सन्त ईजिदियो समुदाय के शरणार्थी सन्त ईजिदियो समुदाय के शरणार्थी 

लॉकडाउन के बाद सन्त इजिदियो द्वारा प्रथम शरणार्थियों का स्वागत

रोम के काथलिक कल्याणकारी समुदाय सन्त इजिदियो ने लॉक डाऊन के बाद पहली बार गुरुवार को शरणार्थियों का पुनः स्वागत किया। ये शरणार्थी ग्रीस के लेसबोस द्वीप में फँसे थे, जिन्हें एक मानवतावादी पहल के तहत रोम लाया गया है।

जूलयट जेनेवीव क्रिस्टफर-वाटिकन सिटी

रोम, शुक्रवार, 17 जुलाई 2020 (सी.एन.आ.): रोम के काथलिक कल्याणकारी समुदाय सन्त इजिदियो ने लॉक डाऊन के बाद पहली बार गुरुवार को शरणार्थियों का पुनः स्वागत किया। ये शरणार्थी ग्रीस के लेसबोस द्वीप में फँसे थे, जिन्हें एक मानवतावादी पहल के तहत रोम लाया गया है।

मोरिया शरणार्थी शिविर

अफ़गानिस्तान के 10 शरणार्थी ग्रीस के लेसबोस द्वीप पर मोरिया शरणार्थी शिविर में इटली पहुँचने की प्रतीक्षा में थे। मोरिया शिविर मूल रूप से 3,000 शरणार्थियों को रखने के इरादे से निर्मित किया गया था जिसमें अब 19,000 से अधिक लोग शरण ले रहे हैं।

कोविद-19 महामारी को फैलने से रोकने के लिये चार माहों पूर्व इटली ने अपनी सीमाओं को बन्द कर लिया था। रोम पहुँचने पर महिला शरणार्थी रज़िया घोलामी ने 16 जुलाई को पत्रकारों से कहा "मोरिया यूरोप के नर्क के रूप में जाना जाता है।"

रज़िया ने कहा, "मोरिया में रहने वाले शरणार्थी एक कठिन, भयावह स्थिति में जीवन यापन कर रहे हैं, जहाँ मौलिक अधिकारों का दमन होता है तथा शरणार्थियों के पास लौटने या आगे बढ़ने का कोई साधन नहीं होता है।"

सन्त पापा फ्राँसिस का वकालत

परमाध्यक्षीय कल्याणकारी संगठनों के कार्यालय तथा इतालवी और ग्रीक अधिकारियों के सहयोग से, सन्त पापा फ्राँसिस ने ग्रीस में फँसे शरणार्थियों के पुनर्वास हेतु, एक मानवीय गलियारे के माध्यम से, युवा लोगों और परिवारों को इटली में शरण लेने में मदद की वकालत की थी।

गुरुवार को मोरिया शरणार्थी शिविर से लाये गये दस अफ़गानी शरणार्थी 67 आप्रवासियों के दल का अन्तिम भाग हैं जो, 2016 से अब तक, परमधर्मपीठ तथा काथलिक कल्याणकारी समुदाय सन्त इजिदियो द्वारा इटली लाये गये हैं।   

सन्त इजिदियो समुदाय के अनुसार, अब तक मध्यपूर्व तथा अफ्रीकी देशों से, मानवतावादी गलियारे के माध्यम से, 3,000 से अधिक शरणार्थियों को यूरोप लाया जा चुका है।

रज़िया घोलामी ने कहा कि इटली तक आने के लिये काथलिक कलीसिया द्वारा दी गई मदद ईश- प्रदत्त वरदान है। उन्होंने कहा कि मोरिया शिविर में उन्होंने कई बार प्रश्न किया था कि ईश्वर क्यों लोगों को इतना अधिक पीड़ित होने देते हैं किन्तु फिर, अचानक, उन्हें रक्षक दूत दिखाई दिया। उन्होंने कहा "शरणार्थियों की मदद के लिए वे ईश्वर की ओर से आए थे।"

 

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17 July 2020, 11:23