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जेनेवा में 21 जनवरी 2022 की सभा जेनेवा में 21 जनवरी 2022 की सभा 

यूक्रेन के राजदूत ˸ पोप का सामीप्य हिम्मत बंधाता है

संत पापा फ्राँसिस ने बुधवार 26 जनवरी को, यूक्रेन में शांति हेतु प्रार्थना दिवस के रूप में समर्पित करने का आह्वान किया है। उन्होंने तनाव बढ़ने पर चिंता व्यक्ति की है क्योंकि यह शांति के लिए खतरा तथा यूक्रेन एवं पूरे यूरोप की सुरक्षा का सवाल है। वाटिकन रेडियो के साथ एक साक्षात्कार में यूक्रेन के प्रेरितिक राजदूत महाधर्माध्यक्ष विसवाल्दस कुलबोकास ने देश में तनाव के बीच संकट पर ध्यान क्रेंदित किया।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

यूक्रेन, मंगलवार, 25 जनवरी 2022 (रेई)- यूक्रेन के प्रेरितिक राजदूत ने कहा कि ये समय कूटनीति का है जो समझौता के द्वारा यूक्रेन एवं रूस के बीच तनाव को शांत करना चाहती है। पश्चिम और रूस एक संकट की मध्यस्थता करने की कोशिश कर रहे हैं जो करीब एक साल पुराना है जो शुरू में छोटे रूप में था किन्तु अब युद्ध का रूप ले लिया है। देश के प्रेरितिक राजदूत महाधर्माध्यक्ष ने वाटिकन न्यूज से बातें कीं। उन्होंने बतलाया कि लोग पोप फ्राँसिस के सामीप्य से दिलासा महसूस कर रहे हैं   

यूक्रेन में पोप की अपील को किस तरह लिया गया?

यूक्रेन में पोप फ्राँसिस की अपील को तुरन्त स्वीकार किया गया। वहाँ के लोग संत पापा को बहुत धार्मिक स्वभाव के व्यक्ति मानते हैं, अतः रविवार को देवदूत प्रार्थना के उपरांत उनकी इस अपील को एक अत्यन्त महत्वपूर्ण समाचार के रूप में तत्काल स्वीकार किया गया। यूक्रेन में कठिनाई के इस समय में, बतलाना कि आप अकेले नहीं है और भुलाये नहीं गये हैं, बड़ी मदद हैं जो हृदय को उठाता, सामीप्य एवं एकात्मता का एहसास दिलाता है।   

लोगों के बीच अभी क्या स्थिति हैं?

प्रेरितिक राजदूत के रूप में मेरे इस मिशन के दौरान देश के पूर्वी हिस्से में युद्ध 8 सालों से जारी है और इसने निश्चय ही कई समस्याएँ उत्पन्न की है। कई लोगों ने अपने प्रियजनों को खो दिया है। कई लोग युद्ध से बुरी तरह प्रभावित हैं। अनेक लोगों ने अपना स्वस्थ, घर और नौकरी खो दी है – किन्तु इन सभी चीजों ने यूक्रेन को कठिनाइयों के सामने मजबूत बनाया है।

संघर्ष के बढ़ने के खतरे को अधिक साहस के साथ अनुभव किया है। चिंताएँ हैं किन्तु इसके साथ-साथ मैंने गौर किया है कि मातृभूमि के लिए बहुत अधिक प्रेम है। जैसा कि बहुत से लोग जानते हैं, यहां मूल यूक्रेनियन हैं, और ऐसे क्षेत्र हैं जहां रूसियों की प्रधानता है, या अन्य जगह जहां पोलिश लोगों की एक बड़ी उपस्थिति है, लेकिन इस महीने मैं हर किसी के प्यार की सराहना कर पा रहा हूँ। मैं नहीं कहता कि यहाँ कोई कठिनाई नहीं है बल्कि आमतौर पर पूरे देश में संघर्ष बढ़ गया है।

स्थानीय कलीसिया इस परिस्थिति को किस प्रकार महसूस कर रही है?

मैं केवल यूक्रेन के काथलिकों के संदर्भ में उत्तर दे रहा हूँ किन्तु वहाँ ऑर्थोडॉक्स कलीसिया एवं अन्य कलीसियाएँ भी हैं। जैसा कि हम जानते हैं ग्रीक काथलिक कलीसिया में और लातीनी रीति काथलिक कलीसिया में 2014 से ही जब संघर्ष शुरू हुआ, तब से हर मिस्सा बलिदान एवं प्रार्थनासभा में शांति के लिए प्रार्थना की जा रही है। इन पिछले कुछ सप्ताहों में शांति के लिए प्रार्थना अधिक तेज हो गई है और खासकर, 26 जनवरी को विशेष प्रार्थना का अवसर होगा जब पोप फ्राँसिस के निमंत्रण पर, हम सभी एवं भली इच्छा रखनेवाले लोग प्रार्थना करेंगे।  

इस समय में यूक्रेन के लोगों के लिए प्रार्थना का क्या महत्व है?

मैं यह सवाल खुद अपने आप से पूछा हूँ और मेरा निष्कर्ष यही है कि हमें सबसे बढ़कर, ख्रीस्त के विश्वासी के रूप में और मानव प्राणी के रूप में अपनी बुलाहट पर गौर करना है। जैसा कि हमने देखा है पिछले रविवार को संत पापा फ्राँसिस ने जोर दिया है कि हम स्त्री और पुरूष कहलाने के योग्य हैं यदि हम एक-दूसरे को भाई और बहन न मानें। नबी इसायस कहते हैं ˸ ईश्वर आपकी प्रार्थना तब तक नहीं सुनेंगे जब तक आप मन-परिवर्तन नहीं करेंगे और न्याय एवं दया को नहीं अपनायेंगे। इसलिए यह प्रार्थना जिसको हम शांति के लिए कर रहे हैं, सबसे बढ़कर इस प्रार्थना का अर्थ है अपने आपको परिवर्तित करना। ईश्वर के प्रति निष्ठावान रहना तथा सभी के प्रति विनम्रता, साहस, रचनात्मकता से भाईचारा एवं करुणा को जीना ताकि हम कह सकें कि अब मैं सब कुछ आपके हाथों सौंप देता हूँ।

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25 January 2022, 16:55