उत्तरपूर्वी भारत की महिलाओं की यूक्रेन की महिलाओं के प्रति सामीप्य
उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी
भारत, मंगलवार, 8 मार्च 2022 (वीएनएस) ˸ यूक्रेन में रूसी हमले के कारण उत्पन्न तबाही के बीच महिलाओं एवं बच्चों की पीड़ा की याद करते हुए भारत के अरूणाचल प्रदेश स्थित मियाओ धर्मप्रांत की महिलाओं ने उनके प्रति अपनी प्रार्थनामय एकात्मता व्यक्त की।
आराधना एवं प्रार्थना
अरूणाचल प्रदेश के मियाओ धर्मप्रांत के महिला आयोग की अध्यक्ष लिक्रो मोस्सांग ने कहा, "महिलाओं एवं बच्चों की हृदय-विदारक तस्वीरें हर जगह हैं। यूक्रेन अत्यधिक पीड़ा से गुजर रहा है और इस नासमझ युद्ध के खूनी रास्ते का कोई अंत नहीं दिखाई पड़ रहा है। हम उनके साथ खड़े हैं और इस महिला दिवस में उनके लिए प्रार्थना करते हैं ताकि वहाँ इस यंत्रणा का शीघ्र अंत हो।
8 मार्च अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की पूर्व संध्या को 70 महिलाओं ने न्योतन गाँव के पवित्र हृदय गिरजाघर में एक साथ आकर आराधना एवं प्रार्थना सभा में भाग लिया।
एकजुट प्रार्थना का जवाब
मियाओ धर्मप्रांत के धर्माध्यक्ष जॉर्ज पालिपारम्बिल ने प्रार्थना का संचालन किया और महिलाओं को यूक्रेन की महिलाओं के लिए प्रार्थना करने की उनकी विशेष जिम्मेदारी की याद दिलायी। उन्होंने कहा, "प्रार्थना हमारा एक शक्तिशाली हथियार है। इतिहास सिखलाता है कि जब कभी हम एक मन और दिल से प्रार्थना करते हैं हमारी प्रार्थना हमेशा सुनी जाती है। अतः इस महिला दिवस के अवसर पर हम यूक्रेन की सभी महिलाओं के प्रति एकात्मता व्यक्त करें जो अपने परिवारों एवं बच्चों से अलग हैं एवं बंकरों में शरण लिए हुए हैं।"
माताएँ एवं बच्चे
संत पापा फ्राँसिस के शब्दों की याद करते हुए धर्माध्यक्ष जॉर्ज ने कहा कि "यूक्रेन में खून और आंसू की नदियाँ बह रही हैं और इसके शिकार लोगों की संख्या बढ़ रही है, खासकर, माताएँ एवं बच्चे। दुनिया के इस कोने से हम उनके लिए तथा युद्ध के अंत के लिए प्रार्थना करते हैं। यूक्रेन, रूस तथा पूरी दुनिया में शांति एवं सामान्य स्थिति पुनः लौट आये।"
मियाओ धर्मप्रांत की महिला आयोग की सचिव सिस्टर मेरी सरकार ने इस वर्ष की अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की विषयवस्तु की याद की जो इस प्रकार है, "एक स्थायी भविष्य के लिए आज लैंगिक समानता"। उन्होंने कहा कि यह यूक्रेन की महिलाओं के लिए तब प्रसांगिक होगा जब वे इस भीषण युद्ध के कारण तबाही से बाहर होंगे। हम उम्मीद करते हैं कि यूक्रेन की महिलाओं का कल बेहतर होगा।"
प्रार्थना सभा के अंत में कार्मेलाईट धर्मबहन सुनिता परमार ने कहा, "हम प्रार्थना करते हैं कि जल्द ही इन सब का अंत हो जाए।"
द्वितीय विश्व युद्द के बाद यूरोप का सबसे तेजी से बढ़ता शरणार्थी संकट
संयुक्त राष्ट्र के शरणार्थियों के लिए हाई कमिशनर फिलीप्पो ग्रांदी ने रविवार को कहा कि 24 फरवरी को रूस द्वारा हमले की घोषणा के बाद 10 दिनों के अंदर करीब 1.5 मिलियन शरणार्थी पड़ोसी देशों में भाग गये हैं। पोलैंड, रोमानिया, स्लोवाकिया, हंगरी और मोलदोवा में शरणार्थियों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। ग्रांदी ने बतलाया कि अकेले पोलैंड ने 1.02 मिलियन शरणार्थियों का स्वागत किया है।
ग्रांदी ने कहा, "प्रति मिनट संख्या बढ़ रही है। यह द्वितीय विश्व युद्ध के बाद यूरोप में सबसे तेजी से बढ़ता शरणार्थी संकट है। इस संघर्ष का अंत होना चाहिए। शांति ही एकमात्र रास्ता है जिससे इस त्रासदी को रोका जा सकता है।"
Thank you for reading our article. You can keep up-to-date by subscribing to our daily newsletter. Just click here