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प्रवासियों का समुद्री बचाव प्रवासियों का समुद्री बचाव  

युद्ध और प्रवासन के शिकार लोगों की याद

संत पापा फ्रांसिस द्वारा संत जोसेफ के साहस की व्याख्या के उपरांत अंतराष्ट्रीय काथलिक प्रवासन आयोग (आईसीएमसी) के महासचिव रॉबर्ट वितिल्लो ने इस बात पर जोर दिया कि वर्तमान में हिंसा के कारण भाग रहे बच्चों और उनके परिवारों को मदद करना कितना महत्वपूर्ण है।

दिलीप संजय एक्का-वाटिकन सिटी

संत पापा फ्रांसिस द्वारा संत जोसेफ के साहस की व्याख्या के उपरांत अंतराष्ट्रीय काथलिक प्रवासन आयोग (आईसीएमसी) के महासचिव रॉबर्ट वितिल्लो ने इस बात पर जोर दिया कि वर्तमान में हिंसा के कारण भाग रहे बच्चों और उनके परिवारों को मदद करना कितना महत्वपूर्ण है।

वाटिकन सिटी, गुरूवार, 30 दिसम्बर 2021 (रेई) संत पापा बुधवारीय आमदर्शन समारोह में पवित्र परिवार के पलायन पर धर्मशिक्षा देते हुए संत योसेफ के साहस की चर्चा की। अपने धर्मशिक्षा के मध्य उन्होंने इस बात का जिक्र किया था कि आज भी असंख्य लोगों को हिंसा और प्रताड़ना का शिकार होना पड़ता है जिसके फलस्वरुप वे अपनी मातृभूमि से भागने को विवश होते हैं।

संत पापा ने इन बातों पर जोर देते हुए अंतराष्ट्रीय काथलिक प्रवासन आयोग (आईसीएमसी) के महासचिव रॉबर्ट वितिल्लो ने प्रवासियों के संबंध में हो रहे कार्यों पर प्रकाश डाला खास कर उन परिवारों के बारे में जो युद्ध और हिंसा के कारण अपने जर-जमींर से पलायन को विवश हैं।

अंतराष्ट्रीय काथलिक प्रवासन आयोग का मुख्य कार्य बच्चों की सुरक्षा करना है जो युद्ध से उत्पन्न होने वाले परिणामों के कारण घोर रूप में प्रभावित होते हैं। उन्होंने कहा कि प्रवासन आयोग (आईसीएमसी) द्वारा इस साल भेजे गये क्रिसमस कार्ड में वाशिंगटन डी सी, मरियम के निष्कलंक गर्भाधरण महागिरजाघर की एक कलाकृति छापी गई है जहाँ थके हुए पवित्र परिवार को बेतलेहम से मिस्र भागते हुए प्रदर्शित किया गया है।

पवित्र परिवार का चित्रण

“यह मरिमय की गोद से बालक येसु का करीबन गिरते हुए चित्रण है क्योंकि वह अपने में अत्यधिक थकी हुई है, वहीं योसेफ जमीन में लेटे हैं। यह उनमें भय और अनिश्चितता को व्यक्त करता है...। उन्होंने कहा कि विश्व के विभिन्न स्थानों में प्रवासियों और शारणर्थियों के चेहरे में हम उसी तरह से अनुभव और अभिव्यक्ति को पाते हैं।

आईसीएमसी के कार्यक्रम विशेष रूप से प्रवासी और शरणार्थी बच्चों की सहायता करना है, क्योंकि वे सबसे अधिक खतरे में हैं। मान्यवर वितिल्लो ने संत पापा से बुधवारीय आमदर्शन में दी गई धर्मशिक्षा की प्रशंसा करते हुए कहा, “हम अधिक से अधिक बच्चों को प्रवासन का शिकार होता पाते हैं लेकिन वे अपने परिवारों, माता पिता से अलग हो गये हैं या उनके द्वारा भेज दिये गये हैं जिससे वे अपने देशों में युद्ध और हिंसा की स्थिति से बचते हुए आशा में एक नये जीवन की शुरूआत कर सकें”। 

संत पापा द्वारा चर्चित अतीत के उत्पीड़न और उस हिंसा को याद कराते हुए जिससे येसु बच गए, उन्होंने कहा, “आज अधिक से अधिक बच्चे पीड़ित हैं”। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि उनके जीवन और परिवारों की सुरक्षा के लिए और भी बहुत कुछ करने की आवश्यकता है। 

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30 December 2021, 16:25