संत मदर तेरेसा : दिव्य करुणा की वितरक
माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी
वाटिकन सिटी, मंगलवार 4 सितम्बर 2018 (वाटिकन न्यूज) : “मदर तेरेसा के लिए, करुणा "नमक" था जो कामों में स्वाद लाया, साथ ही यह "प्रकाश" था जो गरीबी और पीड़ा में पड़े लोगों के अंधेरे जीवन में आशा की किरण जगाई।” यह बात संत पापा फ्राँसिस ने मदर तेरेसा के संत घोषणा समारोह के अवसर अपने प्रवचन में कही थी।
संत मदर तेरेसा ने गरीबों में सबसे गरीबों की सेवा करने का फैसला किया और वहां ईश्वर का करुणामय प्रेम प्रकट हुआ। उसने कहा, "आइए हम मरने वाले, गरीबों, अकेले और अवांछितों के पास जायें और उदार कामों को करने के लिए अपने में शर्मिंदा न हों।" उन्होंने अपने जीवन में मुस्कुराहट के माध्यम दूसरों को मुस्कुराते हुए अन्यों से मुलाकात करने को प्रोत्साहित किया। उनका कहना था कि मुस्कुराहट ही प्यार की शुरुआत है।
संत पापा फ्राँसिस ने मदर तेरेसा के संत घोषणा के दिन विश्वासियों से आग्रह किया कि हमें अपने दिल में उनके लिए मुस्कुराहट लानी और उन लोगों को देना चाहिए जिन्हें हम अपनी जीवन यात्रा में मिलते हैं, विशेष रूप से जो लोग पीड़ित हैं, हमारे कई भाई और बहनें जो निराश और हताश हैं, हम अपनी मुस्कुराहट और अपनेपन द्वारा उनके जीवन में खुशी और आशा लायें।
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