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फ्राँसिसी ट्रैपिस्ट मठवासी जॉन पियेर  स्कूमेकर के साथ मुलाकात करते संत पापा फ्राँसिस फ्राँसिसी ट्रैपिस्ट मठवासी जॉन पियेर स्कूमेकर के साथ मुलाकात करते संत पापा फ्राँसिस 

तिभीरिन नरसंहार से बचनेवाले अंतिम व्यक्ति का निधन

फ्राँसिसी ट्रैपिस्ट मठवासी जॉन पियेर स्कूमेकर का निधन 21 नवम्बर को मोरोक्को में हुआ। वे अल्जीरिया में दस वर्षों के नागरिक युद्ध के दौरान 1996 में तिभीरिन के 7 धन्य मठवासियों की शहादत के समय बच गये थे।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

फ्राँस, मंगलवार, 23 नवम्बर 2021 (रेई)- तिभीरिन नरसंहार से बचे मठवासी का 21 नवम्बर को 97 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उनका देहांत मध्य मोरक्को में एटलस की हमारी माता मरियम के मठ में हुआ, जहां वे 2000 से रह रहे थे।

ब्रादर जोन पियेर उन दो मठवासियों में से एक थे जो अल्जीरिया के ट्रैपिस्ट मठवास सेदेश में नागरिक युद्ध के दौरान अपने सात साथियों के अपहरण और क्रूर हत्या से बच निकलने में सफल हो गये थे। दूसरे मठवासी जो इसमें बच गये थे उनका नाम था ब्रादर अमेदी जिनका निधन 2008 में हुआ।  

7 मठवासियों का अपहरण एवं उनकी हत्या

सुपीरियर क्रिश्चियन डे केरग और अन्य 6 मठवासी धर्मबंधुओं; लुक डोसेर, ख्रीस्तोफर लेब्रेटोन, मिखाएल फ्लूरी, ब्रूनो लेमार्कंड, सेलेस्टिन रिंगार्ड, पौल फाब्रे मिभिल्ले की हत्या कर दी गई थी और उनके सिर को दो माह बाद तिभीरिन के निकट पाया गया था। हालांकि उनके शरीर को कभी नहीं पाया गया। उनके अवशेष को वहीं दफना दिया गया। हालांकि सशस्त्र इस्लामी समूह (जीआईए) ने अपहरण और हत्या का दावा किया, लेकिन उनके अपहरण और हत्या के बारे अभी तक पूरी तरह से स्पष्ट नहीं किया गया है।  

अल्जीरिया में 30 साल

1924 में लोर्रेन में 6 बच्चों के परिवार में जन्मे ब्रादर जॉन पियेर का पुरोहिताभिषेक 1953 में हुआ था। उसके बाद उन्होंने 1957 में ब्रिटनी में नोट्रे-डेम डी टिमड्यूक के मठवास में प्रवेश किया था।

उस समय के अल्जीयर्स के महाधर्माध्यक्ष लेओन अतिएने दुवाल के आग्रह पर वे तीन अन्य मठवासियों के साथ तिभीरिन गये थे, जहाँ उन्होंने एक मुस्लिम परिवेश में एक छोटे समुदाय का निर्माण किया। वे गरीबों के बीच गरीब की तरह जीते थे। 1996 के नरसंहार के चार साल बाद वे बचे हुए दूसरे मठवासी ब्रादर अमेदी के साथ मिडेल्ट में रहने लगे तथा आठ धर्मबंधुओं से मिलकर बने एटलस की माता मरियम के छोटे ट्रैपिस्ट मठ के सदस्य बन गए।   

मोरक्को में तिभीरिन का एक "छोटा अवशेष"

नये मठ में वे अपने आपको तिभीरिन के "छोटे अवशेष" कहा करते थे। ब्रादर जॉन पियेर ने कहा था कि "मठवास में हमारी उपस्थिति सुसमाचार, कलीसिया और अल्जीरियाई लोगों के प्रति निष्ठा का चिन्ह है।"  

मुस्लमानों के साथ भाईचारा की वार्ता

उन्होंने बतलाया कि वे अक्सर अपने आपसे पूछा करते थे कि वे नरसंहार से क्यों बच गये, और उन्होंने महसूस किया कि ईश्वर ने उन्हें तिभीरिन की घटना का साक्ष्य देने एवं मुसलमानों के साथ समुदाय का अनुभव कराने का मिशन सौंपा है, जिसको वे मिडेल्ट के मठ में पूरा कर रहे थे।   

दफनक्रिया 30 नवम्बर को

फादर जॉन पियेर ने पोप फ्राँसिस से 2019 में मरोक्को की प्रेरितिक यात्रा के दौरान मुलाकात की थी। उनकी दफन क्रिया मंगलवार 30 नवम्बर को एटलस की माता मरियम मठवास में सम्पन्न होगी।

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23 November 2021, 15:55