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महामारी के बीच मछुआरों के समर्थन में ‘स्टेला मारिस’ का प्रयास

स्टेला मारिस यूके के मुख्य कार्यकारी श्री मार्टिन फोली ने विश्व मत्स्य दिवस के लिए कार्डिनल पीटर टर्कसन के संदेश का स्वागत किया है और कहते हैं कि समुद्री उद्योग को कोविद-19 महामारी द्वारा उत्पन्न चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। स्टेला मारिस ने मछुआरों और उनके परिवारों को समर्थन देने के अपने प्रयास को दो गुणा बढ़ा दिया है।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, शनिवार 21 नवम्बर 2020 (वाटिकन न्यूज) : हर साल 21 नवंबर को समुद्र एवं समुद्री तटों पर काम करनेवाले तथा मछली व्यापार से जुड़े लोगों के श्रम के महत्व को उजागर करने के लिए ‘विश्व मत्स्य दिवस’ मनाया जाता है। इस उद्योग में अनुमानित 59.5 मिलियन लोग कार्यरत हैं और दो श्रमिकों में से एक महिला है।

विश्व मत्स्य दिवस के अवसर पर शुक्रवार को जारी एक संदेश में परमधर्मपीठीय समग्र मानव विकास को बढ़ावा देने वाले विभाग के अध्यक्ष, कार्डिनल पीटर टर्कसन ने प्रकाश डाला है कि “एशिया में इस क्षेत्र में श्रमिकों की संख्या सबसे अधिक है और यह दुनिया के कुल श्रम शक्ति का 85 प्रतिशत का योगदान देता है और 3.1 मिलियन जहाजों के साथ, यह वैश्विक मछली पकड़ने के 68 प्रतिशत के लिए जिम्मेदार है।”

कार्डिनल टर्कसन ने नोट किया, "जैसा कि दुनिया कोविद-19 महामारी से लड़ती है, कई देशों की अर्थव्यवस्थाओं और मत्स्य पालन जैसे अधिक कमजोर क्षेत्रों पर इसका गंभीर प्रभाव पड़ा है।"

वाटिकन रेडियो की लीडिया ओंकेन से बात करते हुए, स्टेला मारिस मुख्य कार्यकारी अधिकारी और यूके के यूरोपीय क्षेत्रीय समन्वयक मार्टिन फोली ने कार्डिनल के संदेश का स्वागत किया। स्टेला मारिस एक काथलिक कलीसिया की एक एजेंसी है, जो सभी समुद्री यात्रियों के व्यावहारिक और आध्यात्मिक देखभाल प्रदान करती है। "यह मछुआरों और उनके परिवारों के लिए समग्र मानव विकास को बढ़ावा देने वाले विभाग के माध्यम से कलीसिया के समर्थन को प्रदर्शित करती है कि इन चुनौतीपूर्ण समय के दौरान स्टेला मारिस के मिशन के माध्यम से समूद्री कार्यकर्ता और मछुआरे उनके करीब रहते हैं।"

काम करने की स्थिति

जैसा कि दुनिया इस वैश्विक महामारी से जूझ रही है, मछुआरों के लिए एक बड़ी समस्या है कि उनकी रक्षा के लिए उनके पास व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीई) नहीं है। इस मुद्दे को संबोधित करते हुए, श्री फोली ने कहा कि यहां तक कि पूर्व-महामारी में "कई मछुआरों को पर्याप्त पीपीई से वंचित किया गया था।" अब महामारी द्वारा उत्पन्न जोखिमों के साथ, यह और भी महत्वपूर्ण है कि मछुआरों को पर्याप्त पीपीई की आपूर्ति की जाए।

उन्होंने कहा कि दुनिया भर के कई बंदरगाहों में स्टेला मारिस के पुरोहित मछुआरों को फेस मास्क दे रहे हैं और बुनियादी स्वच्छता उपायों के साथ उनकी मदद कर रहे हैं। सीईओ ने यह भी जोर देकर कहा कि यह उपकरण प्रदान करना "मुख्य रूप से उनके नियोक्ताओं की जिम्मेदारी थी।"

21 November 2020, 13:51