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इंगलैंड एवं वेल्स के काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के अध्यक्ष कार्डिनल निकोल्स इंगलैंड एवं वेल्स के काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के अध्यक्ष कार्डिनल निकोल्स 

कार्डिनल निकोल्स ˸ सिनॉडल प्रक्रिया सुनने पर केंद्रित है

इंगलैंड एवं वेल्स के काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के अध्यक्ष ने सिनॉड प्रक्रिया को सुनने पर केंद्रित बतलाया है।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, मंगलवार, 12 अक्तूबर 2021 (रेई)- जब पूरे विश्व के सभी धर्मप्रांत 16 ̸ 17 अक्टूबर को स्थानीय स्तर पर सिनॉड या धर्माध्यक्षीय धर्मसभा के उद्घाटन की तैयारी कर रहे हैं, वेस्टमिनिस्टर के कार्डिनल भिन्सेंट निकोल्स ने विश्वासियों का आह्वान किया है कि वे इस चरण में भाग लें जिसमें बोलने के पहले सुनने पर अधिक ध्यान दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि इसके द्वारा बेहतर आत्मपरख करने में मदद मिलेगी जिसकी मांग पवित्र आत्मा आज कलीसिया से कर रहे हैं।  

रविवार 10 अक्टूबर को प्रेषित एक प्रेरितिक पत्र में इंगलिश काथलिक धर्माध्यक्ष ने 2023 में धर्मसभा पर रोम में धर्माध्यक्षीय धर्मसभा की ओर ले जानेवाली दो वर्षीय प्रक्रिया के चरण और इसके पीछे के विचार को बतलाया है।

विश्वास के अनुभवों को साझा करना

कार्डिनल ने लिखा कि कलीसियाई स्तर पर शुरू की गई इस प्रक्रिया में पोप फ्रांसिस ने हमें एक-दूसरे को सुनने का निमंत्रण दिया है, विश्वास के अनुभव को इसके आनन्द और निराशा के साथ सुनना तथा एक-दूसरे को मजबूत करने के लिए नये रास्तों की खोज करना है। उनकी आशा है कि यह हमें परखने में मदद करेगा कि किस तरह ईश्वर की उपस्थिति हमारे जीवन में आयेगी एवं ईश्वर की आत्मा हमें किस चीज की प्रेरणा देगा ताकि हम येसु हमारे मार्ग सत्य एवं जीवन के बुलावे के प्रति अधिक नये, जीवित और रचनात्मक हो सकेंगे।  

सिनॉड का उद्देश्य अधिक दस्तावेज तैयार करना नहीं

सिनॉडल प्रक्रिया पर हाल के दिशानिर्देश के संदर्भ में सिनॉड के महासचिव ने बतलाया कि सिनॉड का उद्देश्य अधिक दस्तावेज तैयार करना नहीं है बल्कि लोगों को उस कलीसिया के लिए स्वप्न देखने हेतु प्रेरित करना है जिसमें हम बुलाये गये हैं, आशा को बढ़ाने, भरोसा विकसित करने, घावों को मरहम पट्टी लगाने, नये और गहरे संबंध बनाने, एक-दूसरे से सीखने, सेतु का निर्माण करने, मन को आलोकित करने, हृदय को उष्मा प्रदान करने तथा हमारे आम मिशन हेतु हमारे हाथों को मजबूत करने के लिए।     

"सुनना" सबसे पहले

यही कारण है कि प्रक्रिया में भागीदारी विचारों पर चर्चा करने पर नहीं, बल्कि "अनुभव साझा करने" पर केंद्रित होनी चाहिए और उस आधार पर, "यह समझने की कोशिश करना चाहिए कि क्या किया जाना है, जिसमें सब कुछ को प्रार्थना और पवित्र आत्मा के मार्गदर्शन में होना चाहिए।

कार्डिनल ने कहा कि यद्यपि हर संबंध में बात करना महत्वपूर्ण है किन्तु सुनना पहला होना चाहिए। "रास्ता है सुनना, कर्तव्य है महत्वपूर्ण शिक्षा पर एक साथ विचार-विमर्श करना और पवित्र आत्मा से प्रेरित होना एवं परिणाम है प्रभु द्वारा हमें दिए गए जीवन और मिशन में अधिक भागीदारी।"  

अतः कार्डिनल निकोल्स ने विश्वासियों का आह्वान किया है कि वे अगले सप्ताह इस प्रक्रिया में भाग लें। उन्होंने कहा, "पोप फ्रांसिस की यह प्यारी पहल हमारे लिए, कलीसिया रूपी परिवार के लिए अपनी देखभाल दिखाने का एक अवसर है। यह पोप के खुलेपन, करुणा और नवीकरण के लिए उत्सुकता को प्रकट करता है।"

 

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12 October 2021, 16:52