नये कार्डिनल एनरिको को बिरेटा पहनाते हुए संत पापा फ्राँसिस नये कार्डिनल एनरिको को बिरेटा पहनाते हुए संत पापा फ्राँसिस 

नए कार्डिनलों से संत पापाःप्रभु के मार्ग पर बने रहें

संत पापा फ्राँसिस ने शनिवार को नए कार्डिनलों से आग्रह किया कि वे "ईश्वर के मार्ग पर यात्रा" करने से न भटके। उन्होंने चेतावनी दी, कार्डिनलों के पोशाक का लाल रंग, रक्त का प्रतीक है, "'जो एक सांसारिक भावना के लिए, दुनियाई गौरव बन सकता है।"

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, शनिवार 28 नवम्बर 2020 (वाटिकन न्यूज) : संत पापा फ्राँसिस ने शनिवार को 7वीं कनसिस्ट्री में दुनिया के 8 देशों से आए 13 नए कार्डिनलों को कार्डिनल मंडल में शामिल किया। उन्होंने कार्डिनल की बिरेटा (लाल टोपी), अंगूठी और पद प्रदान की।

उन्होंने संत मारकुस के सुसमाचार के एक अंश पर टिप्पणी की जहां येसि यरूशलेम की ओर जाते समय अपने अपमान, दुखभोग, मृत्यु और पुनरुत्थान के बारे में बातें करते हैं। इस बीच, जेम्स और जोन ने येसु से गौरव का स्थान पाने हेतु आग्रह किया। लेकिन येसु ने दो भाइयों को बताया कि उन्हें सबसे पहले दुःख सहने के लिए तैयार रहना चाहिए और मनुष्य के पुत्र की तरह दूसरों का सेवक बनना चाहिए।

संत पापा ने कहा कि येरुसालेम का सड़क जीवन और मुक्ति का मार्ग है, जिसे मसीह के साथ यात्रा की जाती है और जो येसु के पास्का रहस्य की ओर ले जाती है। “क्रूस और पुनरुत्थान हमारे इतिहास का हिस्सा हैं; वे हमारे "आज" हैं, लेकिन यह भी और हमेशा हमारी यात्रा का लक्ष्य भी है। " येसु अपने शिष्यों के विस्मय और भय के प्रति उदासीन नहीं है, उन्हें आने वाले संघर्षों के लिए तैयार करते हैं ताकि वे हमेशा उनके साथ उनके मार्ग पर रहें।

येसु की राह पर चलते रहे

जेम्स और जॉन येसु के मार्ग को नहीं लेकिन अलग मार्ग पर जाना चाहते थे। संत पापा ने कहा, "हम सभी येसु से प्यार करते हैं, हम सभी उसका अनुसरण करना चाहते हैं, फिर भी हमें हमेशा सड़क पर बने रहने के लिए सावधान रहना चाहिए।"

"हम शरीर से उनके साथ हो सकते हैं, लेकिन हमारे दिल बहुत दूर तक भटक सकते हैं और इसलिए हमें सड़क पर भटका सकते हैं।" "पुरोहित जीवन में कई प्रकार के भ्रष्टाचार" के बारे में सोचते हुए, संत पापा ने कहा, "कार्डिनल के वस्त्र, जो कि रक्त का रंग है, जो सांसारिक भावना के लिए, दुनियाई गौरव'का रंग बन सकता है। उन्होंने चेतावनी दी कि इस तरह का व्यक्ति अपने लोगों के करीब नहीं हो सकता, वह उनका चरवाहा नहीं बन सकता। जब आपको लगेगा कि आप केवल दुनियाई गौरव के लिए हैं तो आप प्रभु के मार्ग से दूर हो गये हैं। ”

संत पापा ने कहा कि येसु के मार्ग और शिष्यों का मार्ग अलग होने की वजह से उनकी मुलाकात नहीं हो सकती है। "केवल प्रभु, अपने क्रूस और पुनरुत्थान के माध्यम से, अपने भटके हुए दोस्तों को बचा सकते हैं जो खो जाने का जोखिम उठाते हैं।"

संत पापा ने कहा, "हमें (संत पापा और कार्डिनल) भी हमेशा खुद को सच्चाई के मार्ग में परिलक्षित देखना चाहिए।" यह तेज धार वाली तलवार है; जब यह काटता है तो काफी दर्दनाक होता है, लेकिन यह हमें स्वस्थ करता है, मुक्त करता है और परिवर्तित करता है। ” रूपांतरण का अर्थ है अपने भटके हुए मार्ग से वापस लौटकर प्रभु के मार्ग में यात्रा करने के लिए तैयार होना।"

कनसिस्ट्री

कनसिस्ट्री के दौरान, कार्डिनलों ने एकसाथ धर्मसार की प्रार्थना का पाठ किया। इसके बाद एक एक कर संत पापा फ्राँसिस ने उनके सिर पर बिरेटा लाल टोपी रखा, उन्हें कार्डिनल की अंगूठी और धर्मप्रांत में विशेष स्थान दिया।

कार्डिनल, जो संत पापा के सबसे करीबी सहयोगी हैं, रंग लाल पहनते हैं, जो पेरुस की उत्तराधिकारी की सेवा में खुद को "अपने स्वयं के रक्त को बहाने के लिए" बलिदान करने का प्रतीक है। भले ही वे अपने देशों में रहते हैं, प्रत्येक कार्डिनल को रोम का एक गिरजाघर सौंपा जाता है। यह कार्डिनलों के रोम धर्मप्रांत का हिस्सा होने का प्रतीक है, जिसके धर्माध्यक्ष रोम के पहले धर्माध्यक्ष संत पेत्रुस के उत्तराधिकारी हैं।

कोविद -19 के तहत कनसिस्ट्री

28 नवंबर का कनसिस्ट्री एक असाधारण समय में हुआ है। दुनिया भर में कोविद -19 संक्रमणों की बढ़ती संख्या और अनिवार्य स्वास्थ्य प्रोटोकॉल को देखते हुए, कंसिस्ट्री में सीमित विश्वासीगण थे। प्रत्येक नए कार्डिनल को केवल कुछ मेहमानों या परिवार के सदस्यों की अनुमति थी। समारोह के बाद, विभिन्न वाटिकन स्थानों में प्रथागत स्वागत, शुभचिंतकों को व्यक्तिगत रूप से नए कार्डिनलों को शुभकामनाएं देने की अनुमति नहीं दी गई।

स्वास्थ्य आपातकाल के कारण, एशिया के दो नए कार्डिनल, ब्रुनेई के अपोस्टोलिक विकार धर्माध्यक्ष कॉर्नेलियस और, फिलिपींस, कैपिज़ के महाधर्माध्यक्ष जोस एड्विनकुला रोम में आने में असमर्थ थे। समारोह का वाटिकन से एक विशेष लाइवस्ट्रीम के माध्यम भी ऑनलाइन इस समारोह में भाग ले पायें। उन्हें अपने बिरेटा, अंगूठी और पद बाद में उनके संबंधित देशों में सौंप दिए जाएंगे।

संत पापा फ्राँसिस ने रविवार, 25 अक्टूबर को दोपहर "देवदूत" प्रार्थना के बाद 13 नए कार्डिनलों के नाम की घोषणा की। इनमें से चार कार्डिनल 80 वर्ष से अधिक उम्र के हैं और इसलिए वे नए परमाध्यक्ष के चुनाव में वोट करने के योग्य नहीं हैं। 28 नवंबर को नये कार्डिनलों के साथ कार्डिनल मंडल में कार्डिनलों की कुल संख्या 229 हो गई है जिनमें से 101 कार्डिनल 80 वर्ष को पार कर चुके हैं।

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28 November 2020, 22:30