परामर्शदाता कार्डिनलों के बीच प्रेरितिक संविधान पर बातचीत जारी
जूलयट जेनेवीव क्रिस्टफर-वाटिकन सिटी
वाटिकन सिटी, शुक्रवार, 20 सितम्बर 2019 (रेई,वाटिकन रेडियो): सन्त पापा फ्राँसिस की छः सदस्यीय परामर्शदाता कार्डिनलों की समिति, प्रेरितिक संविधान पर विचार-विमर्श हेतु 17 से 19 सितम्बर तक वाटिकन में एकत्र हुई। यह समिति विश्व के धर्माध्यक्षीय सम्मेलनों द्वारा भेजे गये सुझावों पर विचार-विमर्श कर रही है।
पुनर्पाठ एवं संशोधन
वाटिकन द्वारा एक प्रेस विज्ञप्ति में गुरुवार को बताया गया कि समिति की दो दिवसीय बैठक, "नवीन प्रेरितिक संविधान के मसौदे के पुनर्पाठ एवं संशोधन कार्य पर केन्द्रित रही"। नवीन प्रेरितिक संविधान का अनंतिम शीर्षक है: "प्रेदिकाते एवानजेलियुम"।
वाटिकन की प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया कि पहला पुनर्पाठ उस चिन्तन से किया गया जिसमें सन्त पापा फ्राँसिस ने सहभागिता की भावना को प्रोस्ताहित करने पर बल दिया है।
सुसमाचार प्रचार, कलीसियाई मिशन की प्राथमिकता
सन् 2013 में सन्त पापा फ्राँसिस ने प्रेरितिक संविधान में सुधार हेतु परामर्शदाता कार्डिनलों की समिति का गठन किया था। उम्मीद की जा रही है कि नवीन संविधान का दस्तावेज़, कलीसियाई मिशन की संरचनात्मक प्राथमिकता रूप में, सुसमाचार प्रचार पर नवीकृत ढंग से ज़ोर देगा।
नवीन प्रेरितिक संविधान, "प्रेदिकाते एवानजेलियुम", सन्त पापा जॉन पौल द्वितीय द्वारा सन् 1988 में घोषित प्रेरितिक संविधान "पास्तेर बोनुस" संविधान की जगह लेगा, जिसमें वर्तमान युग की चुनौतियों के अनुकूल सन्त पापा बेनेदिक्त 16 वें तथा सन्त पापा फ्राँसिस द्वारा किये गये संशोधन शामिल होंगे।
कार्डिनलों की उक्त छः सदस्यीय समिति में भारत की ओर से मुम्बई के महाधर्माध्यक्ष कार्डिनल ऑस्वर्ल्ड ग्रेशियस उपस्थित थे।
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