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कंधमाल, ख्रीस्तीय विरोधी हिंसा कंधमाल, ख्रीस्तीय विरोधी हिंसा 

कंधमाल नरसंहार मामले में अन्याय, महाधर्माध्यक्ष बारवा

साल 2008 में कथित हिन्दू चरमपंथियों ने अपने धर्मगुरू की हत्या का आरोप लगाकर, सौ से अधिक ख्रीस्तियों की हत्या की जबकि हिन्दू धर्मगुरू की हत्या माओवादियों द्वारा की गयी थी। उड़ीसा में 2020-2021 के लिए स्थानीय धर्माध्यक्षीय धर्मसभा का आयोजन किया गया है महाधर्माध्यक्ष बारवा के लिए यह अवसर विश्वासियों पर आशीष, विश्वास को मजबूत करने एवं साहस का समय होगा।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

नई दिल्ली, मंगलवार, 28 जनवरी 2020 (रेई)˸ भारत के सर्वोच्च न्यायालय (एससीआई) ने 2008 में ओडिशा (उड़ीसा) के कंधमाल जिले, में घातक ईसाई विरोधी हमलों के सिलसिले में "सांप्रदायिक हिंसा" के 3,700 से अधिक आरोपियों को बरी कर दिया है।

एशियान्यूज से बातें करते हुए कटक भुनेश्वर के महाधर्माध्यक्ष जॉन बरवा ने कहा कि उन्हें बहुत दुःख हुआ कि न्याय नहीं किया गया। उन्होंने कहा, "हमने हमेशा न्याय की उम्मीद की थी और उसके लिए प्रार्थना किया था ताकि अपराधियों को दण्ड दिया जाए और पीड़ितों को क्षतिपूर्ति मिले।  

ख्रीस्तीय विरोधी हिंसा की शुरूआत हिन्दू धर्मगुरू लक्ष्मानन्द सरस्वती की हत्या के साथ हुई थी। यदयपि माओवादियों ने हत्या की जिम्मेदारी ली थी पर हत्या का आरोप ख्रीस्तियों पर लगाया गया।

महाधर्माध्यक्ष ने कहा, "हम पूरी तरह निराश हैं, हमने जो हुआ उससे बचने के लिए न्यायाधीशों से मामले का मूल्यांकन ध्यान देकर करने की मांग की थी। हम बहुत दुःखी हैं। हम न्याय की मांग करते हुए पुनः याचिका दायर करेंगे।  

भारत के अदालत द्वारा फैसला विगत शनिवार को सार्वजनिक किया गया।

कंधमाल हिंसा में करीब 6,594 लोगों को गिरफ्तार किया गया था। ओडिशा के गृह विभाग ने कंधमाल जिले में धार्मिक हिंसा के 827 प्रकरण और 512 मामले दर्ज किए गये हैं।

342 मामलों में कार्यवाही रद्द कर दी गई और 79 अभियुक्तों की सजा के साथ समाप्त हो गई। कुछ 263 मुकदमे बरी हो गए; अन्य 170 अभी भी लंबित हैं।

महाधर्माध्यक्ष बरवा ने सर्वोच्च न्यायालय से मांग की है कि वह स्थानीय अधिकारियों को उन मामलों के लिए एक विशेष जांच दल गठित करने का आदेश दे जिसमें अपराध किया गया था, लेकिन पीड़ित अपराधी की पहचान नहीं कर सका।

कलीसियाई आंकड़े के अनुसार कंधमाल में कुल 120 लोगों की हत्या हो गयी थी, करीब 56 हजार लोग विस्थापित हो गये थे, 415 गाँवों के 8000 घरों को लूटा गया, 300 गिरजाघरों को ध्वस्त किया गया, 40 महिलाओं का बलत्कार हुआ तथा 12000 बच्चे विस्थापित हुए जिन्हें स्कूल से वंचित होना पड़ा।

महाधर्माध्यक्ष ने कहा, "मैं अपने लोगों के लिए संघर्ष करना, तब तक नहीं छोड़ूँगा, जब तक कि अंतिम ख्रीस्तीय को न्याय न मिल जाए। मैं उन लोगों के लिए प्रार्थना करता एवं उन्हें धन्यवाद देता हूँ जिन्होंने हमारी मदद की और हमारा ख्याल रखा।

गत साल 11 साल के बाद, सात निर्दोष ख्रीस्तियों को बरी कर दिया गया था।

महाधर्माध्यक्ष बरवा ने बतलाया कि 2020-2021 में ओडिशा की कलीसिया, भारत के काथलिक धर्माध्यक्षों की धर्मसभा की मेजबानी करेगी। उन्होंने कहा, "मैं आशा और प्रार्थना करता हूँ कि यह हमारे लिए आशीर्वाद का समय होगा।"

 

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28 January 2020, 17:02