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ख्रीस्तयाग अर्पित करते पुरोहितगण ख्रीस्तयाग अर्पित करते पुरोहितगण 

इंगलैंड एवं वेल्स में पुरोहितों के लिए कोविड के बाद सतत् प्रशिक्षण

"कोविड से बेहतर उबरना" पर दो दिवसीय सम्मेलन, इंगलैंड और वेल्स में पुरोहितों के सतत् प्रशिक्षण हेतु जिम्मेदार लोगों के लिए आयोजित किया गया था।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

इंगलैंड, शनिवार, 16 अक्टूबर 2021 (रेई)- संत पापा फ्रांसिस ने बार-बार दुहराया है कि वर्तमान कोविड संकट ने हमारे लिए कई अन्य संकटों को प्रकट किया है जो कोविड के पहले मौजूद थे। उन्होंने यह भी याद दिलाया है कि हम या तो बेहतर उबर सकते हैं अथवा बदतर किन्तु पहले के समान नहीं रह सकते। जब लॉकडाऊन के दौरान प्रेरितिक कार्य रूक गया था तो पुरोहितों ने एक खास संकट को महसूस किया जिसने उनकी पहचान को ही प्रभावित कर दिया।

कोविड से निपटने में पुरोहितों की मदद

सम्मेलन तीन भागों में आयोजित था। वाटिकन के संचार विभाग से सिस्टर बेर्नादेत्त ने सम्मेलन को सम्बोधित किया। उन्होंने अपने सम्बोधन में कलीसिया और समाज के व्यापक ऐतिहासिक संदर्भ में वर्तमान वैश्विक संकट का संदर्भ प्रस्तुत किया। उन्होंने अवगत कराया कि कलीसिया ने अतीत में संकटों का जवाब कैसे दिया है। दूसरे भाग के गोल मेज बहस में, सम्मेलन के प्रतिभागियों ने पुरोहितों द्वारा सामना किये जा रहे मामलों और संकटों पर बहस किया। तीसरे भाग में उन्होंने इन संकटों और मामलों का जवाब देने के लिए निमंत्रण दिया ताकि पुरोहित इन संकटों और चुनौतियों से ऊपर उठ सकें।

सिनॉडल दृष्टिकोण

जैसा कि करेन फूंग कहते हैं, " हमारे पास विलाप करने की एक महान बाइबिल परंपरा है। मुझे लगता है कि हमें उन्हें विलाप करने के लिए एक मंच देने और उस पीड़ा के बारे में बात करने में सक्षम बनाने की आवश्यकता है … उन्हें बात करने के लिए एक सुरक्षित जगह देने की जरूरत है और हमें उन्हें उनके पुरोहित भाइयों के साथ रहने का अवसर देना चाहिए।” कोविड के दौरान अपने अनुभव से करेन की आशा है कि वे आत्मपरख कर सकते हैं कि "कौन सी चीजें कार्य नहीं कर रही हैं। इस तरह उनका मानना है कि कोविड ने दरार को पहचानने का अवसर दिया है जिसको कोविड ने उत्पन्न किया है और इस दरार के द्वारा पुरोहित उन संरचनाओं को देख सकते हैं जो उपयोगी नहीं रह गये हैं। इस तरह इसे पुनः शुरू करना आसान होगा।"  

सिनॉड एक अनोखा अवसर

करेन ने कहा, "संत पापा फ्राँसिस द्वारा शुरू की गई धर्मसभा का समय उस प्रक्रिया में पूरी तरह से फिट बैठता है जिसको सतत् प्रशिक्षण निदेशक शुरू कर रहे हैं। संत पापा ने हमें एक अनोखा अवसर दिया है। "हमारे बहुत से सतत् प्रशिक्षण निदेशक, धर्मसभा को अपने भाई पुरोहितों और उपयाजकों के लिए जारी प्रशिक्षण की पेशकश करने के लिए नये और रचनात्मक तरीके शुरू करने में सक्षम होने के लिए एक प्रक्रिया के रूप में देख रहे हैं। मैं सोचता हूँ कि सिनॉड ने हमें पुनः शुरू करने का अवसर दिया है ताकि हम कुछ नया शुरू कर सकें।

पुरोहितों की ओर से काम करने के लिए बुलावा

पुरोहितों के सतत प्रशिक्षण के लिए किसी लोकधर्मी का जिम्मेदार होना असामान्य है। जैसा कि करेन कहते हैं, "पुरोहितों का एक आदर्श प्रशिक्षक एक पुरोहित ही हो सकता है जिसने स्थिरता, रचनात्मकता, आजीवन सीख, मित्रता और अपने पुरोहिताई के दौरान स्थिर संबंधों को प्राप्त कर लिया है। दूसरा पुरोहित तब बेहतर हो सकता है जब वह दे सकता है। हालांकि, इसी प्रकार के पुरोहितों की जरूरत पल्ली प्रेरिताई में होती है।" करेन ने कहा कि "मैंने पुरोहितों के सतत् प्रशिक्षण के बुलावे का प्रत्युत्तर दिया किन्तु जैसा कि आप जानते हैं मैं एक निश्चित बिन्दु तक ही मेरा काम कर सकती हूँ। यह मुझे स्वीकार करने में मदद देता है कि मैं उतना ही दूर आगे जा सकती हूँ। यह मुझे दीनता का वरदान देता है। यह मुझे आगे देखने की कृपा देता है, मुझे अपने दायरे से आगे देखने का उपहार देता है, मेरे अपने क्षेत्र में, अन्य स्रोतों की तलाश करने के लिए उस पुरोहित को उसके चल रहे प्रशिक्षण में लाभान्वित करने के लिए।" 

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16 October 2021, 17:00