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संत पापा फ्रांँसिस के साथ फादर जस्टिन तिरकी एस.जे संत पापा फ्रांँसिस के साथ फादर जस्टिन तिरकी एस.जे  

वाटिकन रेडियो ने ईश्वरीय राज्य के मूल्यों का प्रचार किया है, फादर जस्टिन

वाटिकन रेडियो ने 12 फरवरी को 91 साल पूरा किया। यह पोप का और काथलिक कलीसिया का रेडियो है। वाटिकन रेडियो ने "विश्वास को मजबूत किया है लोगों के बीच ईश्वरीय राज्य के मूल्यों का प्रचार-प्रसार किया है।"

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, शनिवार, 12 फरवरी 2022 (वाटिकन न्यूज हिन्दी) ˸ वाटिकन रेडियो हिन्दी विभाग के पूर्व अधिकारी डॉ. फादर जस्टिन तिरकी येसु समाजी ने वाटिकन रेडियो के महत्व एवं कलीसिया में इसके योगदान पर प्रकाश डाला।   

उन्होंने एक साक्षात्कार में कहा कि वाटिकन रेडियो ने विभिन्न अवसरों पर, लोगों के विश्वास को मजबूत किया है और उनके बीच ईश्वरीय राज्य के मूल्यों का प्रचार-प्रसार किया है, जिससे हजारों लोग, विशेषकर, हिन्दी भाषा-भाषी लोग लाभान्वित हुए हैं। इसके द्वारा लोगों को अपना जीवन सुन्दर, सफल और सार्थक बनाने में मदद मिली है। उन्होंने कहा, "इस सेवा के लिए मैं वाटिकन रेडियो के सभी कार्यकर्ताओं और सहकर्मियों को मेरी ओर से बधाईयाँ देना चाहता हूँ।"

फादर जस्टिन ने कहा, "मैं यह भी बताना चाहता हूँ कि वाटिकन रेडियो ऐसे समय में दुनिया में आया, जब लोगों को इसकी बहुत जरूरत थी। लोगों ने इसको सुन कर अपने जीवन का मार्गदर्शन किया। उस समय जब पूरे विश्व में एक ऐसा वातारण था जिसमें लोग लड़ाई-भिड़ाई से जुड़े हुए थे। प्रथम और द्वितीय विश्व युद्ध के बीच में यह एक ऐसा संदेश बना, जिसने लोगों को सकारात्मक सोचने की क्षमता प्रदान की। अच्छाइयों को देखने और सुनने के लिए उत्सुक रखा और इसके साथ ही विश्व शांति के लिए भी इसने अपना बहुत बड़ा योगदान दिया है। इसलिए वाटिकन रेडियो आज भी बहुत महत्वपूर्ण है लेकिन खासकर, उस दिनों यह एकमात्र ऐसा साधन था कम्युनिकेशन का, जिसे लोगों को मार्गदर्शन प्राप्त हुआ, विशेषकर काथलिक कलीसिया की ओर से इसने लोगों के बीच न केवल उत्साह भरा, जीने और आगे बढ़ने का साहस दिया, लेकिन विश्व युद्ध की समाप्ति के लिए भी अपना योगदान दिया। लोगों को शांतिप्रिय बनना सिखाया। लोगों में एक प्रकार की निराशा थी, उससे बाहर निकाला। इसलिए वाटिकन रेडियो अपने जन्म से लेकर आज तक अपनी सेवाएँ देता रहा है। इसकी सेवाओं को मैं दो रूपों में पाता हूँ – एक तो इस दुनिया को सुन्दर, बेहतर और अच्छा बनाने में और दूसरी बात कि इसने अपने जीवन में सही मार्ग को पकड़कर आगे बढ़ने में बहुत ही अहम भूमिका निभायी है।

डॉ. फादर जस्टिन तिरकी एस. जे को सुनें।

वाटिकन रेडियो के इतिहास में आपका नाम सुन्दर अक्षरों में लिखा हुआ है, आपने वाटिकन रेडियो में 8 सालों तक काम किया है। इस दरमियान आपका क्या अनुभव रहा है और आप इसके मिशन को किस रूप में देखते हैं।

आपने एक सुखद और अच्छा प्रश्न आपने मेरे लिए किया है। मैं 8 वर्षों तक वाटिकन रेडियो की सेवा से जुड़ा रहा हूँ। इसमें दो बातें मेरे लिए अहम थीं कलीसिया की अच्छी बातों को और संत पापा के संदेशों को लोगों तक पहुँचाना। यह एक अच्छा फोरम (मंच) था जहाँ से लोगों तक पहुँचने का बहुत ही अच्छा अवसर मिला। जब कभी हम अच्छी, भली और सच्ची बातों को लोगों तक पहुँचाते हैं तो एक प्रकार की आंतरिक खुशी मिलती थी। हालांकि मैं बहुत श्रोताओं से मिल नहीं पाया, लेकिन जो पत्र आते थे विशेषकर भारत से और दूरदराज से, उनसे यही सांत्वना मिलती थी कि लोगों तक ईश्वर का वचन पहुँच रहा है। कलीसिया जिन बातों को जोर देती है; एकता और मेल-मिलाप, एक साथ जीने और वसुनधैव कुटुम्बकम की भावना में बढ़ने के लिए, उसमें मैं विभिन्न रूपों में अपना योगदान दे पाया। संत पापा के संदेशों को फैलाते हुए साथ ही, उन दिनों में सोशल मीडिया का प्रचार-प्रसार भी जोरों पर था, तो उसके द्वारा भी मैंने पाया कि मैं लोगों तक पहुँच रहा था और अपने संदेशों को लोगों के घर-घर तक पहुँचा पाया। यह छोटा सा योगदान था लेकिन पत्रों को पढ़ने से, पत्रों को देखने से लगता है कि लोगों के जीवन में एक नई स्फूर्ति आयी, एक नई शक्ति मिली और कई लोगों को सही मार्ग में आगे बढ़ने में मैंने मदद पहुँचायी। इसकी मुझे बहुत संतुष्टि होती है और लगता है कि एक अच्छे काम के लिए योगदान दे पाया है। इसलिए वाटिकन रेडियो में यद्यपि हम लोगों को नहीं देखते लेकिन इसके आवाज लोगों के कानों तक पहुँचती है और कई लोगों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन हुए। कई लोगों का जीवन बदला कई लोग इसे जुड़ना पसंद करते थे। इस बात को जानकर खुशी होती थी कि रोम में रहकर भी हम लोगों को सच्ची एवं ईश्वरीय बातों से लोगों के घर-घर तक पहुँच सकते हैं और उनके जीवन को सुन्दर और अच्छा बना सकते हैं।

वाटिकन रेडियो किस तरह कलीसिया को अपना योगदान दे सकता है।

वाटिकन रेडियो आरम्भ से ही प्रभावकारी रहा है और यह हरदम प्रभावकारी रहेगा। आज के युग में संसाधन बढ़े हुए हैं, सोशल मीडिया के कई दरवाजे खुल गये हैं। फिर भी मूल रूप से जिन बातों का प्रचार-प्रसार हम करना चाहते हैं, उसका रूप बना रहेगा। यदि हम सोशल मीडिया को लेंगे तो वहाँ हम चित्रों को देखते हैं। हम वहाँ पर लोगों को विभिन्न रूपों में अपने आपको प्रस्तुत करते हुए देखते हैं। और साथ में हम आवाज भी सुनते हैं, अगर हम केवल चित्र देखेंगे या अन्य रूपों से अपने को प्रस्तुत करेंगे लेकिन आवाज की विशेषता हरदम बनी रहती है। अगर हम किसी बात को सुनते हैं तो वह हमारे दिल में समा जाता है, विशेष करके रेडियो के माध्यम से हम लोगों के दिलों को छूते हैं। हो सकता है कि हम पढ़ाई-लिखाई के द्वारा या चित्रों को देखकर के प्रभावित होते हों किन्तु जब यह वचन के रूप में हमारे कानों में पड़ता है तो हम आनन्दित होते हैं और यह हमारे दिल को सीधे छूता है। इसलिए यह साधन, यह आवाज जो मुँह से निकलती है, तीर की तरह लोगों को छूता रहेगा। ये हरदम प्रासंगिक बना रहेगा, भले भी लोग अन्य तरीकों से बातें करें, सम्पर्क बनायें, लेकिन जो आवाज है, जो शब्द हैं वे लोगों को नया जीवन देते रहेंगे। कई बार इसकी विशेषता यही है कि अगर आप आवाज से लोगों तक पहुँचते हैं तो वे इसे बार-बार सुन सकते हैं और बार -बार इसका रसास्वादन कर सकते हैं। बारम्बार अपने दिल में अनुभव कर सकते हैं। इसलिए यह बहुत सशक्त माध्यम है। अन्य माध्यम भी अपने तरीके से बहुत महत्वपूर्ण है जब हम सम्पर्क करते हैं देखते हैं किन्तु जब हम सुन्ते हैं, जब सुनाई पड़ता है हमारे दिल को सीधे रूप से प्रभावित करता है।

इस साल संत पापा फ्राँसिस ने कम्युनिकेशन (संचार) दिवस पर जो विषयवस्तु रखी है दुनिया के लिए, वह है "सुनें"। सुनना बहुत जरूरी है और जब हम सुनते हैं, ठीक से सुनते हैं और उसे अपने दिल में उतरने देते हैं तो जीवन में परिवर्तन आने की गुंजाईश बढ़ जाती है। इसलिए मैं कहूँगा कि यह कभी भी अप्रासंगिक नहीं होगा। हरदम प्रासंगिक ही रहेगा और इसमें जो कार्यरत हैं उनके लिए एक सांत्वना है कि उनके वचन लोगों के जीवन को बदल सकते हैं, नया बना सकते हैं, सार्थक और सफल बना सकते हैं।  

आज के युग में जब संचार के कई नये साधनों का अविष्कार किया जा चुका है। ऐसे समय में इसकी क्या प्रासंगिकता है?

ईश्वर के वचन को, ईश्वरीय राज्य के मूल्यों को घर-घर तक पहुँचाने का वाटिकन रेडियो ने जो लक्ष्य रखा है ये मूल्य हरदम बरकरार रहेंगे। आज बहुत सारी बातें, घटनाएँ हैं, समस्याएँ हैं, चुनौतियाँ हैं जो लोगों को विचलित कर सकती हैं। युद्ध के कगार पर दुनिया पहुँच सकती है ऐसे समय में वाटिकन रेडियो जो संत पापा का माऊथ पीस (प्रवक्ता) की तरह कार्य करता है। और इसके द्वारा लोगों को एक ऐसी दुनिया बनाने के लिए प्रेरित कर सकता है जहाँ लोग प्रेम से रह सकें, जहाँ लोग सहअस्तित्व को महत्व दे सकें, जहाँ लोग संवाद को महत्व दे सकें, लोग एक ऐसी दुनिया बनायें जहाँ हम एक दूसरे का सम्मान कर सकें, न केवल एक-दूसरे का, बल्कि पूरी प्रकृति का सम्मान कर सकें। नर-नारी का सम्मान कर सकें। जल- जंगल- जमीन की रक्षा कर सकें, जैसा कि लौदातो सी में संत पापा ने जोर दिया है। कलीसिया जिन बातों को महत्व देती है उन सभी बातों को, उन सभी मूल्यों को जिसके द्वारा हम चाहते हैं कि नई दुनिया निर्माण हो, वाटिकन रेडियो इस क्षेत्र में बहुत ही कारगर तरीके से लोगों के कानों तक पहुँच सकती है। और जैसा कि मैंने कहा है यह एक ऐसा माध्यम है जो बहुत दूर-दूर तक पहुँच सकती है। लोग इसको बार-बार सुन सकते हैं। इस तरह यह एक ऐसा माध्यम है जो लगातार काम कर सकता है। बार-बार लोगों तक पहुँच सकती है, ऐसी जगहों में भी जहाँ साधारणतः पहुँचना मुश्किल होता है। इसलिए मेरा तो मानना है कि यह काथलिक कलीसिया का बहुत सशक्त और प्रभावी साधन है। और इसके द्वारा हम दुनिया को एक नया रूप दे सकते हैं। इस नई दुनिया बना सकते हैं और हम ईश्वर के राज्य के मूल्यों को स्थापित करने में अपना बहुमूल्य योगदान दे सकते हैं।

वाटिकन रेडियो के जन्म दिवस पर टीम और हमारे श्रोताओं को आप क्या बोलना चाहेंगे।

मैं वाटिकन रेडियो की टीम को मैं फिर बधाइयाँ देना चाहता हूँ कि उनका काम बहुत ही महत्वपूर्ण है और इस दुनिया के लिए एक ऐसा काम है जिसकी सख्त जरूरत है। इसलिए वे हरदम उत्साहित रहें। अच्छा, भला और सच्चा काम करने से कदापि पीछे न हटें, कभी-कभी कोई भी प्रोत्साहन न मिले, लेकिन अच्छी बातें, भली बातें, सच्ची बातें, ईश्वर के राज्य की बातें, उनसे संबंध की बातें कभी भी व्यर्थ नहीं जाती। भले लगे कि मैं अपना योगदान दे रहा हूँ और कम लोग सुन रहे हैं या कोई सुन रहा है अथवा नहीं। उनसे मेरा यही कहना है कि आप कदापि न थकें, भला, अच्छा और सच्चा कार्य करने से।

और श्रोताओं से मैं यही कहना चाहूँगा आप अच्छी बातों को सुनना सीखें, अच्छी बातों को दिल में उतारना सीखें, और अच्छी बातों को आप अपने दिल में सजाए रखें इस तरह आप इसके अनुसार आचरण करेंगे। वाटिकन रेडियो जब भी कुछ बोलता है, जब भी कुछ प्रोगाम आते हैं तो उसका सार यही होता है कि हम अपना जीवन ईशमय बनायें, परहितमय बनायें, हम भी अपने जीवन से इस दुनिया को बेहतर बनायें। ताकि इस जीवन को जीने में आनन्द मिले और एक साथ मिलकर हम एक नई दुनिया बना सकें, जहाँ हम कह सकें कि इसी धरती में स्वर्ग आ गया है। इसी धरती में सब कुछ बेहतर हो रहा है। जैसा कि संत पापा ने वर्ल्ड कम्युनिक्शन डे (विश्व संचार दिवस) का थीम रखा है "सुनें", मैं भी कहता हूँ जरूर सुनें। मेरा विश्वास है कि इससे आपका जीवन सुन्दर, सफल और सार्थक होगा।      

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12 February 2022, 14:16