खोज

भारतीय काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन भारतीय काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन 

भारतीय धर्माध्यक्षों द्वारा ख्रीस्तीयों के बीच एकता पर हैंडबुक

भारत के काथलिक धर्माध्यक्षों ने ख्रीस्तानुयायियों के बीच एकता को प्रोत्साहन प्रदान करने के लिये एक विशिष्ट पुस्तिका का प्रमोचन किया है। इस पुस्तिका का लक्ष्य स्थानीय कलीसियाई समुदायों एवं पुरोहितों में ख्रीस्त के अनुयायियों के बीच एकता के महत्व पर समझदारी उत्पन्न करना है।

जूलयट जेनेवीव क्रिस्टफर-वाटिकन सिटी

नई दिल्ली, गुरुवार, 2 सितम्बर 2021 (रेई, वाटिकन रेडियो):  भारत के काथलिक धर्माध्यक्षों ने ख्रीस्तानुयायियों के बीच एकता को प्रोत्साहन प्रदान करने के लिये एक विशिष्ट पुस्तिका का प्रमोचन किया है। इस पुस्तिका का लक्ष्य स्थानीय कलीसियाई समुदायों एवं पुरोहितों में ख्रीस्त के अनुयायियों के बीच एकता के महत्व पर समझदारी उत्पन्न करना है।   

पुस्तिका का प्रमोचन

ख्रीस्तीय एकतावर्द्धृक पुस्तिका का प्रमोचन नई दिल्ली में, 31 अगस्त को, भारत तथा नेपाल के लिये नियुक्त परमधर्मपीठ के प्रेरितिक राजदूत महाधर्माध्यक्ष लेओपोल्दो जिरेल्ली द्वारा किया गया। वे सबके सब एक हो जायें: काथलिक परिप्रेक्ष्य में ख्रीस्तीयों के बीच एकता शीर्षक से जारी पुस्तिका, भारत के काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन द्वारा, ख्रीस्त के अनुयायियों के बीच एकता की स्थापना के उद्देश्य से संकलित की गई है। इस पुस्तिका में, प्रार्थना एवं सम्वाद द्वारा ख्रीस्तीय एकता हेतु, द्वितीय वाटिकन महासभा के आह्वान की प्रस्तावना की गई है।

कलीसिया एकतावर्द्धक प्रयासों के प्रति उदार

पुस्तिका का प्रमोचन करते हुए महाधर्माध्यक्ष जिरेल्ली ने कहा कि भारत के समस्त गिरजाघरों में ख्रीस्त के अनुयायियों के बीच एकतावर्द्धक वार्ताओं को प्रोत्साहित किया जाना अनिवार्य है। विभिन्न ख्रीस्तीय सम्प्रदायों एवं कलीसियाई समुदायों के याजकवर्ग एवं लोकधर्मियों को सम्बोधित कर उन्होंने कहा, "कलीसिया, सभी लोगों के बीच, ख्रीस्तीय एकतावर्द्धक साक्ष्य हेतु विश्वव्यापी प्रयास के प्रति उदार है।"

प्रशिक्षण पर ध्यान ज़रूरी

प्रमोचन के अवसर पर नई दिल्ली के महाधर्माध्यक्ष अनील कूटो ने यह विश्वास व्यक्त किया कि यह पुस्तिका "निश्चित रूप से एक अनिवार्य और अत्यधिक सहायक पाठ्यपुस्तक और योगदान होगी।" उन्होंने कहा कि भारत में यदि ख्रीस्तीयों के बीच एकता को साकार करना है तो इसके लिये गुरुकुलों तथा प्रशिक्षण संस्थानों में ईशशास्त्रीय एवं धर्म तत्व विज्ञान के प्रशिक्षण पर ध्यान केन्द्रित करना होगा।

Thank you for reading our article. You can keep up-to-date by subscribing to our daily newsletter. Just click here

02 September 2021, 11:33