ईश सेवक फादर लीबंस के भारत आगमन की 136वीं वर्षगाँठ समारोह ईश सेवक फादर लीबंस के भारत आगमन की 136वीं वर्षगाँठ समारोह 

फादर लीवन्स के छोटानागपुर आगमन की 136वीं वर्षगाँठ मनायी गई

ईश सेवक फादर कॉन्सटंट लीवन्स ने 19 मार्च 1885 ई. को जमगाई गाँव में पाँव रखा था और वहीँ से छोटानागपुर के लोगों की सेवा करना आरम्भ किया था। उन्होंने अपना सारा जीवन छोटानागपुर के गरीब और कमजोर लोगों की मदद करने में बिताया। उनकी स्मृति में हर साल जमगाई में "लीवन्स डे" मनाया जाता है।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

राँची, सोमवार, 22 मार्च 2021 (वीएन हिन्दी)- छोटानागपुर के प्रेरित, ईश सेवक फादर कॉन्सटंट लीवन्स येसु समाजी के छोटानागपुर आगमन की 136वीं वर्षगाँठ एवं वार्षिक तीर्थयात्रा समारोह, 21 मार्च 2021 को हुलहुण्डू पल्ली के जमगाई गाँव में मनायी गयी।

"आज जलती रहे" का नारा फादर कॉन्सटंट लीबंस ने छोटानागपुर में अपनी प्रेरिताई की शुरूआत करते हुए दिया था जो आज भी प्रज्वलित है।

ईश सेवक फादर कॉन्सटंट लीवन्स ने 19 मार्च 1885 ई. को जमगाई गाँव में पाँव रखा था और वहीँ से छोटानागपुर के लोगों की सेवा करना आरम्भ किया था। उन्होंने अपना सारा जीवन छोटानागपुर के गरीब और कमजोर लोगों की मदद करने में बिताया। उनकी स्मृति में हर साल जमगाई में "लीवन्स डे" मनाया जाता है।

राँची महाधर्मप्रांत के सचिव फादर सुशील टोप्पो ने जानकारी दी कि रविवार को समारोही ख्रीस्तयाग शुरू करने से पहले मुठिया स्थित मरिया ग्रोटो के पास अतिथियों का स्वागत एवं रोजरी माला विन्ती का जुलूस किया गया। पवित्र मिस्सा शुरू करते हुए मुख्य अनुष्ठाता राँची के महाधर्माध्यक्ष फेलिक्स टोप्पो एवं सहअनुष्ठाता सहायक धर्माध्यक्ष थेओदोर मसकरेन्स ने ईश सेवक फादर कॉन्सटंट लीवन्स को श्रद्धांजलि देते हुए माल्यार्पण किया एवं मशाल प्रज्वलित किया। तत्पश्चात् फादर लीवन्स की संक्षिप्त जीवनी प्रस्तुत की गई। परमप्रसाद के बाद ईश सेवक फादर कॉन्सटंट लीवन्स की धन्य घोषणा के लिए विशेष प्रार्थना की गई।  

फादर कॉन्सटंट लीवन्स ने विश्वास का बीज बोया

महाधर्माध्यक्ष फेलिक्स टोप्पो एस.जे. ने अपने संदेश में कहा कि फादर कॉन्सटंट लीवन्स ने जो विश्वास का बीज 136 साल पहले बोया था उसे हमें आगे बढ़ाना है और उसे जीने का प्रयत्न करना है। उन्होंने हमारे पूर्वजों को जमीनदारों के चंगुल से छुड़ाया और सी.एन.टी एवं एस.पी.टी एक्ट को लागू करवाने में भी उनकी अहम भूमिका रही है।

राँची के सहायक धर्माध्यक्ष थेओदोर मसकरेन्स ने ईश सेवक फादर कॉन्सटंट लीवंन्स एवं ईश सेविका माता मेरी बेर्नादेत्त की संत घोषणा की प्रक्रिया की जानकारी दी और कहा कि उनकी संत घोषणा के लिए हर घर, समाज और पल्ली में प्रार्थना करना है।

वाईस पोस्टूलेटर फादर ओरल ब्रीस येसु समाजी ने भी फादर लीवन्स की धन्य घोषणा पर प्रकाश डाला।

विशिष्ट अतिथि खिजरी विधानसभा के विधायक श्री राजेश कच्छप जी ने कहा कि "वे आज फादर लीवन्स की वजह से ही यहाँ सामने खड़े हैं। उन्होंने हमें जो शिक्षा दी है उसे हमें जीना है और सबके विकास एवं कल्याण के लिए काम करना है।"

सभी अतिथियों एवं उपस्थित धर्मसमाज के प्रतिनिधियों को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर संत अन्ना धर्मसमाज की परमाधिकारिणी सिस्टर लिली ग्रेस तोपनो,  उर्सुलाईन धर्मसमाज की प्रोविंशल सिस्टर सुचिता शालिनी खलखो, हुलहूण्डू पल्ली के पल्ली पुरोहित फादर हुबेर्तुस बेक, काथलिक सभा के सभापति राजन तिरू, प्रचारक साईमन तिरू, अनिमा, सि. एमरेंसिया और भारी संख्या में विभिन्न धर्मसमाज के पुरोहितगण, धर्मबंधु, धर्मबहनें और हजारों की संख्या में विश्वासी उपस्थित थे। कार्यक्रम का समापन प्रीतिभोज से किया गया।

ईश सेवक फादर लीवन्स के आगमन की 136वीं वर्षगाँठ
ईश सेवक फादर लीवन्स के आगमन की 136वीं वर्षगाँठ

ईश सेवक फादर कॉन्सटंट लीवन्स 

फादर कॉन्सटंट लीवन्स ईश्वर के प्रेम की आग से प्रज्वलित थे। उनमें ईश्वर की शक्ति को स्पष्ट देखा जा सकता है। उनका जन्म 10 अप्रैल 1856 को बेल्जियम के मूरसेलेदे में हुआ था। मानव सेवा से प्रेरित होकर उन्होंने 1878 में येसु समाज में प्रवेश किया और 1880 में मिशनरी बनकर भारत आये। 1883 में पुरोहित अभिषेक के बाद उन्होंने कुछ समय के लिए पढ़ाई में व्यतीत किया उसके बाद 1885 में छोटानागपुर आये।

छोटानागपुर जो आज झारखंड कहलाता है उन दिनों वहाँ के लोग जमीनदारों के चंगुल में थे एवं गरीबी, अशिक्षा, अन्याय, अत्याचार आदि कई विकट समस्याओं का सामना कर रहे थे। फादर लीबंस ने छोटनागपुर में साल सालों की अपनी प्रेरिताई में दिन-रात मेहनत कर बहुत सारे लोगों को जमीनदारों के चंगुल से छुड़ाया और उनके बीच ख्रीस्त की ज्योति जलायी।

कठोर परिश्रम और त्याग करने के कारण वे अधिक दिन छोटानागपुर में नहीं रह पाये और 7 नवम्बर 1893 को 37 साल की उम्र में बेल्जियम में उनका निधन हो गया। उनके पवित्र अवशेष को 7 नवम्बर 1993 को राँची लाया गया तथा संत मरिया महागिरजाघर में स्थापित किया गया है।

छोटानागपुर के प्रेरित  

कार्डिनल तेलेस्फोर पी. टोप्पो ने फादर लींवन्स की धन्य घोषणा हेतु ख्रीस्तयाग अर्पित करते हुए कहा था कि छोटानागपुर की जमीन पर हमारे पुरखों के लिए मनफिराव का अवसर प्रभु के सेवक फादर कोन्सटंट लीवंस और उनके साथी सुसमाचार वाहकों के द्वारा आया। तत्कालीन परिस्थितियां भी ऐसी थीं, जिसके कारण हमारे पुरखों ने फादर लीवंस और उनके साथी सुसमाचार वाहकों में मुक्ति की संभावना देखी।

उन्होंने बताया था कि फादर कॉन्सटंट लीवंस का छोटानागपुर पदार्पण और हमारे पूर्वजों का मनफिराव एक ऐतिहासिक घटना है। बेल्जियम मिशनरी येसु संघी फादर कोन्सटंट लीवंस छोटानागपुर में बहुत कम समय के लिए अपनी मिशनरी सेवाएं दी। उनकी समर्पित मिशनरी सेवा और सुसमाचार प्रचार का प्रभाव था कि सात साल में 80 हजार लोगों ने मनफिराव कर ख्रीस्त को अंगीकार किया, इसलिए उन्हें छोटानागपुर के प्रेरित भी कहा जाता है।   

ईश सेवक फादर लीवन्स के आगमन की 136वीं वर्षगाँठ
ईश सेवक फादर लीवन्स के आगमन की 136वीं वर्षगाँठ

 

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22 March 2021, 15:47