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जर्मनी के म्यूनिख शहर में पत्रकार सम्मेलन में प्रस्तुत का गई रिपोर्ट, 20.01.2022 जर्मनी के म्यूनिख शहर में पत्रकार सम्मेलन में प्रस्तुत का गई रिपोर्ट, 20.01.2022  (AFP and licensors)

जर्मनी, यौन दुराचार रिपोर्टः कलीसिया पीड़ितों के समीप

जर्मनी के म्यूनिख शहर में गुरुवार को एक प्रेस सम्मेलन में म्यूनिख महाधर्मप्रान्त में सन् 1945 ई. से लेकर 2019 तक हुए यौन दुराचारों की एक रिपोर्ट प्रकाशित की गई जिसमें बताया गया कि 74 वर्षों के अन्तराल में कम से कम 497 व्यक्ति यौन दुराचार के शिकार बने।

जूलयट जेनेवीव क्रिस्टफर-वाटिकन सिटी

म्यूनिख, शुक्रवार, 21 जनवरी 2022 (रेई, वाटिकन रेडियो): जर्मनी के म्यूनिख शहर में गुरुवार को एक प्रेस सम्मेलन में म्यूनिख महाधर्मप्रान्त में सन् 1945 ई. से लेकर 2019 तक हुए यौन दुराचारों की एक रिपोर्ट प्रकाशित की गई जिसमें बताया गया कि 74 वर्षों के अन्तराल में कम से कम 497 व्यक्ति यौन दुराचार के शिकार बने।  यौन दुराचार पीड़ितों में 247 पुरुष एवं 182 महिलाएँ शामिल हैं जो दुराचार के समय 8 वर्ष से लेकर 14 तक की आयु वाले थे।

लगभग 1000 पृष्ठों वाली रिपोर्ट पीड़ितों सहित उन लोगों के साथ बातचीत और साक्षात्कारों के माध्यम से एकत्र की गई जानकारी पर आधारित है, जो महाधर्मप्रान्त में ज़िम्मेदार थे तथा अभी भी हैं। सर्वेक्षण में शामिल 71 लोगों में से 56 ने अनुरोध का जवाब दिया तथा अगस्त 2021 के अंत में बयानों की तुलना की गई। "वास्तविक या संदिग्ध" 65 दुराचारियों के नाम रिपोर्ट में प्रस्तुत किए गए हैं। म्यूनिख महाधर्मप्रान्त ने एक वकतव्य में बताया कि महाधर्मप्रांत "प्रारंभिक जांच के बाद," अगले गुरुवार, 27 जनवरी को इस पर अपनी टिप्पणी प्रकाशित करेगा।

परमधर्मपीठ का वकतव्य

इसी बीच, वाटिकन से परमधर्मपीठीय प्रेस के निर्देशक मातेओ ब्रूनी ने पत्रकारों से कहा, "परमधर्मपीठ का मानना ​​है कि दस्तावेज़ पर उचित ध्यान दिया जाना चाहिए, जिसकी सामग्री इस समय अज्ञात है। आगामी दिनों में, इसके प्रकाशन के बाद, परमधर्मपीठ सावधानीपूर्वक इसका पाठ कर, विस्तृत परीक्षण में सक्षम होगी।" उन्होंने कहा, "नाबालिगों के खिलाफ पुरोहितों के दुराचारों के लिए शर्म और पश्चाताप की पुनरावृत्ति करते हुए परमधर्मपीठ सभी पीड़ितों के प्रति अपनी निकटता व्यक्त करती और नाबालिगों की रक्षा और उनके लिए सुरक्षित वातावरण सुनिश्चित करने हेतु किये जा रहे प्रयासों की पुष्टि करती है।"

रिपोर्ट में म्यूनिख के पूर्व महाधर्माध्यक्ष कार्डिनल जोसफ राटसिंगर अर्थात् सेवानिवृत्त सन्त पापा बेनेदिक्ट 16 वें का भी ज़िक्र है, जो 1977 से 1982 तक म्यूनिख के महाधर्माध्यक्ष रहे थे। कहा गया कि महाधर्माध्यक्ष पद पर रहे कार्डिनल राटसिंगर ने दुराचारियों को दण्डित करने के लिये कोई उपाय नहीं किये थे। तथापि रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि इस विषय में रिपोर्ट तैयार करनेवालों जाँचकर्त्ताओं ने सन्त पापा बेनेदिक्ट 16 वें से बातचीत की थी, जिन्होंने उनके सभी सवालों का जवाब देकर स्पष्ट कर दिया था कि दुराचार की घटनाओं का उन्हें कोई ज्ञान नहीं था।

महाधर्माध्यक्ष गेन्सवाईन की प्रतिक्रिया

म्यूनिख की एक कानून कम्पनी द्वारा तैयार उक्त रिपोर्ट की प्रकाशना के बाद सेवानिवृत्त सन्त पापा बेनेदिक्ट 16 वें के व्यक्तिगत सचिव महाधर्माध्यक्ष गेन्सवाईन पत्रकारों से रुबरु हुए। उन्होंने इस बात की पुष्टि की कि गुरुवार को रिपोर्ट के प्रकाशन तक सन्त पापा बेनेदिक्ट को उक्त रिपोर्ट का कोई ज्ञान नहीं था। उन्होंने कहा कि आनेवाले दिनों में अवश्य वे इसे ध्यानपूर्वक पढेंगे तथा इसपर टीका करेंगे।  महाधर्माध्यक्ष गेन्सवाईन ने इस तथ्य की पुनरावृत्ति की कि सन्त पापा बेनेदिक्ट 16 वें कई मौकों पर नाबालिगों के विरुद्ध पुरोहितों के यौन दुराचारों को शर्मनाक घोषित कर चुके हैं तथा पीड़ितों के प्रति अपने सामीप्य की अभिव्यक्ति कर उनके लिये प्रार्थना करते हैं।

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21 January 2022, 11:54