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कटक-भुवनेश्वर के महाधर्माध्यक्ष जॉन बरवा कटक-भुवनेश्वर के महाधर्माध्यक्ष जॉन बरवा  

उड़ीसा में ख्रीस्तीय विरोधी हिंसा की 10वीं वर्षगांठ

कटक-भुवनेश्वर के महाधर्माध्यक्ष जॉन बरवा और भारत के काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन (सीबीसीआई) द्वारा ख्रीस्तीय विरोधी नरसंहार की 10वीं वर्षगांठ पर 25 अगस्त को भुवनेश्वर के संत जोसेफ कॉन्वेंट स्कूल में पवित्र मिस्सा का आयोजन किया गया है।

माग्रेट सुनीता मिंज - वाटिकन सिटी 

कटक-भुनेशवर, शनिवार 18 अगस्त 2018 (रेई) : भारत के काथलिक 25 अगस्त को उड़ीसा राज्य की राजधानी भुवनेश्वर में ख्रीस्तियों पर हुए भयानक नरसंहार और अत्याचारों की 10 वीं वर्षगांठ पर ख्रीस्तयाग समारोह में भाग लेंगे।

भारत के काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन (सीबीसीआई) और कटक-भुनेशवर के महाधर्माध्यक्ष जॉन बरवा  ने एक साथ मिलकर धर्मनिरपेक्षता, लोकतंत्र, न्याय,शांति और भाईचारे की अपील की है और  "कृपा, सुलह और धन्यवाद" का पवित्र यूखरीस्तीय  समारोह का आयोजन किया है।

काला दिवस- 25 अगस्त 2008  

उड़ीसा के हिंदू चरमपंथियों ने हिंदू नेता स्वामी लक्ष्मणानंद सरस्वती की 23 अगस्त की हत्या के लिए 25 अगस्त 2008 को, कंधमाल जिले के ख्रीस्तियों पर हमला किया था। हालांकि माओवादी विद्रोहियों ने स्वामी की हत्या का दावा किया था।

यह भारत का सबसे भयानक ख्रीस्तीय विरोधी उत्पीड़न माना जाता है। इस उत्पीड़न ने 56,000 ख्रीस्तियों को जंगलों  और अन्य स्थानों में सुरक्षा हेतु भागने के लिए मजबूर किया था। चरमपंथियों ने करीब 415 गांवों पर छापा मारा और 5,600 घरों में आग लगा दी थी। सरकारी आंकड़ों के अनुसार,नरसंहार में  38 लोग मारे गए और दो महिलाएं बलात्कार की गईं, हालांकि समाजसेवा कार्यकर्ताओं के अनुसार मरने वालों की संख्या 100 से ज्यादा है। बहुत से लोग घायल हो गए थे और बहुत से लोग स्थायी रूप से अपंग हो गए।

महाधर्माध्यक्ष बरवा ने एक प्रेस वक्तव्य में भुवनेश्वर के संत जोसेफ कॉन्वेंट स्कूल में 25 अगस्त को सालगिरह के मिस्सा बलिदान की सूचना देते हुए कहा, "25 अगस्त, 2008 की मध्य रात्रि में कंधमाल के निर्दोष लोगों पर हुए अमानवीय हमले को ओड़िशा और स्वतंत्र भारत के शांति प्रिय लोग हमेशा एक काला दिन के रुप में याद रखेंगे।"

यह बहुत ही हृदय विदारक संहार था, ख्रीस्तियों का अमानवीय नरसंहार महीनों तक चलता रहा। उन्होंने अपील की कि कंधमाल में जो नरसंहार हुआ इसका दुहराव कहीं भी और कभी भी न हो।

कलीसिया, पीड़ितों के करीब

 वाटिकन समाचार से बातें करते हुए महाधर्माध्यक्ष बरवा ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में उनका महाधर्मप्रांत "पीड़ितों के करीब रहा" है।

कलीसिया पीड़ित लोगों के लिए न्याय और राहत मांगने की कानूनी प्रक्रिया में लोगों का साथ दिया है। इस संबंध में महाधर्मप्रांत ने रैलियों का आयोजन किया, सरकारी अधिकारियों को ज्ञापन दिया और अदालतों में न्याय के लिए लड़ रहा है।

महाधर्माध्यक्ष बरवा ने कहा कि इन सभी प्रयासों में, ख्रीस्तियों ने खुद को ईश्वर के हाथों समर्पित कर दिया है। उन्हें इस बात पर भरोसा है कि जो मनुष्यों के लिए असंभव है वह ईश्वर के लिए संभव है।

उन्होंने कहा कि ख्रीस्तीय सच्ची क्षमा, सुलह और शांति के लिए प्रार्थना कर रहे हैं।

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18 August 2018, 14:30