प्राधिधर्माध्यक्ष राई: लेबनान के लिए प्रार्थना दिवस एकता हेतु महत्वपूर्ण कदम
उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी
लेबनान, बृहस्पतिवार, 1 जुलाई 2021 (वीएनएस)- मरोनाईट कलीसिया के प्राधिधर्माध्यक्ष कार्डिनल बेकारा बोत्रोस राई ने प्रार्थना और चिंतन दिवस के संबंध में कहा, "हम वाटिकन सिर्फ ख्रीस्तियों की नहीं बल्कि सभी लेबनानियों की शिकायत लेकर जा रहे हैं। हम लेबनान के कारणों, स्वतंत्रता, संवाद और इस्लामी-ख्रीस्तीय सहअस्तित्व को ला रहे हैं।"
बृहस्पतिवार को वाटिकन में एक दिवसीय प्रार्थना में चिंतन दिवस आयोजित किया गया है जिसमें लेबनान के विभिन्न ख्रीस्तीय समुदाय के प्रतिनिधि और संत पापा फ्रांसिस भाग ले रहे हैं।
कोई भी वंचित नहीं
रविवार को ख्रीस्तयाग अर्पित करते हुए उपदेश में उन्होंने कहा था, "मरोनाईट कलीसिया के प्राधिधर्माध्यक्ष जोर देते हैं कि सभा क्यों न ख्रीस्तीय धार्मिक नेताओं के लिए सीमित हो, यह किसी को वंचित नहीं करता बल्कि लेबनान के भाग्य के लिए हर कोने के ख्रीस्तियों को एकत्रित करता है। ख्रीस्तियों ने कभी भी अपने लिए किसी योजना का चुनाव नहीं किया है बल्कि लेबनान की भलाई के लिए किया है।"
प्राधिधर्माध्यक्ष ने रेखांकित किया कि "तथ्यों से पता चला है कि ख्रीस्तियों की भूमिका के कमजोर होने से हमेशा, लेबनान की एकता, इसकी लोकतांत्रिक प्रणाली और नागरिक सह-अस्तित्व कमजोर हुई है, ख्रीस्तियों और मुसलमानों के बीच समानता अस्थिर हुआ है, और लेबनान में अरब एवं अंतर्राष्ट्रीय संबंधों के बारे चिंता बढ़ी है।"
कार्डिनल राई के अनुसार 1 जुलाई का कार्यक्रम "लेबनान को इस्लामी-ख्रीस्तीय संवाद, लोकतंत्र, प्रगति और सभ्यता का घर बने रहने में मदद करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है"। उन्होंने आश्वासन देते हुए कहा, "हम सभी निराशाओं, युद्धों और राजनीतिक हस्तक्षेप के बावजूद एक साथ रहने का आश्वासन देते हैं।"
अंतरराष्ट्रीय आयाम
कार्डिनल ने एक बार फिर "संविधान और अंतर्राष्ट्रीय प्रस्तावों को सख्ती से लागू करने" का आह्वान किया और देश में राजनीतिक गतिरोध को तोड़ने के लिए संयुक्त राष्ट्र के तत्वावधान में एक विशेष अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित करने के अपने आह्वान को दुहराया।"
आर्थिक संकट
आर्थिक संकट के मामले में मरोनाइट कलीसिया के नेता ने एक बार फिर लेबनानी राजनीतिक वर्ग की कड़ी आलोचना की है। यह आलोचना बैंक ऑफ लेबनान को ईंधन आयात पर सब्सिडी देने की अनुमति देने के हालिया निर्णय के बाद हुई है जिसकी लागत लेबनानी लीरा के अवमूल्यन के कारण निषेधात्मक हो गई है तथा लेबनानी बचतकर्ताओं की जमा राशि से बने बैंकों के अनिवार्य भंडार का उपयोग कर रही है। उन्हें डर है कि यह उपाय माध्यम वर्ष को अधिक प्रभावित करेगी।
Thank you for reading our article. You can keep up-to-date by subscribing to our daily newsletter. Just click here