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इरपिन नदी पर टूटे पूल से पार होकर भागते लोग इरपिन नदी पर टूटे पूल से पार होकर भागते लोग 

यूक्रेन के राजदूत द्वारा युद्ध से तबाह देश के प्रति एकात्मता की अपील

यूक्रेन के लिए वाटिकन के प्रेरितिक राजदूत महाधर्माध्यक्ष विसवाल्दास कुलबोकास ने कीव की स्थिति की जानकारी देते हुए वहाँ के लोगों के प्रति एकात्मता व्यक्त करने की अपील की है।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

यूक्रेन, बृहस्पतिवार, 10 मार्च 2022 (रेई) ˸ यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के दो सप्ताह के बाद, बुनियादी ढांचों के बड़े पैमाने पर विनाश और जान-माल की क्षति के बावजूद शत्रुता जारी है। यूक्रेन के कई शहर युद्ध की चपेट में हैं और लाखों लोगों को सुरक्षा हेतु पड़ोसी देशों की ओर भागना पड़ा है।

एड टू द चर्च इन नीड को दिए एक साक्षात्कार में यूक्रेन के लिए वाटिकन के प्रेरितिक राजदूत महाधर्माध्यक्ष विसवाल्दास कुलबोकास ने यूक्रेन की राजधानी कीव स्थित प्रेरितिक राजदूतावास से वहाँ की स्थिति की जानकारी दी।

प्रेरितिक राजदूत ने कहा, "24 फरवरी से, हर दिन और हर रात, शहर के अलग-अलग भागों में मिसाईल हमले हुए हैं। फिर भी, इरपिन, खारकीव, चेरनीहीव या मारियुपोल आदि शहरों की तुलना में कीव कुछ हद तक शांत है।"  

उन्होंने कहा कि कीव अब भी बाहर की दुनिया से जुड़ा हुआ है। उन्होंने राजधानी एवं अन्य शहरों में मानवीय संकट की गंभीरता पर प्रकाश डाला।

भोजन एवं पानी आपूर्ति तक पहुँच

महाधर्माध्यक्ष मानवीय संगठन के कार्यों को स्वीकार करते हैं जो हर संभव अपनी मदद देने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने गौर किया कि जब युद्ध शुरू हुआ तो कई परिवारों के पास 2-3 दिन से अधिक के लिए भोजन नहीं थे। उन्हें चिंता है कि वे किस तरह जी रहे होंगे जब शहर में बाहर निकलना मुश्किल है।  

हालांकि खतरों के बावजूद स्वयंसेवक कीव में बाहर निकलते और शाम 8 बजे कार्फ्यू शुरू होने तक भोजन का वितरण करते हैं।

संकट में आशावाद

महाधर्माध्यक्ष ने ऐसी परिस्थिति में स्वयंसेवकों एवं प्रेरितिक राजदूतावास के कर्मचारियों के हौसले एवं साहस की सराहना की है।

उन्होंने कहा, "हम महसूस करते हैं कि यह एक त्रासदी है जिसको हम एक साथ झेल रहे हैं, हमें एक-दूसरे की मदद करनी चाहिए और बहुत प्रार्थना करनी चाहिए। मैं बहुत अधिक आशावाद देखता हूँ।"

फिर भी वे स्वीकार करते हैं कि सभी लोग इसी तरह आशावादी नहीं हो सकते, खासकर, जो बीमार हैं, जिन्हें मदद की जरूरत है या जो महिलाएँ बच्चों को जन्म दे रही हैं अथवा बच्चों के साथ हैं।  

युद्ध के सामने, प्रेरितिक राजदूत ने जोर दिया कि हमारा मुख्य हथियार है विनम्रता, ईश्वर पर पूर्ण भरोसा, एकात्मता एवं प्रेम, क्योंकि यदि हम यहाँ एक-दूसरे के लिए मददगार होंगे, ईश्वर के निकट होंगे, निष्ठावान होंगे, तो वे (ईश्वर) हमारी देखभाल करेंगे।" उन्होंने कहा कि सिर्फ, उपवास, प्रार्थना, विनम्रता और प्रेम से हम इस युद्ध की बुराई से ऊपर उठ सकते हैं।

युद्ध का कोई धार्मिक आयाम नहीं

जारी युद्ध के कारणों पर ध्यान देते हुए उन्होंने उस विचार को अस्वीकार किया जो कहता है कि संघर्ष में धार्मिक आयाम शामिल है।

महाधर्माध्यक्ष ने बतलाया कि यूक्रेन में कलीसियाओं की समिति एवं अन्य धार्मिक संगठन एकजुट हैं और वे लोगों के नजदीक हैं। उन्होंने जोर दिया कि इसका मतलब यह नहीं है कि हर प्रकार की कठिनाई समाप्त हो गई हैं। अतीत में अंतरधार्मिक गलतफहमी की भूमिका जरूर है, फिर भी युद्ध को किसी भी तरह से न्यायसंगत नहीं ठहराया जा सकता, क्योंकि अंतरधार्मिक संबंधों की समस्याओं को अलग तरीके से हल किया जाना चाहिए।  

उन्होंने गौर किया कि युद्ध की तबाही के बावजूद यूक्रेन के लोग अधिक एकजुट हो रहे हैं जो एक बहुत सकारात्मक चिन्ह है, भले ही भविष्य में ऐसा न हो।

पोप का सामीप्य

प्रेरितिक राजदूत ने स्वीकार किया कि इस कठिन परिस्थिति में यूक्रेन के लोगों के लिए संत पापा का समर्थन है। संत पापा युद्ध के अंत के लिए अपनी ओर से जितना संभव है वह सब कुछ करने की कोशिश कर रहे हैं।  

उन्होंने गौर किया कि संत पापा का प्रयास केवल शब्दों तक सीमित नहीं है लेकिन वे आध्यात्मिक एवं कूटनीतिक रूप से भी शांति लाने की कोशिश कर रहे हैं। उदाहरण के लिए संत पापा के भिक्षादान कार्यालय के अध्यक्ष का, पोलैंड और यूक्रेन की सीमा पर मानवीय राहत एवं संत पापा का सामीप्य पहुँचाना।  

हंगरी में सहायता

एड टू द चर्च इन नींड जो विश्वभर में अत्याचार के शिकार ख्रीस्तियों की मदद हेतु स्थापित एक परमधर्मपीठीय फाऊँडेशन है, उसने यूक्रेन के जरूरतमंद धर्मप्रांतों में लोगों की मदद हेतु 1.3 मिलियन यूरो दान किया है।  

उन्होंने गौर किया कि देश में बहुत अधिक मदद की जरूरत पड़ेगी क्योंकि सैंकड़ों स्कूल घरों, अस्पतालों एवं घरों को ध्वस्त कर दिया गया है।

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10 March 2022, 16:23