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माल्टा के वालेत्ता में समुद्री तट पर आये आप्रवासी, तस्वीरः 10.02.2022 माल्टा के वालेत्ता में समुद्री तट पर आये आप्रवासी, तस्वीरः 10.02.2022 

फ्लोरेन्स बैठक सम्वाद का सुनहरा मौका, महाधर्माध्यक्ष शिक्लूना

माल्टा के महाधर्माध्यक्ष चार्ल्स शिक्लूना ने आप्रवास समस्या से जूझ रहे देशों के सामने प्रस्तुत चुनौतियों के बीच सद्भाव और न्याय को बढ़ावा देने के उद्देश्य से इटली के फ्लोरेन्स शहर में 23 से 27 तक आयोजित भूमध्य सागर के धर्माध्यक्षों एवं महापौरों की बैठक को सम्वाद का एक सुनहरा मौका निरूपित किया है।

जूलयट जेनेवीव क्रिस्टफर-वाटिकन सिटी

इटली, फ्लोरेन्स, शुक्रवार, 18 फरवरी 2022 (रेई,वाटिकन रेडियो): माल्टा के महाधर्माध्यक्ष चार्ल्स शिक्लूना ने आप्रवास समस्या से जूझ रहे देशों के सामने प्रस्तुत चुनौतियों के बीच सद्भाव और न्याय को बढ़ावा देने के उद्देश्य से इटली के फ्लोरेन्स शहर में 23 से 27 तक आयोजित भूमध्य सागर के धर्माध्यक्षों एवं महापौरों की बैठक को सम्वाद का एक सुनहरा मौका निरूपित किया है।  

तीन दिवसीय उक्त बैठक के अंतिम दिन सन्त पापा फ्राँसिस भूमध्यसागर के महत्वपूर्ण शहरों के धर्माध्यक्षों और महापौरों से मुलाकात करेंगे।

फ्लोरेन्स शहर में आयोजित बैठक भूमध्यसागर से संलग्न समुदायों और शहरों में आप्रवास तथा इससे सम्बन्धित चुनौतियों पर विचार-विमर्श को समर्पित है। यह उस संवाद को फिर से शुरू करने का अवसर भी प्रदान करती है जिसका शुभारम्भ, फरवरी 2020 में, सन्त पापा फ्राँसिस ने इटली के बारी नगर की प्रेरितिक यात्रा के दौरान किया था तथा जिसमें भूमध्य सागर के 20 देशों के धर्माध्यक्ष एकत्र हुए थे।

वाटिकन न्यूज़ से बातचीत में माल्टा के महाधर्माध्यक्ष चार्ल्स शिक्लूना ने छोटे से टापू देश माल्टा के लिये उक्त बैठक के महत्व को प्रकाशित किया।

ग़ौरतलब है कि विगत कई वर्षों से बड़ी संख्या में आप्रवासी माल्टा के समुद्रीतट तक पहुंचने के लिए भूमध्यसागरीय जल का बहादुरी से सामना कर रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी (यूएनएचसीआर) के अनुसार, विगत वर्ष पहली जनवरी से 31 दिसंबर के बीच देश में 832 आप्रवासी नावों ने माल्टा में प्रवेश किया था।

माल्टा एक "मिलन बिंदु

महाधर्माध्यक्ष चार्ल्स शिक्लूना ने कहा, "माल्टा भूमध्य सागर के केंद्र में है, यह न केवल एक भौगोलिक एवं राजनैतिक स्थिति है, बल्कि भू-मध्य सागर पर इतने सारे नाविकों के लिए एक सुरक्षित आश्रय स्थल है , जो हमारी विरासत का एक अहं हिस्सा है।"

उन्होंने कहा कि इससे भी अधिक, माल्टा संस्कृति और इतिहास का एक  "मिलन बिंदु" रहा है और अन्य समय में "संघर्ष का बिंदु" भी रहा है। इस सन्दर्भ में, महाधर्माध्यक्ष शिक्लूना ने कहा कि फ्लोरेन्स की बैठक का लक्ष्य अर्थात् शांति को प्रोत्साहन देना भूमध्यसागरीय क्षेत्र की उत्तरजीविता के लिये अति महत्वपूर्ण है।  

मैत्री एवं न्याय हेतु सम्वाद

महाधर्माध्यक्ष ने कहा कि फरवरी के अन्त में आयोजित धर्माध्यक्षों एवं महापौरों की उक्त तीन दिवसीय बैठक मुलाकात, वाद-विवाद और परस्पर सम्वाद का एक अच्छा मौका सिद्ध होगी जो अपने आप में एक आशीर्वाद है। उन्होंने कहा कि निश्चित्त रूप से धर्माध्यक्षों, महापौरों एवं नागर समाज के प्रतिनिधियों के बीच बैठक सम्वाद को प्रोत्साहन देगी तथा "अधिक सद्भाव और अधिक न्याय की बहाली करेगी।" उन्होंने कहा कि जिम्मेदारियों को निभाने के लिये यह आवश्यक है कि आशा और आपसी विश्वास को सशक्त बनाया जाये।"

आप्रवासियों की सुरक्षा

आप्रवास सम्बन्धी कलीसिया के प्रयासों और अवैध व्यापार सहित प्रायः ख़तरनाक स्थितियों का सामना करने वाले आप्रवासियों के लिए सुरक्षित चैनलों के निर्माण के बारे में एक सवाल के जवाब में, महाधर्माध्यक्ष ने प्रत्येक मानव व्यक्ति की गरिमा की रक्षा हेतु सन्त पापा फ्राँसिस के लगातार आह्वान पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, "यदि हम अन्यों को सुरक्षित और मानवीय तरीके से व्यवहार करने के लिए सशक्त नहीं बनाते हैं, तो हम भी अपने घरों में सुरक्षित नहीं रह पायेंगे।"

माल्टा में सन्त पापा की यात्रा

सन्त पापा फ्राँसिस आगामी 2-3 अप्रैल को माल्टा की प्रेरितिक यात्रा पर जायेंगे। इस सन्दर्भ में महाधर्माध्यक्ष शिक्लूना ने आशा व्यक्त की कि सन्त पापा की प्रेरितिक यात्रा भूमध्य सागर के केन्द्र में  "सुलह का संदेश" और "भविष्यवाणी की आवाज" बनें,  ताकि इसका पानी "नीला कब्रिस्तान" बनने के बजाय "शांति का समुद्र, सद्भाव का समुद्र और बेहतर जीवन खोजने की कोशिश करनेवालों के लिए एक सुरक्षित मार्ग बन सके।"

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18 February 2022, 11:32