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महीने भर के तनाव के बाद माली के राष्ट्रपति का इस्तीफा

माली के राष्ट्रपति इब्राहिम बाउबकर कीता ने महीनों के प्रदर्शन के बाद अपने इस्तीफे और राष्ट्रीय सभा के विघटन की घोषणा की।

दिलीप संजय एक्का-वाटिकन सिटी

माली, बृहस्पतिवार, 20 अगस्त 20 (वीएन)- माली के राष्ट्रपति, इब्राहिम बाउबकर कीता ने, खुद को और प्रधानमंत्री बाउबौ किस्से को सैनिकों द्वारा हिरासत में लिये जाने के एक घंटे बाद इस्तीफा की घोषणा की।

माली के 75 वर्षीय राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री दोनों को मंगलवार को राजधानी बामाको में गिरफ्तार कर लिया गया। राष्ट्रपति के रूप में इस दूसरे कार्यकाल की समाप्ति से तीन साल पहले, कीता से पद त्याग की मांग करते हुए कई महीनों तक विरोध प्रदर्शन हुए।

कीता ने मंगलवार रात को राष्ट्रीय प्रसारक ओआरटीएम के माध्यम से अपने इस्तीफे की घोषणा की, यह बताते हुए कि उनके पास रक्तपात से बचने के लिए बहुत कम विकल्प थे। उन्होंने देश की राष्ट्रीय सभा और सरकार को भी भंग कर दिया है।

कीता ने कहा, "सात सालों तक मैं इस देश को बड़े आनन्द और खुशी के साथ, इसके पैरों पर खड़ा करने का प्रयास किया। अगर आज सशस्त्र बलों के कुछ लोगों ने अपने हस्तक्षेप से इसे समाप्त करने का फैसला किया है, तो क्या मेरे पास कोई विकल्प है?  मुझे इसे सौंप देना चाहिए क्योंकि मैं नहीं चाहता कि कोई खून बहाया जाए।” उनकी घोषणा के बाद, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने पश्चिम अफ्रीकी देश में विषम परिस्थितियों पर चर्चा करने के लिए बुधवार को एक बंद बैठक का आयोजन किया।

संदर्भ

माली में इन दिनों राजनीतिक परेशानियाँ बढ़ गई हैं क्योंकि विपक्षी रासबैंस डेस फोर्स देशभक्तों (एम 5 आरएफपी) ने राष्ट्रपति बाउबकर कीता पर इस्तीफा का दबाव बढ़ाया था।

कीता 2013 में राष्ट्रपति बने थे और 2018 में फिर से चुने गए थे। हालांकि, उनके दूसरे कार्यकाल में भ्रष्टाचार, अक्षमता और अर्थव्यवस्था के कुप्रबंधन के आरोप लगे हैं। राष्ट्रपति कीता की पार्टी के पक्ष में मार्च में हुए 31 संसदीय चुनावों के परिणामों को पलटने के लिए देश के संवैधानिक न्यायालय के एक विवादास्पद फैसले से हालिया विरोध प्रदर्शन छिड़ गए हैं। जून में विरोध प्रदर्शन शुरू होने के बाद से, संयुक्त राष्ट्र के अनुसार कम से कम 14 लोग मारे गए हैं। प्रदर्शनकारियों के दबाव ने पिछले महीने देश के संवैधानिक न्यायालय में फेरबदल की घोषणा करने के लिए कीटा को प्रेरित किया।

शांति प्रयास

जुलाई में, विपक्षी दल एम 5 आरएफपी ने संसद के 31 विवादित सदस्यों के इस्तीफे के लिए, और नए संसदीय चुनाव के लिए बुलाए गए पश्चिम-अफ्रीकी राज्यों के आर्थिक समुदाय के एक प्रतिनिधिमंडल के एक प्रस्ताव को खारिज कर दिया था।

धार्मिक नेता भी राष्ट्र में शांति के लिए अपनी अपील तेज कर रहे हैं। पिछले महीने बढ़ते हिंसक विरोध प्रदर्शनों के बाद, बामाको के महाधर्माध्यक्ष कार्डिनल शीन ज़र्बो, इस्लामिक उच्च समिति के अध्यक्ष चेरिफ़ ओस्मान मदनी हैदरा और माली में इवांजेलीकल प्रोटेस्टेंट कलीसिया समूह और मिशन संगठन के अध्यक्ष माननीय नौ अग इमफायातारा ने नागरिकों के बीच शांत और सामंजस्य स्थापित करने का आह्वान किया है। कार्डिनल ज़ेरबो ने राष्ट्र के नाम अपनी अपील में कहा कि जो हो रहा है राष्ट्र इसके लायक नहीं है। उन्होंने विरोध प्रदर्शन के दौरान मारे गए लोगों की मौत पर शोक व्यक्त किया।

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20 August 2020, 16:25