उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी
भारत, मंगलवार, 6 अप्रैल 2021 (वीएनएस) – रायपुर के महाधर्माध्यक्ष हेनरी ने घटना की कड़ी निंदा करते हुए कहा है, "मैं अत्यन्त दुःखी हूँ कि हमारे सुरक्षाकर्मी अपनी ड्यूटी करते हुए मारे गये। इस तरह की हिंसा को किसी भी तरह से न्यायसंगत नहीं ठहराया जा सकता।"
3 अप्रैल को हुई गोलीबारी पिछले चार सालों में सबसे दिल दहलानेवाली है। चालीस वर्षों से माओवादी विद्रोही, जिन्हें नक्सली कहा जाता है, सशस्त्र विद्रोह का नेतृत्व किया है। वे सबसे गरीब और आदिवासी लोगों की रक्षा का हवाला देते हैं, जिन्हें भारत के आर्थिक विकास से कोई लाभ नहीं होता।
महाधर्माध्यक्ष ठाकुर ने कहा, "हम किसी विवाद या असहमति का हल वार्ता से कर सकते हैं, हिंसा द्वारा कभी किसी समस्या का समाधान नहीं हुआ है।" उन्होंने मृतकों की आत्मा की अनन्त शांति एवं दुखित परिवारवालों की सांत्वना के लिए प्रार्थना की।
बीजापुर और सुकमा जिले के बॉर्डर पर हुई इस मुठभेड़ ने छत्तीसगढ़ सहित पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। हालांकि यह पहली बार नहीं है, जब नक्सली हमले में जवानों ने अपनी जान गंवाई है। इससे पहले भी नक्सली हमले में कई जवान शहीद हो चुके हैं। आधिकारिक रिपोर्टों के अनुसार, 2010 के बाद से इस क्षेत्र में नागरिकों के अलावा, लगभग 200 सुरक्षाकर्मी मारे गए हैं।