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पारिस्थितिकी रूपांतरण के लिए अग्रिम पंक्ति में सलेसियन विश्वविद्यालय

परमधर्मपीठीय संस्थान ने अपने परिसर में अक्षय ऊर्जा स्रोतों को स्थापित करके खपत को कम करने के उद्देश्य से एक ऊर्जा दक्षता परियोजना शुरू की है। यूनिवर्सिटी के रेक्टर फादर एंड्रिया बोज़ोलो ने नोट किया कि 'लौदातो सी' विश्वविद्यालय बनकर, हम पृथ्वी और गरीबों के क्रंदन का जवाब दे रहे हैं। हम नई जीवन शैली की आकांक्षा रखते हैं और ईश्वर के उपहार सृष्टि के मूल्यों को बढ़ावा दे रहे हैं।

माग्रेट सुनीती मिंज-वाटिकन न्यूज

रोम, बुधवार 16 मार्च, 2022 (वाटिकन न्यूज) : कल्पना कीजिए कि 4000 से अधिक पेड़ों के घने जंगल आकाश की ओर बढ़ते हैं, जो इटली के वेंटोटीन द्वीप जितना बड़ा है। उस ऑक्सीजन की कल्पना करें जो 4000 पेड़ पैदा करने में सक्षम हैं और शुद्ध हवा जो वे उस ग्रह को दे सकते हैं जिसका दम अब घुट रहा है। लेकिन उस दुनिया की सुंदरता की भी कल्पना करें जो आखिरकार हरी हो जाती है। यह सलेसियन पोंटिफिकल यूनिवर्सिटी (यूपीएस) द्वारा विकसित ऊर्जा दक्षता परियोजना का दायरा है, जो 2021 के अंत में आधिकारिक तौर पर एकीकृत पारिस्थितिकी के मूल्यों को बढ़ावा देने के लिए संत पापा फ्राँसिस द्वारा वांछित ‘लौदातो सी’ पहल के मंच में शामिल हो गया।

ग्लोबल पावर सर्विस, स्वच्छ ऊर्जा का उत्पादन करने के लिए यूनिवर्सिटी की इमारतों के सभी छतों पर फोटोवोल्टिक पैनलों की एक प्रणाली स्थापित कर रही है जो नवीनतम उपकरण, वर्तमान 6 थर्मल पावर प्लांटों को प्रतिस्थापित करेगी जो कम प्रदूषण और अधिक कुशल होगी। इसका मतलब है कि विश्वविद्यालय प्रति वर्ष 230 टन कार्बनडाइऑक्साइड उत्सर्जन से पर्यावरण को बचाएगा, जो 580 नए पेड़ लगाने के बराबर है।

यूपीएस के रेक्टर फादर एंड्रिया बोजोलो कहते हैं, “हालांकि,  यूनिवर्सिटी समुदाय प्लास्टिक के उपयोग को कम करने, कम कागजी दस्तावेज तैयार करने और इलेक्ट्रिक वाहन रिचार्जिंग स्टेशन स्थापित करने के लिए भी प्रतिबद्ध है। यह सब हासिल करने के लिए एक बुनियादी कदम की जरूरत है: व्यवहार में परिवर्तन। जिस वातावरण में हम रहते हैं, हम में से प्रत्येक को अपने दैनिक जीवन में पारिस्थितिक होने और एक नई मानसिकता को अपनाने के लिए कहा जाता है।"

मानव जाति और सृष्टि के बीच एक नया रिश्ता

सृष्टि की देखभाल में एक ठोस योगदान, एक विश्वविद्यालय से आता है, उस स्थान से जहाँ, छात्रों का मानसिक विकास होता है, छात्रों को उपकरण का उपयोग करना सिखाया जाता हैं और और वे उनका उपयोग करते हैं। फादर बोजोलो कहते है, "हम विश्वासियों के लिए प्रकृति न केवल पर्यावरण है, बल्कि बाइबिल के अनुसार सृष्टि ईश्वर की रचना है। एक कलाकार के रुप में ईश्वर का काम, उसकी शैली और व्यक्तित्व, उसकी दुनिया, उसका अनुभव सृष्टि में समाहित है, इसलिए सृष्टि एक ऐसा शब्द है जिसे हमें सुनना और देखना चाहिए। इसलिए, अपने आम घर की अभिरक्षा के लिए खुद को समर्पित करके, हम अपने युवा लोगों को प्रशिक्षित करना चाहते हैं, जो पर्यावरण के मुद्दों के प्रति अत्यधिक संवेदनशील हैं और काम करने के लिए उत्सुक हैं। उन्हें  सृष्टि के साथ एक नया रिश्ता जोड़ने और विकसित करने हेतु प्रेरित करने की आवश्यकता है।

संत पापा बेनेडिक्ट सोलहवें का एक बहुत ही सुंदर लेख है, जिसे 1971 में लिखा था और जिसका शीर्षक था 'ख्रीस्तीय अस्तित्व की पवित्र नींव’, जिसमें तत्कालीन धर्मशास्त्री रत्ज़िंगर ने कहा था: जिस सांस्कृतिक संकट से हम गुजर रहे हैं, उसके मुख्य पहलुओं में से एक यह है कि समकालीन आदमी ब्रह्मांड में केवल पदार्थ देखता है और उस पदार्थ में, सृष्टि के तत्वों की पहचान किए बिना केवल सामग्री की प्रतीकात्मक गहराई तक नहीं जा पाता, जबकि यह पदार्थ उसके बनाने वाले की बात करती है। इसलिए यह मूलभूत है कि हम उस खोज की ओर वापस जाएं जो ईश्वर हमें बता रहे है, और हमारी परियोजना इसी दिशा में आगे बढ़ रही है। यह सिर्फ सौर पैनल नहीं लगा रहे हैं और अलग तरीके से ऊर्जा का उत्पादन कर रहा है, बल्कि यह सुनने का एक नया तरीका है..."

विश्वविद्यालयों की प्रेरक शक्ति

यूपीएस इटली में सौर पैनल स्थापित करने वाला पहला विश्वविद्यालय नहीं है, लेकिन यह निश्चित रूप से परमधर्मपीठीय संस्थानों में से एक है जो संत पापा फ्राँसिस के 'लौदातो सी' मार्ग का अनुसरण कर रहे हैं। संत पापा फ्राँसिस के विश्वपत्र 'लौदातो सी'  ने हमारी परियोजना को प्रेरित किया और हर दिन हमारे काम को प्रेरित करता है, विशेष रूप से अभिन्न पारिस्थितिकी के दृष्टिकोण से प्रकृति और गरीबों के क्रंदन को सुनने और उसका जवाब देने से खुद को अलग नहीं किया जा सकता है। ऐसी जीवन शैली के चुनाव और प्रचार करना, जिसका पर्यावरण पर कम प्रभाव पड़ता है। सटीक रूप से विश्वविद्यालय प्रशिक्षण और अंतःविषय ज्ञान की उत्कृष्टता का स्थान है, यह एक ही शैक्षिक परियोजना में विभिन्न दृष्टिकोणों को एक साथ लाने का सबसे अच्छा स्थान है।

छोटी परियोजना भी अंतर लाती है

रेक्टर फादर एंड्रिया विशेष रूप से उस कार्बन बैकपैक को हल्का करने के लिए हमारे व्यवहार को संशोधित करने की आवश्यकता पर बल देते हैं। वे कहते हैं, "यह केवल बड़ी परियोजनाएं नहीं हैं जो फर्क करती हैं, बल्कि हमारे दिनभर के व्यवहार में लाये जाने ले चीजों के चयन और अपने व्यवहार पर निर्भर करता है। हमने प्लास्टिक की खपत को कम करने, पानी की बर्बादी से बचने के लिए बाथरूम के नलों को संशोधित करने, ऊर्जा की बचत करने, खाद्य अपशिष्ट के पुनर्चक्रण करने का फैसला किया है। हम अक्सर पानी के नल को खुला छोड़ देते हैं और पानी बेकार बहता रहता है। इसे बहता देखते हुए भी कुछ लोगों पर कोई प्रतिक्रिया नहीं होती। हममें जागरूकता की कमी है। हम युवा पीढ़ी की मानसिकता और आध्यात्मिकता में बदलाव लाने के लिए शिक्षित करने की कोशिश कर रहे हैं। वैसे, हमारे युवाओं ने इस परियोजना का बहुत उत्साह से स्वागत किया है और इसे व्यापक रूप से समझ लिया है, हमने इसमें भाग लेने की उनकी महान इच्छा को भी देखा और इसलिए हम इस क्षेत्र में व्यावहारिक प्रशिक्षण देना चाहते हैं।”

ग्लोरिया अपनी कहानी बताती है

फादर बोजोलो कहते हैं कि इसका सबसे अच्छा उदाहरण यूपीएस के एक छात्रा से मिलता है। ग्लोरिया एक अलग तरह की चुनौती वाली युवती है, जिसे इलेक्ट्रिक व्हीलचेयर में घूमने के लिए मजबूर होना पड़ता है। ऊर्जा दक्षता परियोजना की प्रस्तुति की शाम के दौरान, ग्लोरिया ने माइक्रोफोन लिया और कहा: "'मुझे एहसास है कि मेरी इस कुर्सी को रिचार्ज करने के लिए हम बैटरी का उपयोग करते हैं जो प्रदूषण पैदा करता है और बहुत अधिक बिजली की खपत करता है। मुझे पता है कि आज बैटरियों को रिचार्ज करने के नए तरीके हैं जो अधिक पर्यावरण के अनुकूल हैं और यदि आवश्यक हो तो मैं अपनी कुर्सी बदलकर गवाही देने वाली पहली युवती बनना चाहूंगी।” यहां, दैनिक जीवन की आवाजाही और प्रबंधन की अपनी स्पष्ट और महत्वपूर्ण कठिनाइयों के बावजूद, ग्लोरिया पर्यावरण की रक्षा और सम्मान करने के लिए कुछ असुविधा को स्वीकार करने के लिए तैयार है। यह हमारे सोचने के तरीके को चुनौती देता है।"

शहरी और शैक्षिक उत्थान

सलेसियन यूनिवर्सिटी का पूरा परिसर एक बड़े हरे भरे पार्क से घिरा हुआ है जहाँ कई पेड़ और पौधे हैं। रेक्टर फादर बोजोलो ने कहा, "काम और लागत के मामले में एक बड़े निवेश के साथ हम सबसे अच्छे तरीके से देखभाल करने की कोशिश करते हैं, लेकिन हरे रंग से घिरे होने का अनुभव के सामने उसके बराबर कुछ नहीं है। इसलिए, इस परियोजना के कार्यान्वयन के माध्यम से, हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि अन्य लोग उस सुंदरता और ऑक्सीजन का आनंद ले सकें जो पेड़ हमें देते हैं। अतः यह एक पर्यावरण और साथ ही, शैक्षिक शहरी उत्थान है, जो विश्वविद्यालय के आसपास रहने वाले निवासियों को पर्यावरण के पक्ष में इसी तरह की गतिविधियों में शामिल होने के लिए प्रेरित करेगा।

ग्लोबल पावर सर्विस ग्रुप के अध्यक्ष एनरिको ज़ोकाटेली भी इस बात से आश्वस्त हैं। उनके अनुसार, स्थापित किए जाने वाले फोटोवोल्टिक सिस्टम की कल्पना पहले से ही एक ऊर्जा-संचालित समुदाय के संदर्भ में की गई है और इसलिए यह उत्पादित ऊर्जा को साझा करने की अनुमति देगा, बर्बादी या महंगी ऊर्जा संचय से बचाएगा। अन्य बातों के अलावा, परियोजना 50001 प्रमाणन प्राप्त करने के उद्देश्य से एक ऊर्जा नीति को अपनाने की उम्मीद करती है जो उपयोगकर्ताओं को नवाचार और प्रौद्योगिकी के माध्यम से मनुष्य और प्रकृति के बीच एक अच्छा संतुलन बनाने में मदद करती है। ज़ोकाटेली कहते हैं, "आइए, याद रखें," 4000 पेड़ों का वह जंगल जो अभी तक मौजूद नहीं है, लेकिन इन हस्तक्षेपों के लिए धन्यवाद, मौजूद रहेगा।"

बदलाव संभव है

समग्र मानव विकास विभाग के पारिस्थितिकी और निर्माण क्षेत्र के समन्वयक फादर जोशट्रोम कुरीथादम ने ग्लासगो जलवायु सम्मेलन में भाग लिया; उन्होंने लौदातो सी मंच के पहलों के बारे में बात की, जिनमें यूपीएस अब एक अभिन्न अंग है और अगले सात वर्षों के उद्देश्य हैं। "12,000 वर्षों में, पृथ्वी के तापमान में लगभग एक डिग्री का अंतर आया है। 1800 से आज तक, तापमान में 1.1 डिग्री की वृद्धि हुई है और हम पहले से ही परिणाम तूफान, सूखा, बाढ़ को देख रहे हैं। वैज्ञानिकों ने हमें चेतावनी दी है कि यदि औसत तापमान में वृद्धि जारी रही, तो परिणाम विनाशकारी होंगे। दुर्भाग्य से, ग्लासगो में किए गए काम के बावजूद और अगर वादे पूरे नहीं किए जाते हैं, तो हम अनिवार्य रूप से 2.5 डिग्री के करीब आ जाएंगे।"

फादर कुरीथादम हमें यह भी याद दिलाते हैं, "जलवायु संकट गरीबी, अकाल और बीमारी से निकटता से जुड़ा हुआ है जो प्रवास के मुख्य कारण हैं।" लेकिन, इन चिंताओं के बावजूद, वे हमसे यह विश्वास करने का आग्रह करते हैं कि "यह परिवर्तन संभव है, और यह दुनिया भर के युवाओं, अल्पसंख्यकों और समुदायों के जमीनी स्तर पर लामबंदी द्वारा प्रदर्शित किया जाता है जो हमारे ग्रह की रक्षा के लिए साहसपूर्वक खुद को प्रतिबद्ध कर रहे हैं।" एक ऐसा ग्रह जो किसी एक का नहीं, बल्कि हम सभी का है।

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16 March 2022, 16:10