नीदरलैंड में परमाणु हथियारों पर प्रतिबंध लगाने के लिए प्रदर्शन नीदरलैंड में परमाणु हथियारों पर प्रतिबंध लगाने के लिए प्रदर्शन 

परमाणु हथियारों पर प्रतिबंध लगाने की संधि लागू

संयुक्त राष्ट्र महासचिव और परमाणु-विरोधी आंदोलनों ने परमाणु हथियारों पर प्रतिबंध लगाने वाली पहली संधि का स्वागत किया है, जो शुक्रवार को लागू हुई। संत पापा फ्राँसिस ने अपने साप्ताहिक बुधवारीय आमदर्शन समारोह में इस संधि का उल्लेख करते हुए सभी देशों से इन घातक हथियारों से मुक्त दुनिया की दिशा में काम करने का आग्रह किया।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

न्यूयार्क, शनिवार 20 जनवरी 2021 (वाटिकन न्यूज) : दशकों से चली आ रही बातचीत के बाद शुक्रवार को परमाणु हथियार निषेध कानून (टीपीएनडब्ल्यू) पर पहली संधि अब अंतरराष्ट्रीय कानून का हिस्सा है। इन घातक हथियारों की दुनिया से छुटकारा पाने के लिए इसे एक ऐतिहासिक कदम के रूप में देखा गया है, लेकिन इस संधि से हर कोई खुश नहीं है। संयुक्त राज्य अमेरिका, रूस, ब्रिटेन, चीन और फ्रांस सहित परमाणु हथियार रखने के लिए जाने जाने वाले देशों ने संधि पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं।

हस्ताक्षर और अनुसमर्थन

संधि को 7 जुलाई 2017 को अपनाया गया और 20 सितंबर 2017 को हस्ताक्षर के लिए खोला गया। उसी दिन, वाटिकन राज्य के विदेश सचिव महाधर्माध्यक्ष पॉल रिचर्ड गलाघेर ने न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में संधि पर हस्ताक्षर किए।

टीपीएनडब्ल्यू  ने पिछले अक्टूबर के अंत में लागू होने वाले 50 अनुसमर्थन को सुरक्षित कर लिया और गुरुवार 21 जनवरी तक 61 देशों ने इसकी पुष्टि कर दी थी।

क्या कहता है संधि

संधि में कहा गया है कि सभी अनुसमर्थन करने वाले देश "किसी भी परिस्थिति में ... विकास, परीक्षण, उत्पादन, निर्माण, अन्यथा अधिग्रहण, संपत्ति या परमाणु हथियार या अन्य परमाणु विस्फोटक उपकरणों के तहत कभी नहीं करेंगे।" यह परमाणु हथियारों या परमाणु विस्फोटक उपकरणों के किसी भी हस्तांतरण या उपयोग पर प्रतिबंध लगाता है।

परमाणु संधि का स्वागत

एक बयान में, संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने संधि को "परमाणु हथियारों से मुक्त दुनिया के लिए एक महत्वपूर्ण कदम" के रूप में वर्णित किया।

संयुक्त राष्ट्र समाचार से बात करते हुए, व्यापक परमाणु-परीक्षण-प्रतिबंध संधि संगठन की कार्यकारी सचिव, लसीना ज़र्बो ने परमाणु हथियारों के "विनाशकारी" परिणामों की बात की और कहा कि इन परमाणु हछियारों को उपयोग कभी भी नहीं करना चाहिए।

उनहोंने कहा,"हम परमाणु हथियारों के उपयोग और परीक्षण के विनाशकारी परिणामों को नहीं भूल सकते, जिस तरह परमाणु बम के बचे हुए लोग हमें याद दिलाते हैं कि फिर से परमाणु हथियारों का उपयोग नहीं किया जाना चाहिए।"

परमाणु हथियारों को अंतर्राष्ट्रीय अभियान के कार्यकारी निदेशक बियाट्रिस फ़िहान ने कहा कि यह शुक्रवार "संयुक्त राष्ट्र के लिए और हिरोशिमा और नागासाकी के बचे लोगों के लिए अंतर्राष्ट्रीय कानून के लिए बहुत बड़ा दिन था।"

संत पापा फ्राँसिस ने अपने बुधवार आमदर्शन समारोह के दौरान संधि के लिए अपना समर्थन दिया और सभी देशों से परमाणु हथियारों की दुनिया में काम करने की अपील की।

उन्होंने कहा ऐसा करने का सबसे अच्छा तरीका, "शांति और बहुपक्षीय सहयोग की उन्नति में योगदान करना, जिसे मानवता की आवश्यकता है।"

Thank you for reading our article. You can keep up-to-date by subscribing to our daily newsletter. Just click here

23 January 2021, 14:37