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पुराना गोवा का बोम जीसस महागिरजाघर पुराना गोवा का बोम जीसस महागिरजाघर 

संत जेवियर के ताबूत को ठीक करने हेतु पुरातत्व सर्वेक्षण शुरू

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग ने पुराने गोवा के बेसिलिका ऑफ बोम जीसस में संत फ्रांसिस जेवियर के अवशेषों को रखनेवाले चार शताब्दी पुराने चांदी के ताबूत को फिर से ठीक करना शुरू किया है।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

पणजी, बृहस्पतिवार, 10 दिसम्बर 2020 (मैटर्स इंडिया)- ताबूत, जिसे 1698 में तैयार किया गया था, यूनेस्को द्वारा घोषित विरासत का हिस्सा है। ओल्ड गोवा कभी पुर्तगाली समुद्री साम्राज्य की राजधानी और एक महत्वपूर्ण व्यापार केंद्र था।

 करने के लिए तीन विशेषज्ञों की एक टीम को "ओफिच्चो देल्ले पियेत्रे दूरे ए लाबोरातोरियो दी रेसतौरो दी फ्राँस" (फ्लोरेंस, इटली में एक पुनर्स्थापना प्रयोगशाला) से भेजा गया था। उन्होंने ताबूत पर ध्यान देने की सलाह दी थी और कहा था कि यदि इसे ध्यान न दिया गया तो यह 10 साल के अंदर गिर जाएगा।

औरंगाबाद की एएसआई रसायनिक विभाग, जो संरक्षण में विशेषज्ञ है, उसने एएसआई देहरादून से शासनादेश के तहत पहल की है ताकि ताबूत को सुरक्षित करने और बहाल करने हेतु काम शुरू किया जा सके। यह वार्ता बहुत पहले से शुरू हुई थी, जब एएसआई दिल्ली ने आदेश दिया कि उनके विशेषज्ञों द्वारा भारत में इसकी मरम्मत की जानी चाहिए।

 “फादर पैट्रिसियो फर्नांडीस, बेसिलिका ऑफ बॉम जीसस के रेक्टर, ने कहा, "महागिरजाघर में कड़ी सुरक्षा के बीच काम किया जाएगा और यह 10 दिसंबर से शुरू होगा।"

संत जेवियर के पवित्र अवशेष को 1624 में पहली बार सार्वजनिक दर्शन हेतु बाहर निकाल कर एक चांदी के ताबूत में रखा गया था और पुराने गोवा महागिरजाघर के भीतर एक विशेष रूप से निर्मित मकबरे के ऊपर रखा गया था।

एक इताली जेसुइट पुरोहित मार्चेलो मास्ट्रिल्ली,  जो दो मौकों पर चमत्कारिक रूप से मृत्यु के बचे थे, और उनका मानना ​​था कि संत फ्रांसिस ज़ेवियर की मध्यस्थता द्वारा ही वे बचाये गये थे, उन्होंने 1633 में संत को धन्यवाद देने के रूप में चांदी के ताबूत पर काम शुरू किया था।

हालाँकि, फादर मास्ट्रिल्ली, ताबूत के पूरा होने के एक माह पहले जापान के नागासाकी में मारे जाने के कारण उसे पूरा होते देख नहीं पाये।

फ्रांसिस जेवियर का पवित्र अवशेष दुनिया भर के पर्यटकों और भक्तों को पुराने गोवा तक खींच लाता है। हर 10 वर्षों में एक बार अवशेष को ऊंची वेदी से नीचे उतारा जाता है और एक प्रदर्शनी के हिस्से के रूप में जनता के दर्शन के लिए एक कांच के ताबूत में रखा जाता है।

चर्च के अधिकारियों ने पहले जोर देकर कहा था कि बहाली इटली के विशेषज्ञों द्वारा की जानी चाहिए, जिन्होंने मुफ्त में बहाली करने की पेशकश की थी, लेकिन पुरातत्व सर्वेक्षण ने अनुमति देने से इनकार कर दिया, यह कहते हुए कि वे अपने यहाँ के विशेषज्ञों की मदद से खुद ऐसा करेंगे।

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10 December 2020, 15:29