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होम्स शहर का टूटा फूटा घऱ होम्स शहर का टूटा फूटा घऱ 

सीरिया में, ईसाई समुदाय के पुनर्निर्माण हेतु सहायता की आवश्यकता

सीरिया में अन्य ख्रीस्तीय संप्रदायों के कलीसियाओं की तरह, ग्रीक काथलिकों का होम्स धर्मप्रांत भी युद्ध के कारण गंभीर रुप से क्षति ग्रस्त है। धार्मिक भवनों के पुनर्निर्माण के लिए अंतर्राष्ट्रीय समर्थन मौलिक है, जिसके बिना ख्रीस्तीय समुदाय की वापसी के बारे में सोचना मुश्किल है।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

होम्स, सीरिया, सोमवार 3 जनवरी 2022 (वाटिकन न्यूज) : जर्मनी में स्थित परमधर्मपीठीय संघ ‘अंतरराष्ट्रीय एसीएन’, दुनिया भर के तेईस देशों में मौजूद है और इटली में "एड टू द चर्च इन नीड" से जाना जाता है। तरराष्ट्रीय एसीएन’ ने हाल ही में लेबनान और सीरिया में परियोजनाओं के वित्तपोषण के लिए पांच मिलियन यूरो आवंटित किया है। इस समर्थन के बिना, दस साल से अधिक युद्ध से पीड़ित राष्ट्र सीरिया में लोग अपने क्षतिग्रस्त घरों में और प्रार्थना करने के लिए गिरजाघरों में वापस नहीं आ पाते।

नष्ट किए गए शहर

पिछले वर्षों में, देश के तीसरे सबसे अधिक आबादी वाले शहर होम्स के केंद्र में स्थित ग्रीक काथलिक धर्माध्यक्षीय निवास और महागिरजाघर के पुनर्निर्माण के लिए अंतर्राष्ट्रीय एसीएन के धन का उपयोग किया गया है। ग्रीक काथलिक धर्माध्यक्ष जीन अब्दो अर्बैक ने कहा, "जब मैं होम्स लौटा, तो मैं धर्माध्यक्षीय निवास में प्रवेश करने में असमर्थ था क्योंकि यह सशस्त्र लोगों द्वारा घेर लिया गया था। पहली बार मैं 9 मई, 2014 को होम्स गया था, उस समय होम्स शहर पूरी तरह से नष्ट हो गया था, सभी घरों को ध्वस्त कर दिया गया था और शहर में केवल 20 ख्रीस्तीय रहते थे।”

होम्स के ग्रीक-काथलिक धर्माध्यक्ष जीन अब्दो अर्बाच
होम्स के ग्रीक-काथलिक धर्माध्यक्ष जीन अब्दो अर्बाच

धर्माध्यक्ष जीन ने पहले अपने निवास स्थान, महागिरजाघर और बाद में कुछ घरों के पुनर्निर्माण में सक्रिय रूप से अपना योगदान दिया। उन्हें देखकर विभिन्न संप्रदायों के कुछ ख्रीस्तीय परिवार शहर लौट आए। वर्तमान में ग्रीक ऑर्थोडॉक्स कलीसिया में करीब 140 परिवार हैं। युद्ध से पहले, यह सबसे बड़ा समुदाय था। गिरजाघर के पुनर्निर्माण के दौरान, एक प्राचीन भूमिगत गिरजाघर भी खोजा गया जो इस क्षेत्र के पहले ख्रीस्तियों के युग का है, वे भूमिगत खोदी गई गुफाओं में छिपकर प्रार्थना करने के लिए एकत्रित होते थे।

युद्ध के अलावा, आर्थिक संकट, महामारी और प्रतिबंध भी

धर्माध्यक्ष अर्बाच पेन और कागज लेते हैं और कुछ चित्रों को दिखाते हुए बताते हैं कि आज की स्थिति "आतंकवादियों" और सरकारी बलों के साथ एक समझौते के बाद 2014 में होम्स में समाप्त युद्ध की अवधि से भी अधिक कठिन है। धर्माध्यक्ष बताते हैं, "संघर्ष के दौरान हमें किसी भी चीज़ की कमी नहीं करने के लिए ईश्वर को धन्यवाद दिया। वास्तव में लेबनान और जॉर्डन की सीमाएँ खुली थीं और हम वहाँ आगे बढ़ सकते थे।" यह विरोधाभासी लगता है, लेकिन वास्तव में, आर्थिक संकट महामारी के साथ आई, जिसके परिणामस्वरूप पड़ोसी देश की सीमा बंद हो गई। इसके साथ सीरिया पर लगाए गए प्रतिबंध हैं, अर्थात् 2019 में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा हस्ताक्षरित "सीज़र अधिनियम" है जो जून 2020 में लागू हुआ। तब से, सभी विदेशी कंपनियों को क्षेत्र से वापस ले लिया गया और सीरियाई लोगों को अपने हाल में छोड़ दिया गया। धर्माध्यक्ष अर्बाच ने कहा, "अब हम आगे नहीं बढ़ सकते, हमारे पास अब नकदी नहीं है, अब कोई आयात या निर्यात नहीं है और कीमतें आसमान छू रही हैं।"

होम्स के एक पुराने गिरजाघऱ में अरबी में एवेन्यू मारिया का गायन

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03 January 2022, 15:41