खोज

यूक्रेन के कीएव में स्वतंत्रता स्मारक के सामने लहराता यूक्रेन का ध्वज यूक्रेन के कीएव में स्वतंत्रता स्मारक के सामने लहराता यूक्रेन का ध्वज 

यूक्रेन के लोगों के प्रति भारत की कलीसिया की एकात्मता

भारत के राँची महाधर्मप्रांत के धर्माध्यक्षों ने यूक्रेन में रूसी सैनिकों के हमले से बुरी तरह प्रभावित लोगों के प्रति राँची की कलीसिया की ओर से सहानुभूति व्यक्त करते हुए, उन्हें अपनी प्रार्थना एवं एकात्मता का आश्वासन दिया है।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

राँची, शनिवार, 26 फरवरी 2022 (वीएन हिन्दी)˸ राँची के सहायक धर्माध्यक्ष माननीय थेओदोर मस्करेनहास ने 25 फरवरी को एक वीडियो संदेश में यूक्रेनवासियों को सम्बोधित करते हुए कहा, "यूक्रेन के प्रिय भाइयो एवं बहनो, हम इस सुदूर स्थान से आपके लिए प्रेम, स्नेह एवं एकात्मता की एक आवाज भेज रहे हैं। हम जानते हैं कि आप एक अत्यन्त कठिन परिस्थिति से गुजर रहे हैं, आपका देश एवं देश का हरेक व्यक्ति। जब हम एक शांतिपूर्ण छोटे देश पर नजदीक के बड़े भाई द्वारा हमले की निंदा करते हैं, हम आपके प्रति अपनी एकात्मता व्यक्त करना चाहते हैं।"

उन्होंने युद्ध की तबाही की याद करते हुए कहा, "हम युद्ध कभी नहीं चाहते और युद्ध ने कभी किसी की अच्छाई नहीं की। जो कुछ भी हल करना है उसे शांतिपूर्ण प्रयासों से हल किया जाना चाहिए।"

धर्माध्यक्ष ने प्रार्थना करते हुए कहा, "हम आप सभी के लिए प्रार्थना करते हैं। हमने हमारे संत पिता की अपील सुनी है जिन्होंने यूक्रेन के लिए 2 मार्च को प्रार्थना की मांग की है। किन्तु हम यहाँ आप सभी के लिए प्रभु से उत्साहपूर्ण प्रार्थना शुरू कर चुके हैं कि वे आपकी रक्षा करें, आपका मार्गदर्शन करें और आपकी मदद करें। प्यारे भाइयो एवं बहनो, इस संकटपूर्ण घड़ी में न केवल यूक्रेन के लिए बल्कि सभी शांतिप्रिय लोगों और ईश्वर की प्रजा के लिए हम अपना प्रार्थनामय आश्वासन देना चाहते हैं कि हम आपके करीब हैं। युद्ध तबाही लाता है जो सालों तक बना रहता है।"

राँची महाधर्मप्रांत के धर्माध्यक्ष ने कहा कि हम आपके बच्चों एवं महिलाओं तथा दुर्बल लोगों की चिंता करते हैं, आपके सैनिकों की याद करते हैं, आपकी आर्थिक स्थिति को सोचते हैं। आपके निकट रहने के लिए हम इस सुदूर जगह से जितना कर सकते हैं, उतना करने के लिए तैयार हैं। ईश्वर आप सभी को आशीष प्रदान करे।

यूक्रेन में रूसी हमले, भारत के धर्माध्यक्षों की प्रार्थना एवं सहानुभूति

Thank you for reading our article. You can keep up-to-date by subscribing to our daily newsletter. Just click here

26 February 2022, 16:21