्तर पर, अंतरराष्ट्रीय राजनीति के स्तर पर और अधिक साहस की आवश्यकता है?

सीरिया के लिए संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूत जेइर पेदेरसन ने अंतरराष्ट्रीय कूटनीति की विस्तृत सहभागिता के लिए बार-बार कोशिश की है। दुर्भाग्य से, कोविड-19 महामारी एवं अब यूक्रेन में हमले ने सीरिया में जारी संघर्ष पर से अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान हटा दिया है।  

कितना महत्वपूर्ण है कि समाचार पत्र सीरिया की ओर ध्यान खींचते रहें?

कुछ वर्षों पहले, मैंने विश्व के विभिन्न हिस्सों से सीरिया में संघर्ष के संबंध में साक्षात्कार एवं जानकारी के लिए फोन प्राप्त किया। अब फोन नहीं बजते। यह दूसरा दुर्भाग्य है जो सीरिया पर पड़ा है। उसे भूला दिया गया है। यह विस्मृति लोगों को बहुत अधिक पीड़ा देती है।

कुछ सीरियाई युवा रूस की ओर से यूक्रेन में लड़ाई करने आ चुके होंगे। देश की दुर्दशा, जो खुद युद्ध से जूझ रहा है, दूसरे युद्ध के लिए शोषित हो रहा है?  

मैंने भी यह समाचार पढ़ा था। लीबिया में कुछ इसी तरह हुआ था, सीरियाई आतंकवादी विपक्ष की ओर से लड़ रहे थे। यह एक बड़ी बीमारी है जो युद्ध का कारण बनती है। यह एक फैक्टरी के समान है जो हर प्रकार की बीमारियाँ उत्पन्न करती है। पड़ोसियों गाँवों, शरणार्थियों, समाज के ताने-बाने, परिवार को तोड़कर नष्ट करती एवं हिंसा, गरीबी, बेरोजगारी, ड्रग एवं कई अन्य बुराईयों को जन्म देती है। अनेक युवा जो खुद को बेरोजगार पाते, वे बंदुक चलाना सीखते और थोड़े पैसे के लिए युद्ध में भर्ती होने हेतु अपना नाम लिखाते हैं।

सीरिया के लोगों के द्वारा यूक्रेन के युद्ध को कैसे देखा जा रहा है?

आमतौर पर लोग, अपने आपको व्यक्त करने का साहस नहीं करते। मैं हथियारों को चुप कराने और नरसंहार को रोकने के लिए संत पापा फ्राँसिस की बार-बार एवं कड़ी चेतावनी का समर्थन करता हूँ। ऐसा लगता है कि युद्धग्रस्त सीरिया भी अपने अनुभव से उनकी अपील को समझते हैं। यदि मैं गरीब लाजरूस और धनी व्यक्ति के दृष्टांत को लूँ तो निश्चित रूप से सीरिया, दूसरों को गंभीर रूप से चेतावनी देना चाहता है कि वे उसी पीड़ा की जगह में न गिरे, जहां वह खुद गिर गई है। (लूक. 16: 27-28) यूक्रेन में, सीरिया की दर्द की वही दु:खद तस्वीरों को देखकर दुःख होता है: नष्ट किए गए पड़ोस, मृत, लाखों शरणार्थी, क्लस्टर बम जैसे अपरंपरागत हथियारों का उपयोग, अस्पतालों और स्कूलों पर बमबारी। ठीक उसी तरह है जिस तरह हमने सीरिया में देखा है।

हम चालीसा काल में हैं जो प्रार्थना और उपवास का समय है। आप इस समय को किस तरह जीते हैं?

यह कहा जा सकता है कि लोग चाहे किसी भी धार्मिक समुदाय के क्यों न हों, वे 11 सालों से लगातार चालीसा काल और उपवास में जी रहे हैं। सबसे महत्वपूर्ण है, एक- दूसरे के करीब रहना एवं एक-दूसरे का साथ देना। 

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15 March 2022, 16:46