माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी
वेल्स, सोमवार 11 जनवरी 2021 (वाटिकन न्यूज) : ब्रिटिश सरकार द्वारा नए राष्ट्रीय लॉकडाउन के दौरान पूजा स्थलों को बंद नहीं करने का निर्णय इस मान्यता पर आधारित है कि देश में गिरजाघर सुरक्षित हैं और वे जो सेवा प्रदान करते हैं वह आवश्यक है, यह बात एक ब्रिटिश गिरजाघर अधिकारी ने कही।
ब्रिटेन 5 जनवरी से अपने तीसरे राष्ट्रीय लॉकडाउन में प्रवेश किया। हालांकि, इस बार, इंग्लैंड और वेल्स में गिरजाघरों को प्रार्थना और पवित्र मिस्सा पूजा के लिए खुले रहने की अनुमति दी गई है। उन्हें बंद करने के लिए कई स्थानीय अधिकारियों के दबाव के बावजूद स्कॉटिश प्रथम मंत्री के फैसले के अनुसार गिरजाघरों को खुला रखा गया है। गिरजाघरों को खुला रखने के कारणों के बारे में कई लोगों के सवालों के बाद, वेस्टमिंस्टर के सहायक धर्माध्यक्ष जॉन शेरिंगटन ने 8 जनवरी को एक पत्र जारी किया और कहा कि चालू संकट के दौरान गिरजाघरों की स्थिति और भूमिका को समझा जाए।
कलीसियाओं की भूमिका और योगदान
पत्र में कहा गया है कि पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड (पीएचई) ने सरकार को अपनी मौजूदा सलाह में उनकी सुरक्षा की पुष्टि की है। धर्माध्यक्ष शेरिंगटन लिखते हैं, "यह सार्वजनिक रूप से पीएचई द्वारा अनिवार्य प्रक्रियाओं के कार्यान्वयन और उनके सुरक्षित उपयोग के लिए गिरजाघरों के भीतर आवश्यक शर्तों को स्थापित करने में कई लोगों द्वारा किए गए महान प्रयासों का परिणाम है।" पत्र यह बताता है कि गिरजाघरों में प्रार्थना कर "लोग व्यक्तिगत रुप से कठिनाईयों का सामना करने की आंतरिक शक्ति प्राप्त करते हैं, जिसकी इस समय बहुत आवश्यकता है"। “बहुत से लोग ऐसे हैं जिन्हें आर्थिक सहायता मिलती है, इसमें भोजन का नियमित प्रावधान शामिल है; बेघर की देखभाल और शांति और परावर्तन का स्थान है (जो कि सुरक्षित है) जिनके जीवन की स्थितियाँ बहुत सीमित हैं।" उन्होंने कहा कि टीकाकरण अभियान के दौरान" गिरजाघर निरंतर सुरक्षा और सेवा सुनिश्चित करने के लिए अपनी भूमिका का प्रयोग करेंगे।"
उत्तरी आयरलैंड में स्थिति
दूसरी ओर, उत्तरी आयरलैंड के धर्माध्यक्षों ने अस्पताल और गहन देखभाल इकाइयों में संख्या के निरंतर मौतों की संख्या और क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवा कर्मचारियों पर लगातार बढ़ते दबाव के मद्देनजर, 7 जनवरी से 6 फरवरी तक पवित्र मिस्सा और अन्य धर्मविधि को विश्वासियों की उपस्थिति के बिना ओनलाइन करने का फैसला किया है। शादी, अंतिम संस्कार, बपतिस्मा संस्कार धर्मविधि अपवाद होंगे।
अपने बयान में, उत्तरी आयरलैंड के धर्माध्यक्ष कहते हैं कि उन्होंने यह निर्णय लिया है " यह जानते हुए कि पवित्र मिस्सा समारोह में एकत्रित न हो पाना विश्वासियों को दुखित करता है, लेकिन इस उम्मीद में कि पवित्र मिस्सा समारोह की यह सीमित अवधि जीवन के संरक्षण, स्वास्थ्य और सभी के अधिक अच्छे के लिए के लिए होगी।” इसी तरह की स्थिति आयरलैंड के कलीसिया, आयरलैंड में प्रेस्बिटेरियन कलीसिया, आयरलैंड के मेथोडिस्ट कलीसिया और कई अन्य संप्रदायों और विश्वास समुदायों के नेताओं द्वारा ली गई है।