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#मैं कलीसिया हूँ ˸ "हम" नहीं "वे" – कलीसिया के जीवन में दिव्यांग

लोकधर्मी, परिवार एवं जीवन को प्रोत्साहन देने हेतु गठित परमधर्मपीठीय परिषद द्वारा जारी #मैं कलीसिया हूँ पहल में पाँच वीडियो हैं जो दिखलाते हैं कि दिव्यांग व्यक्ति अपने दैनिक जीवन के संघर्षों के बीच, जिसको वह बोझ के रूप में नहीं लेता अथवा अपने को अलग कर लेता बल्कि कलीसियाई समुदाय में एक विशिष्ट योगदान देता है। इस क्रम में चौथे वीडियो का शीर्षक है – "'हम' नहीं 'वे' – कलीसिया के जीवन में दिव्यांग।"

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, शनिवार, 15 जनवरी 2022 (रेई)- #मैं कलीसिया हूँ, श्रृंखला के चौथे वीडियो में, एक ऑस्ट्रेलियाई जेस्विट पुरोहित फादर जस्टिन ग्लिन एस.जे के चिंतन को प्रस्तुत किया गया है, जिन्होंने अपनी दिव्यांग स्थिति से शुरू करते हुए सीमा पार कर अपने को सामान्य मानव की स्थिति तक पहुँचाया है।

फादर ग्लिन ने विकलंगता एक दोष है के विचार को अस्वीकार किया है। उनका मानना है कि हमारी सीमाएँ दुर्भाग्य या सजा नहीं हैं बल्कि मानव व्यक्ति के रूप में हमारी स्थिति के रहस्य के हिस्से हैं। जो अपने तरीके से ईश्वर की छवि प्रकट करते और एक साथ ख्रीस्त के शरीर का निर्माण करते हैं।  

इस दृष्टिकोण से, जब हम कलीसिया के जीवन में दिव्यांग की बात करते हैं तब कहा जा सकता है कि – अंततः - "हम" नहीं "वे"।

सक्रिय काथलिक, चुपचाप ग्रहण करनेवाले नहीं

फादर ग्लिन के शब्द उन ख्रीस्तियों के चिंतन के महत्व को प्रकट करते हैं जो खुद इस स्थिति में जीते हैं ताकि ईशशास्त्रीय एवं प्रेरितिक दोनों ही स्तरों पर विकलंगता के विभिन्न पहुँचों को खोला जा सकें।  

इसके अलावा, वे उन लोगों को भी मदद देते हैं जो महसूस करते हैं कि विकलंगता कलीसिया के ध्यान में चुपचाप ग्रहण करना है बल्कि वे हर बपतिस्मा प्राप्त व्यक्ति की सामान्य बुलाहट की खोज कर सकें।

"हम व्यक्ति के रूप में पूर्णता के लिए नहीं बुलाये गये हैं। जी नहीं, हम सीमित और दुर्बल स्वभाव को बांटने के लिए बुलाये गये हैं जिसको हम विश्वास करते हैं कि ख्रीस्त हमारे साथ साझा करने आये।"  

#मैं कलीसिया हूँ पहल, लोकधर्मी, परिवार एवं जीवन को प्रोत्साहन देने हेतु गठित परमधर्मपीठीय परिषद द्वारा जारी अमोरिस लेतित्सिया परिवार वर्ष का हिस्सा है। इसके द्वारा फेंकने की संस्कृति के शिकार लोगों पर प्रकाश डाला गया है जो मानवता की एक मुस्कुराती छवि को प्रकट करते हैं और कतई पीड़ित नहीं हैं। यह कलीसिया का एक आकर्षक चेहरा है।

 

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15 January 2022, 16:39