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प्राधिधर्माध्यक्ष  बार्थोलोमेयो प्रथम प्राधिधर्माध्यक्ष बार्थोलोमेयो प्रथम  

बार्थोलोमेयो प्रथम: विज्ञान ईश्वर एक अमूल्य उपहार

अपने ख्रीसमस संदेश में 2021 में प्राधिधर्माध्यक्ष बार्थोलोमेयो ने विश्वासियों को दिव्य शरीऱधारण की याद दिलाई और विज्ञान के लिए कृतज्ञता प्रकट करते हुए महामारी के इस समय में टीका लेने का आहृवान किया।

दिलीप संजय एक्का-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, 23 दिसम्बर 2021 (रेई) यूनान आर्थोडॉक्स कलीसिया के प्राधिधर्माध्य बार्थोलोमेयो ने विश्व के ख्रीस्तीय विश्वास को कोरोना का टीका लेने हेतु आहृवान किया।

“दिव्य शरीरधारण, ईश्वर के रहस्यमय प्रकटीकरण के साथ उनकी सत्यता और मानव के अंतिम गंतव्य को प्रकट करता है”। उन्होंने कहा,“जो ईश्वर का सम्मान करता है उसे मानव का भी सम्मान करना चाहिए, जो मानवीय सम्मान की अवहेलना करता वह ईश्वर का अपमान करता है जो हमारी तरह शरीरधारण कर हमारे बीच आते हैं। मसीह में, जब हम ईशशास्त्रीय ईश्वर की चर्चा करते तो हम उनके मनुष्य होने का जिक्र करते हैं”।  

उन्होंने कहा कि कलीसिया इस भांति, “दिव्य-मानवता के इस मुक्तिपूर्ण रहस्य का प्रतिनिधित्व करती हुए उसे अभिव्यक्त करती और उसकी सेवा करती है। (...) वह एक प्रामाणिक आध्यात्मिक जीवन, प्रेम और एकजुट संस्कृति की सच्चाई को जीती और उसका प्रचार करती है”। कलीसिया समकालीन सभ्यता को “एक पापी नीनवे के रूप में नहीं देखती बल्कि यह येसु ख्रीस्त में संस्कृति के परिवर्तन हेतु संघर्ष करती है”।

इस संदर्भ में प्राधिर्धमाध्यक्ष ने कहा कि कलीसिया में आज “प्ररिताई विचार-मंथन” और “वार्ता” की जरुरत है न कि “तर्क-वितर्क” की। हमें सहभागिता की जरुरत है न कि तटस्थता, हमें ठोक कार्य की जरूरत है न कि अमूर्त विचारों की, हमें रचनात्मक स्वीकृति की आवश्यकता है न कि सामान्य तिस्कार। कलीसिया का रीति के प्रति निष्ठा हमें अतीत में फंसाये न रखें बल्कि अतीत के अनुभव हमें वर्तमान में रचनात्मक बनने हेतु मदद करें।

ख्रीस्त के मार्गदर्शन में नया साल

अपने अंतरकलीसियाई एकतावर्धक वार्ता संदेश के दूसरे भाग में प्राधिधर्माध्यक्ष ने कोविड-19 महामारी के संबंध में अपने विचारों को केन्द्रित किया। उन्होंने वैज्ञानिकों के लिए ईश्वर के प्रति कृतज्ञता के भाव प्रकट किये जिन्होंने महामारी से बचाव हेतु टीका और दवाएं विकासित की हैं। उन्होंने विश्वासियों को कोविड का टीका लेना हेतु आहृवान किया जिससे वे स्वास्थ्य अधिकारियों के द्वारा सुरक्षा मापदंडो का सम्मान करते हुए महामारी की रोकथाम में मददगार हो सकें।

“विज्ञान” उन्होंने कहा कि जहाँ तक यह मानव की सेवा करता ईश्वर की ओर एक मूल्यवान उपहार बनता  है। हम इसके लिए ईश्वर के प्रति कृतज्ञता के भाव अर्पित करते हुए अपने को भ्रमित होने न दें। जीवन को ईश्वर का दान निरूपित करते हुए प्राधिधर्माध्यक्ष ने कहा कि हम वर्ष 2022 को मुक्ति के वर्ष स्वरुप देखें क्योंकि यह “येसु ख्रीस्त के द्वारा निर्देशित है जो मानव जाति को प्रेम करते और सारी चीजों की देख-रेख करते हैं” वे हम सभों को बचाना चाहते हैं जिससे हमें सत्य का ज्ञान मिले (1 तिमथी. 2.4)।  

प्राधिधर्माध्यक्ष ने अपने संदेश के अंत में कहा कि हम बालक येसु की आराधना और प्रार्थना में समय व्यतीत करें, हम “पवित्र भूमि में रहने वाले सभी लोगों के शांतिपूर्ण और सामंजस्यपूर्ण सह-अस्तित्व हेतु” प्रार्थना करें।

 

 

 

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23 December 2021, 16:27