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म्यानमार में तख्तापलट के बाद हुए विरोध प्रदर्शन की तस्वीर, तस्वीरः  पहली अप्रैल 2022 म्यानमार में तख्तापलट के बाद हुए विरोध प्रदर्शन की तस्वीर, तस्वीरः पहली अप्रैल 2022 

'सत्ता के क्रूर दुरुपयोग' के लिए म्यानमार सैन्य जुन्ता की निंदा

जर्मनी स्थित काथलिक मानवतावादी परमाध्यक्षीय न्यास "एड टू द चर्च इन नीड" ने 'सत्ता के क्रूर दुरुपयोग' के लिए म्यानमार सैन्य जुंता की निंदा की है तथा सेना के तख्तापलट की पहली बरसी पर म्यानमार के लोगों के प्रति एकात्मता एवं प्रार्थनाओं का आह्वान किया है।

जूलयट जेनेवीव क्रिस्टफर, वाटिकन सिटी

जर्मनी, शुक्रवार, 28 जनवरी 2022 (ऊका समाचार): जर्मनी स्थित काथलिक मानवतावादी परमाध्यक्षीय न्यास "एड टू द चर्च इन नीड" ने 'सत्ता के क्रूर दुरुपयोग' के लिए म्यानमार सैन्य जुंता की निंदा की है तथा सेना के तख्तापलट की पहली बरसी पर म्यानमार के लोगों के प्रति एकात्मता एवं प्रार्थनाओं का आह्वान किया है।

न्यास का वकतव्य

01 ली फरवरी को म्यानमार में तख्तापलट की पहली बरसी है और इस दिन म्यानमार की स्थानीय कलीसिया के प्रति भ्रातृत्व भाव का भी आग्रह किया गया है। उत्पीड़ित ख्रीस्तीयों की सहायता करनेवाली संस्था "एड टू द चर्च इन नीड"  के वकत्व्य में कहा गया, "यह आतंक और पीड़ा का वर्ष रहा है, जिसने इस एशियाई देश के विकास को बाधित कर दिया है। सत्ता के दुरुपयोग के खिलाफ बड़े पैमाने पर किये गये लोक प्रदर्शनों के विरुद्ध सैन्य नेतृत्व की प्रतिक्रिया अत्यन्त क्रूर रही है।

धर्माध्यक्षों की अपील

म्यांमार के काथलिक धर्माध्यक्षों ने देश में "विस्थापित हजारों लोगों के लिए मानवीय सहायता" की अपील करते हुए कहा है कि धर्माध्यक्षीय सम्मेलन "सार्वभौमिक कलीसिया और दाता समुदाय से मदद की अपील जारी रखेगा ताकि म्यानमार के समस्त लोगों को बिना किसी भेदभाव के राहत सहायता और समर्थन मिल सके।" धर्माध्यक्षों ने कहा, "मानव प्रतिष्ठा तथा जीवन के अधिकार से किसी को भी वंचित नहीं किया जा सकता। हम जीवन के प्रति सम्मान एवं आराधना स्थलों की पवित्रता के सम्मान के साथ-साथ हमारे अस्पतालों, स्कूलों एवं प्रशिक्षण संस्थाओं की सुरक्षा की भी मांग करते हैं।"

हाल के हफ्तों में म्यानमार के रक्षा बलों और जातीय सशस्त्र समूहों के बीच लड़ाई तेज हो गई है, जिसके चलते ख्रीस्तीय बहुल राज्यों जैसे कायाह, चिन एनं कारेन में गिरजाघरों एवं ख्रीस्तीय संस्थाओं को जानबूझकर हमलों का निशाना बनाया जा रहा है । नवीनतम घटना लोइकाव धर्मप्रान्त के एक पल्ली गिरजाघर पर हुआ एक हवाई हमला था। धर्मप्रान्त की लगभग 15 पल्लियाँ सैन्य आक्रमण से प्रभावित हुई हैं, जहाँ से लगभग एक लाख लोगों के विस्थापित होने की भी ख़बर मिली है।

सैन्य बलों ने हवाई हमले और गोलाबारी सघन कर दी है, जिससे महिलाओं, बच्चों, बुजुर्गों और दुर्बलों सहित हजारों लोगों को अपने घरों से पलायन करने तथा पड़ोसी गांवों और कस्बों में पास के जंगलों या गिरजाघरों में शरण लेने के लिए मजबूर होना पड़ा है।

तख्तापलट के बाद से कम से कम 50 बच्चों सहित डेढ़ हज़ार से अधिक लोग मारे गए हैं, 11,000 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है तथा एक लाख से अधिक लोग विस्थापित हो गये हैं।

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28 January 2022, 11:38