उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी
हॉंगकॉंग, मंगलवार, 22 दिसम्बर 2020 (वीएनएस) – कार्डिनल ने संदेश में लिखा है कि "2020 एक कठिनाइयों का साल रहा। सामाजिक दूरी बनाकर रहने के नियम ने एक-दूसरे के साथ बाचचीत करने और सम्पर्क करने के हमारे तरीकों को बदल दिया है। इन सबने हमारे दैनिक जीवन को प्रभावित किया है।"
किन्तु कार्डिनल ने चेतावनी दी है कि "महामारी के के अंत होने का इंतजार करना, अत्यन्त निष्क्रिय मनोभाव है। हमें डिजिटल संस्कृति की पृष्टभूमि पर नये तरीके से सोचना और कार्य करना चाहिए। लोगों के साथ सम्पर्क बनाए रखना चाहिए, साथ ही साथ सूचना एवं तकनीकियों का सही उपयोग भी करना चाहिए।"
उन्होंने कहा है कि ख्रीस्त जयन्ती हमें स्मरण दिलाता है कि शब्द ने शरीर धारण किया तथा हमारे बीच रहा। (यो.1,14) ईश्वर की असीम कृपा सभी हृदयों में बरसती है उनकी कृपा हमारी प्रतिबद्धता की मांग करती है कि हम सभी राष्ट्रों के बीच शांति एवं एकात्मता की वार्ता का निर्माण करें।
यह सृष्टि के लिए भी चिंता करने का आह्वान करती है। इस संदर्भ में कार्डिनल टोंग रेखांकित करते हैं कि हमें याद रखना चाहिए कि मास्क के पीछे एक भाई या बहन का चेहरा है जो हमारे दैनिक जीवन का हिस्सा बन गया है। यद्यपि मास्क के द्वारा चेहरे की मुस्कान छिप जाती है किन्तु हृदय से निकलने वाला स्नेह कभी बंद नहीं हो सकता। एक अलग तरह की ख्रीस्त जयन्ती में कार्डिनल ने विश्वासियों का आह्वान किया है कि हम अपने मित्रों और परिवारों की मदद करना न भूलें। उन्हें अपने खुले हृदय से शांति और आनन्द का संदेश दें।
"हम नहीं जानते कि कठिन महामारी कब तक रहेगी। ईश्वर की कृपा से हम अशांत पानी में पुनः खे सकेंगे किन्तु हम एक-दूसरे के करीब बने रहें।"