खोज

कंधमाल के चार कपुचिन पुरोहितों का अभिषेक कंधमाल के चार कपुचिन पुरोहितों का अभिषेक 

कंधमाल में चार कपुचिन पुरोहितों का अभिषेक

कंघमाल जिले में बरहाम धर्मप्रांत के धर्माध्यक्ष ने फादर राहुल बास्तारे, फादर जोर्ज पाटमाझी, फादर आनंद प्रधान और फादर अमर कुमार सिंह का पुरोहिताभिषेक किया।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

सिमोनबाड़ी, सोमवार 31 दिसम्बर 2018 (मैटर्स इन्डिया) :  ओडिशा के कंधमाल में हुए ख्रीस्तीय विरोधी हिंसा से बचे कपुचिन धर्मसमाज के चार डीकनों का पुरोहिताभिषेक 27 दिसंबर को हुआ।  

पुरोहिताभिषेक मिस्सा समारोह के मुख्य अधिष्ठाता बरहाम के धर्माध्यक्ष सरत चंद्र नायक ने प्रवचन में कहा,“ईश्वर ने आप लोगों को मूसा के समान विश्वासी आप अपने लोगों की अगुवाई करने के लिए चुना है।” ओडिशा राज्य के कंघमाल जिले में कटक-भुवनेश्वर महाधर्मप्रांत के सिमोनबाड़ी, संत मरिया मार्था पल्ली में आयोजित समारोह में 47 पुरोहितों, 20 धर्मबहनों सहित 1500 ख्रीस्तियों ने भाग लिया।

ख्रीस्त में अटूट विश्वास

धर्माध्यक्ष सरत ने नव अभिषिक्त पुरोहित फादर राहुल बास्तारे, फादर जोर्ज पाटमाझी, फादर आनंद प्रधान और फादर अमर कुमार सिंह को याद दिलाया कि “अब्राहाम के करीब एक हजार साल बाद इस्राएली मिस्र की गुलामी में थे। मूसा ने इस्राएलियों को मिस्र की गुलामी से मुक्त कर उस पवित्र देश में ले गया जिसे ईश्वर ने उनके लिए प्रतिज्ञा की थी। मूसा के लिए यह ईश्वर की ओर से चुनौती थी।”

उन्होंने कहा कि ख्रीस्तीय विरोधी हिंसा ने कंधमाल के ख्रीस्तियों का येसु ख्रीस्त में अटूट विश्वास को छोड़ कर सब कुछ ले लिया। ईश्वर हमारे साथ इसी परिस्थिति में जीना चाहते थे।

पुरोहिताभिषेक समारोह अरुणदया कपुचिन आश्रम माइनर सेमिनरी, बारोखोमा से 12 किलो मीटर दूरी पर आयोजन किया गया था। इस सेमिनरी में वर्ष 2007-2008 में ख्रीस्त विरोधियों द्वारा दो बार हमला किया गया था।

ईश्वर की कृपा हमेशा

नव अभिषिक्त पुरोहित फादर प्रधान ने कहा कि ख्रीस्त विरोधी हिंसा उनके 10 वर्ष के पुरोहितिक प्रशिक्षण को रोक नहीं पाई। “हमने सांप्रदायिक हिंसा के समय जंगल में शरण ली थी। हमारे प्रशिक्षण में अनेक बाधाएँ आईं, लेकिन ईश्वर ने अपने राज्य में काम करने हेतु हर खतरे से लगातार रक्षा की और हमारा मार्गदर्शन किया।”

चारों ने अपनी हाई स्कूल की पढ़ाई पूरी करने के बाद 2006 में लधु गुरुकुल में प्रवेश किया। उन्होंने अपने प्रशिक्षण का पहला वर्ष दक्षिण भारत के केरल स्थित इडुक्की जिले के कट्टापना में किया था। दर्शनशास्त्र और धर्मशास्त्र अध्ययन के लिए वे आंध्र प्रदेश गए। उन्होंने 2017 में कपुचिन धर्मसंघ में अंतिम मन्नत ली।

विश्वास के धनी

कपुचिन धर्मसमाज के परमअधिकारी फादर मेल्कियोर काटा भी समारोह में उपस्थित थे। उन्होंने कहा कि यद्यपि कंधमाल के लोग भौतिक संपदा में गरीब हैं, पर येसु मसीह में विश्वास के धनी हैं। वे आधुनिक दुनिया के लिए प्रेरणादायक हैं।

Thank you for reading our article. You can keep up-to-date by subscribing to our daily newsletter. Just click here

31 December 2018, 15:33