माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी
गाजा, बुधवार,15 जनवरी 2020 (वाटिकन सिटी) : यूरोप और उत्तरी अमेरिका के धर्माध्यक्ष पवित्र भूमि के स्थानीय ख्रीस्तीय समुदाय के समर्थन में अपनी वार्षिक यात्रा जारी रखे हुए हैं। अपनी यात्रा के कार्यक्रम अनुसार, समूह ने सप्ताहांत में गाजा का दौरा किया और वहां रहने वाले लोगों के राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक वास्तविकताओं से रुबरु हुए।
2012 में, संयुक्त राष्ट्र ने एक रिपोर्ट प्रकाशित की जिसमें पाया गया कि वर्ष 2020 तक गाजा रहने लायक स्थान नहीं होगा। इस नये दशक में, वहां के लोगों के पास अभी भी शुद्ध पेयजल नहीं है, बेरोजगारी बहुत अधिक है और वहाँ अभी भी बिजली की कमी है।
गाजा अलगाव की जगह लेकिन आशा की भी
उत्तरी आयरलैंड स्थित डाउन और कोनर के धर्माध्यक्ष नोएल ट्रेनोर ने कहा कि “गाजा में प्रवेश करते ही उन्हें लगा कि यह क्षेत्र सबसे कटा हुआ है। लोग अत्यंत गरीबी में जीवन यापन कर रहे हैं।
वाटिकन न्यूज़ से बात करते हुए, उन्होंने इस बात पर गौर किया कि बड़ी संख्या में युवा इधर उधर धूमते नजर आये, वे स्कूल नहीं जाते। गाजा में उन्होंने अर्जेंटीना के पुरोहित फादर गाब्रियल रोमेली द्वारा चलाए गए काथलिक पल्ली का दौरा किया वहाँ के लोगों में आशा की एक रोशनी दिखाई दी।
धर्माध्यक्ष ने जोर देकर कहा कि वे विशेष रूप से धर्म बहनों द्वारा संचालित एक केंद्र से प्रभावित था, जहाँ विकलांग बच्चों और माता-पिता द्वारा त्याग दिए गए बच्चों को देखभाल करती हैं। उन्होंने यह भी कहा कि तंगी हालत में भी धर्म बहनों द्वारा बच्चों की देखभाल, उनके प्यार और सेवा को देखकर चकित थे।
युवा लोगों के लिए जीवन
गाजा में युवा लोगों में निराशा और अवसरों की कमी के बारे में पूछे जाने पर, धर्माध्यक्ष ट्रेनोर ने कहा कि दुर्भाग्य से, यह जीवन की सच्चाई है वहाँ खासकर युवा लोगों के भविष्य के लिए संभावनाएं बाधित और अवरुद्ध है। ऐसे में युवा अलग-थलग और बेकार महसूस करते हैं।
गाजा में एक प्रशिक्षण और रोजगार सृजन परियोजना का दौरा किया। वहाँ धर्माध्यक्ष ट्रेनोर ने अक ऐसे युवा समूह से मिला जो, "अपने संदर्भ की कठिनाई और जटिलता के बावजूद, खुद के लिए भविष्य बनाने के लिए, अपने कौशल, अपनी प्रतिभा को विकसित करने में लगे हुए थे। उनमें से प्रत्येक ने अलग-अलग तरीकों से अपनी इच्छा प्रकट की। कुध गाजा में रहने के लिए, कुछ वहां एक सामान्य जीवन बिताने के लिए और कुछ शांति को बढ़ावा देने और न्याय की खोज में संलग्न होने की इच्छा प्रकट की।