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सिलिसिया के अर्मेनियाई प्राधिधर्माध्यक्ष रफाएल बेड्रोस 21वें मिनासियन सिलिसिया के अर्मेनियाई प्राधिधर्माध्यक्ष रफाएल बेड्रोस 21वें मिनासियन  

बेरूत में ख्रीस्तीय एकता प्रार्थना सप्ताह का उद्घाटन रफाएल बेड्रोस ने की

लेबनान की राजधानी में अर्मेनियाई काथलिक महागिरजाघर संत एलाइजा एवं संत ग्रेगोरी प्रकाशक में, अर्मेनियाई काथलिकों के सिलिसिया के प्राधिधर्माध्यक्ष रफाएल बेड्रोस 21वें ने सभी विश्वासियों को निमंत्रण दिया है कि वे मुक्तिदाता ख्रीस्त एवं यूखरिस्त के रहस्य को देखते हुए पृथकताओं से ऊपर उठें।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

बेरूत, मंगलवार, 18 जनवरी 2022 (वीएनएस)- लेबनान के बेरूत में ख्रीस्तीय एकता हेतु प्रार्थना सप्ताह का उद्घाटन करते हुए सिलिसिया के अर्मेनियाई प्राधिधर्माध्यक्ष रफाएल बेड्रोस 21वें मिनासियन ने एक चिंतन प्रस्तुत किया है तथा उन बातों की याद की है जो ख्रीस्तियों को एक साथ लाता है इसकी शुरूआत मेल-मिलाप के संस्कार में विश्वासियों की प्रार्थना से होती है। "जब हम पापस्वीकार के लिए जाते हैं, हम कहते हैं, "हे धर्मपिता, मुझे क्षमा कर क्योंकि मैंने मन, वचन, कर्म और चूक से पाप किया है।"    

महाधर्माध्यक्ष ने याद किया कि एकता के विषय, मकसद और शब्द मेल नहीं खाते तथापि हम एकता की चाह रखते हैं, हम इसके सच्चे अर्थ को नहीं समझते हैं। "हम पृथ्वी पर फैले हुए हैं और व्यक्तिगत एवं सामूहित स्वार्थ के उथल-पुथल में पड़ गये हैं तथा अपने मुक्तिदाता को भुला दिये हैं।" उन्होंने कहा कि हमने इसके उद्देश्य को ही भुला दिया है जो मुक्ति का रहस्य है।     

बेतलेहेम का प्रकाश

प्राधिधर्माध्यक्ष ने गौर किया कि कई लोगों ने एकता के लिए कार्य किया है एवं इसके लिए जोर दिया है किन्तु कभी-कभी हम दूसरे लोगों को अपने सिद्धांत के करीब लाने के लिए रोमी सैनिकों के समान काम करते हैं जिन्होंने क्रूस के नीचे येसु के कपड़े पर चिट्टी डाली थी। हम भी वैसा ही करते हैं ख्रीस्त के कपड़े पर झगड़ा करते हैं।

उन्होंने कहा कि ख्रीस्त किसी खास दल के लिए नहीं बल्कि सभी राष्ट्रों, पूरी मानव जाति के लिए जन्में और क्रूसित हुए। उन्होंने कहा कि हमें बेतलेहेम के प्रकाश पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए जो चरवाहों, ज्ञानियों और मुक्ति के सुसमाचार का मूल है। सुसमाचार हमारे पास लाया गया है और यह मुक्तिदाता ख्रीस्त में है जो हर दिन जन्म लेते और हर गिरजाघर में यूखरिस्त के हर रहस्य में उपस्थित होते हैं, यह हर रीति और हर कलीसिया में एक समान है।  

प्रार्थना की शक्ति

प्राधिधर्माध्यक्ष रफाएल ने कहा कि विभाजन के सामने प्रार्थना की शक्ति की ओर लौटना आवश्यक है। यही प्रार्थना है जिसको एक साथ की जाती है एवं ठोस कार्य के साथ लागू किया जाता है। यही प्रार्थना है जो हमें एक-दूसरे को यह बतलाने के लिए प्रेरित करती है कि बपतिस्मा संस्कार में कोई भेदभाव नहीं है। काथलिक, ऑर्थोडॉक्स एवं अन्य सभी कलीसियाओं में एक साथ प्रार्थना करने में कोई भेदभाव नहीं है।  

एकता की ओर आगे बढ़ना

उन्होंने जोर दिया कि विभिन्न कलीसियाओं की परम्पराएँ एवं धरोहर, मिलकर एक सुन्दर स्वर समता का निर्माण करते हैं जिसे सृष्टिकर्ता की स्तुति होती है। यह हमारा कर्तव्य है कि हम एक नया जीवन शुरू करें जो प्रेम और एकात्मता से पुष्ट हो, विभाजन के मुद्दों से दूर रहें जो हमें एक-दूसरे एवं हमारे मुक्तिदाता से दूर करता है जिन्होंने हमें जीवन दिया है और यूखरिस्त के रहस्य में रहते हैं। यदि कुछ काथलिक ऐसे हैं जो ऑर्थोडॉक्स लोगों के साथ आना नहीं चाहते हैं और उसी तरह ऑर्थोडॉक्स जो काथलिकों के साथ आना नहीं चाहते हैं, वे जान लें कि काथलिक ख्रीस्त, ऑर्थोडॉक्स ख्रीस्त से भिन्न नहीं हैं। ठीक उसी तरह जिस तरह बपतिस्मा संस्कार अलग नहीं है क्योंकि सभी संस्कार ख्रीस्त द्वारा स्थापित हैं।

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18 January 2022, 14:46