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बंगलादेश के महाधर्माध्यक्ष मोसेस कोस्ता बंगलादेश के महाधर्माध्यक्ष मोसेस कोस्ता  

बंगलादेश के महाधर्माध्यक्ष का निधन

बंगलादेश के महाधर्माध्यक्ष मोसेस कोस्ता का निधन सोमवार को हुआ वे 69 साल के थे। बंगलादेश की काथलिक कलीसिया उनके निधन से अत्यन्त दुःखी है।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

बंगलादेश, मंगलवार, 14 जुलाई 20 (वीएन)- बंगलादेश की काथलिक कलीसिया चटगाँव के महाधर्माध्यक्ष मोसेस कोस्ता के निधन पर शोकित है, जिनका निधन कोविड-19 से ठीक होने के कुछ सप्ताह बाद, दिल का दौरा पड़ने पर, ढाका के एक अस्पताल में हुआ। वे 69 साल के थे।

उन्हें 13 जून को ढाका के स्क्वायर अस्पताल के आईसीयू में भर्ती कराया गया था। सांस लेने में तकलीफ होने पर, दूसरे दिन उनकी जाँच की गई थी और उनमें कोविड-19 पोजेटिव पाया गया था।

बाद में उनकी हालत में सुधार हुई थी और 22 जून को उन्हें वारयस नेगाटिव घोषित किया गया था किन्तु आगे दूसरी चिकित्सा के लिए वे अस्पताल में ही रूके रहे। उनकी स्थिति 8 जुलाई को फिर बिगड़ गई और उन्हें आईसीयू में भर्ती किया गया। मेडिकल बोर्ड के अनुसार, उन्हें 9 जुलाई को ब्रेन हैमरेज की वजह से कई स्ट्रोक हुए थे और सोमवार सुबह को उनका निधन हो गया।

महाधर्मप्रांत के वेबसाईट में बतलाया कि उनकी दफन क्रिया चटगाँव में मंगलवार को की जायेगी।

एक अपूरणीय क्षति

वेबसाईट में उनके निधन की घोषणा करते हुए कहा गया है कि उनका इस तरह चला जाना सभी विश्वासियों को जबरदस्त झटका दिया है। "चटगाँव महाधर्मप्रांत इस समय बिना चरवाहे का है। बंगलादेश का पूरा ख्रीस्तीय समुदाय, खासकर, चटगाँव महाधर्मप्रांत के विश्वासी गहरा दुःख और पीड़ा महसूस कर रहे हैं।"

महाधर्मप्रांत समुदाय ने कहा, "उनकी मृत्यु ख्रीस्तीय समुदाय और साथ ही साथ, पूरे बंगलादेश के लिए एक बड़ा घाटा है। उनकी मृत्यु हम सभी के लिए अपूर्णीय क्षति हैं।"

चटगाँव के प्रेरितिक संचालक मलिक विलभर डीकोस्ता ने कलीसिया के लिए "एक मजबूत सामाजिक-आर्थिक नींव रखने और कलीसियाई तंत्र के व्यवस्थित पुनर्गठन में क्रांति लाने के उनके ठोस प्रयासों की सराहना की।" उन्होंने बतलाया कि महाधर्माध्यक्ष ने इसके द्वारा याजकों, धर्मसमाजियों एवं लोकधर्मियों में आध्यात्मिक जागृति और प्रेरितिक उत्साह जगाया।

जीवनी

महाधर्माध्यक्ष मोसेस कोस्ता का जन्म 17 नवम्बर 1950 को हुआ था। वे 10 बच्चों में सबसे छोटे थे। उन्होंने सन् 1971 में हॉली क्रोस धर्मसमाज में प्रवेश किया था तथा 5 फरवरी 1991 को उनका पुरोहिताभिषेक हुआ था।

उन्होंने 1981 से 1984 तक दो पल्लियों में सहायक पल्ली पुरोहित के रूप में अपनी सेवाएँ दीं। उसके बाद उन्हें आगे की पढ़ाई के लिए रोम भेजा गया था।

20 जुलाई 1996 को संत पापा द्वितीय ने उन्हें दीनाजपुर के 6वें धर्माध्यक्ष नियुक्त किये थे जहाँ उन्होंने 2011 तक अपनी सेवा दी। वे 2011 में चटगाँव के 5वें धर्माध्यक्ष नियुक्त हुए थे तथा 2017 में महाधर्माध्यक्ष बन गये जब चटगाँव को संत पापा फ्राँसिस ने महाधर्मप्रांत का दर्जा दिया।

महाधर्माध्यक्ष मोसेस कोस्ता बंगलादेश के काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के महासचिव थे एवं स्वास्थ्य देखभाल कमिशन के अध्यक्ष भी थे।  

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14 July 2020, 16:13