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मातृत्व पर यमन के युद्ध का भयावह असर

यूएनएफपीए कहती है कि यमन में हर दो घंटे में प्रसव के दौरान महिलाएँ मर रही हैं। महिलाएं और किशोरियाँ छह वर्ष के लंबे समय का संघर्ष झेलने का खामियाजा भुगत रही हैं, कोविद -19 महामारी इसे अकल्पनीय रूप से बदतर बना दिया है।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

सन्ना, सोमवार 29 मार्च 2021 (वाटिकन न्यूज) : जैसा कि यमन में हर 2 घंटे में महिलाएं मर रही हैं और एक मिलियन से अधिक गर्भवती महिलाएँ कुपोषण का सामना कर रही हैं। दुनिया भर में प्रजनन और मातृ स्वास्थ्य में सुधार लाने वाली संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी यूएनएफपीए शांति और समर्थन की अपील कर रही है।

"यमनी महिलाएं और किशोरियाँ छह वर्ष के लंबे समय का संघर्ष झेलने का खामियाजा भुगत रही हैं, कोविद -19 द्वारा अकल्पनीय रूप से बदतर बना दिया गया है और अब अकाल का खतरा है," यूएनएफपीए के महानिदेशक डॉ. नतालिया कनीम ने युद्धग्रस्त देश का 3-दिवसीय दौरा समापन पर कहा।

महिलाओं और लड़कियों पर टोल

यमन में मानवीय सहायता की आवश्यकता वाले 20 मिलियन लोगों में से आधे से अधिक महिलाएं और लड़कियां हैं।

कनीम ने कहा, "मैं यमन में लड़कियों की सुरक्षा और महिलाओं के प्रजनन स्वास्थ्य के बारे में गहराई से चिंतित हूँ," "एक मिलियन से अधिक गर्भवती महिलाओं को कुपोषण का खतरा है, यदि हम तत्काल कार्रवाई नहीं करते हैं तो यह संख्या दोगुनी हो सकती है।”

एदन में एक यूएनएफपीए सहायता प्राप्त अस्पताल का दौरा करते समय, कनीम को एहसास हुआ कि युद्ध ने देश को तबाह कर दिया है। यूएनएफपीए प्रमुख ने कहा। “मैंने कई प्रसूति वार्डों का दौरा किया है और वे आम तौर पर खुशी के स्थान होते हैं। लेकिन यमन में, मैंने कुपोषण और भूख की तबाही को देखा। भय और थकावट से कमजोर हुई माताओं के साथ, फीडिंग ट्यूब पर नवजात शिशुओं को देखा।”

हर दो घंटे में, देश में गर्भावस्था की जटिलताओं से एक महिला की मृत्यु हो जाती है। गर्भवती महिलाओं के लिए, गंभीर कुपोषण जन्म देने की प्रक्रिया को और भी अधिक जानलेवा बना देता है। लंबी दूरी और परिवहन की कमी के कारण कई महिलाएँ अस्पताल जाने में असमर्थ हैं। केवल 20 प्रतिशत स्वास्थ्य सुविधाएं मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करती हैं।

यूएनएफपीए यमन में एक लंबे समय से चलने वाला संगठन है, जो मातृ स्वास्थ्य सहित महिलाओं के स्वास्थ्य का समर्थन करने के लिए आवश्यक जीवन-रक्षक दवाओं के साथ सभी स्वास्थ्य सुविधाओं का आधे से अधिक हिस्सा प्रदान करता है।

हिंसा, मानसिक स्वास्थ्य

एक संघर्ष के दौरान, हानिकारक प्रथाओं के साथ-साथ लिंग आधारित हिंसा के जोखिम बढ़ जाते हैं। अदन में डॉ. कनीम ने एक महिला आश्रय का भी दौरा किया, जो देश में संयुक्त राष्ट्र एजेंसी द्वारा समर्थित लड़कियों और महिलाओं के लिए 8 आश्रय और 51 सुरक्षित स्थानों में से एक है।

उसने कहा, "मैंने युवा लड़कियों और गर्भवती महिलाओं से बात की, जिन्हें अपने जीवन के लिए पलायन करना पड़ा और यूएनएफपीए साइटों में सुरक्षा की तलाश की, जो महिलाओं और लड़कियों के लिए बहुत कम सुरक्षित स्थानों में से हैं।"

छह साल के संघर्ष ने यमनियों के मानसिक स्वास्थ्य पर भारी असर डाला है, खासकर महिलाओं और लड़कियों को जो संकट से प्रभावित हैं। 2017 के एक अध्ययन के अनुसार अनुमानित 5 में से 1 व्यक्ति मानसिक स्वास्थ्य विकार से पीड़ित है। हालांकि, मानसिक स्वास्थ्य देखभाल दुर्लभ है।

कनीम ने कहा कि वह यमनी महिलाओं के लचीलेपन से प्रभावित है, जो भयावह परिस्थिति में होने के बावजूद अभी भी बेहतर भविष्य की उम्मीद कर रही हैं। उसने कहा, “यमन की महिलाएं और लड़कियां को शांति से रहने का अधिकार है। बहुत लंबे समय तक, वे एक ऐसे विवाद में फंस गई हैं जिसकी वे जिम्मेदार नहीं हैं। उनका अस्तित्व अंतर्राष्ट्रीय समर्थन और वित्त पोषण में वृद्धि पर निर्भर करता है। दुनिया को अब निर्दोष नागरिकों के जीवन को बचाने के लिए कार्य करना चाहिए।

यमन युद्ध

यमन बीते छह साल से युद्ध की तबाही झेल रहा है, जिसमें 110,000 लोगों के मारे जाने की बात कही जाती है। ये लड़ाई 2014 में एक कमज़ोर यमनी सरकार और हूती विद्रोही आंदोलन के बीच शुरू हुई थी। एक साल बाद ये लड़ाई तब और तेज़ हो गई जब सऊदी अरब और अन्य आठ अरब देशों ने हूती विद्रोहियों पर हवाई हमले करने शुरू किए, जिन्हें अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस का समर्थन हासिल था।

अमेरिका हूती विद्रोहियों के ख़िलाफ़ युद्ध में यमन सरकार और उसके सहयोगी सऊदी के नेतृत्व वाले गठबंधन का समर्थन करता रहा है। अमेरीकी राष्ट्रपति बाइडन ने विदेशी नीति में कई बदलावों की घोषणा की। गुरुवार को की गई घोषणा का नतीजा ये होगा कि अमेरिका अब आक्रामक अभियानों का समर्थन करना बंद कर देगा, जिसमें सउदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) को युद्ध सामग्री बेचना शामिल था।

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29 March 2021, 15:32