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बेलारूस और पोलैंड की सीमा पर आप्रवासी की दयनीय स्थिति बेलारूस और पोलैंड की सीमा पर आप्रवासी की दयनीय स्थिति 

बेलारूस सीमा पर आप्रवासियों के लिए जीवन रक्षक सहायता की अपील

कारितास यूरोप ने चेतावनी दी है कि बेलारूस, पोलैंड एवं लित्वानिया की सीमा पर फंसे हजारों कमजोर लोग शरण, चिकित्सा सुविधा और अपना घर होने के मौलिक अधिकार से वंचित किये जा रहे हैं।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

यूरोप, बृहस्पतिवार, 11 नवम्बर 2021 (वीएनएस)- हजारों आप्रवासी बेहतर जीवन या आश्रय की खोज में यूरोप घूसने की कोशिश में अत्यधिक ठंढक के बीच बेलारूस एवं पोलैंड की सीमा पर फंसे हुए हैं।

वारसॉ ने एक रेजर-तार की बाड़ के साथ अपनी सीमा को मजबूत किया है और सैनिकों ने उनके प्रवेश को अवरुद्ध कर दिया है। तस्वीरों में कई परिवार, युवा और बच्चे दिखाई पड़ते हैं जो लोगों के साथ फंसे हुए हैं।  

यूरोपीय संघ मानवाधिकारों के हनन पर मिन्स्क पर लगाए गए पहले के प्रतिबंधों का बदला लेने के लिए अवैध रूप से सीमा पार करने का प्रयास करने हेतु बेलारूस पर मध्य पूर्व, अफगानिस्तान और अफ्रीका के प्रवासियों को प्रोत्साहित करने का आरोप लगा रहा है।

रूस द्वारा समर्थित बेलारूसी राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको ने प्रवासियों को मोहरे के रूप में इस्तेमाल करने से इनकार किया है और संकट के लिए यूरोपीय संघ को दोषी ठहराया है। पोलैंड के समान पड़ोसी देश लित्वानिया ने भी आपातकाल की घोषणा की है और आप्रवासियों को वापस लौटा रहा है।

काथलिक मानवीय राहत संगठन कारितास यूरोप, स्थानीय कारितास के साथ मिलकर पोलैंड एवं लित्वानिया की सीमा पर जीवन रक्षक मानवीय सहायता देने का हरसंभव प्रयास कर रहा है।   

किन्तु आपातकाल की स्थिति के कारण वह सीमा तक नहीं पहुँच सकता। वाटिकन रेडियो के साथ एक साक्षात्कार में कारितास यूरोप के महासचिव मरिया नेमान ने विकट परिस्थिति के बारे बतलाया तथा स्थिति लम्बे समय तक बनी रही तो मौतों की चेतावनी दी किन्तु कहा कि कारितास इस चुनौतीपूर्ण परिस्थिति में लोगों की मदद करने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहा है।

मरिया नेमान ने कहा कि कारितास पोलैंड सीमा के निकट के धर्मप्रांत में सक्रिय है जहाँ से लोगों को कंबल, आपातकालीन बार और पेयजल प्रदान किये जा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि धर्मप्रांतीय कारितास जो लगातार शरणार्थी केंद्र के सम्पर्क में है उसके माध्यम से आर्थिक मदद भी दिये जा रहे हैं।

नेमान ने बतलाया कि वे उन पल्लियों के साथ सीमा के मुद्दे पर बात कर रहे हैं जो सीमा के निकट हैं क्योंकि यह जानना महत्वपूर्ण है कि आपातकाल के कारण कारितास पोलैंड सीमा तक नहीं पहुँच सकती और लोगों की मदद नहीं कर सकती।  

उन्होंने कहा, "तत्काल राहत देने के लिए जब हम हर संभव मदद करने की कोशिश कर रहे हैं, हम हमारे नेताओं से अपील करते हैं कि वे यह सुनिश्चित करें कि मानव व्यक्ति के साथ हमेशा सम्मान और प्रतिष्ठा से पेश आना चाहिए।"  

शीत काल की ठंढ का भय

कारितास यूरोप के महासचिव ने चेतावनी दी कि हर घंटा स्थिति अधिक खराब होती जा रही है क्योंकि शीत ऋतु निकट आ रहा है और लोग जंगलों में परिवारों एवं बच्चों सहित फंसे हुए हैं। वे चिकित्सा सुविधा या मानवीय सहायता के बिना कड़ाके की ठंढ में रात बिता रहे हैं।

आप्रवासियों के लिए एक प्रतिष्ठित स्थिति की अपील

उन्होंने कहा, "स्पेन, इटली और ग्रीस के समान लित्वानिया एवं पोलैंड को यूरोप की एकात्मता की जरूरत है क्योंकि यह यूरोपीय मुद्दा है। दीवार खड़ा करने पर अधिक ध्यान नहीं देना बल्कि मानव अधिकार और आश्रय के अधिकार पर ध्यान देना चाहिए। साथ ही आप्रवासियों के लिए सम्मानजनक स्थितियों की अनुमति देने के लिए मानवीय सहायता प्रदान करना चाहिए।"

मरिया नेमान ने कहा कि कारितास यूरोप की पहली अपील यूरोपीय संघ से है कि वह सीमा तक पहुँच की संभावना प्रदान करे ताकि कारितास, यूएनएचसीआर और आप्रवासियों के लिए अंतरराष्ट्रीय आपातकालीन सहायता संगठन, साथ ही यूरोपीय एजेंसियाँ लोगों की मदद कर सकें।   

उन्होंने कहा, "कारितास यूरोप के रूप में हम सचमुच अपने नेताओं को याद दिलाना चाहते हैं कि सभी मानव व्यक्ति चाहे वे किसी भी मूल के क्यों न हों उनकी यात्रा के कारणों की परवाह किए बिना, उनके अधिकारों का सम्मान करना चाहिए।"

कलीसिया की आवाज

नेमान ने कहा कि कारितास उन कलीसिया के धर्मगुरूओं के साथ अपनी आवाज उंची करता है। उन्होंने पौलैंड के काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के अध्यक्ष की याद की जिन्होंने मंगलवार को पौलैंड एवं बेलारूस की सीमा पर फंसे आप्रवासियों के लिए आध्यात्मिक एवं भौतिक सहायता की अपील की थी।

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11 November 2021, 15:21