पेड़ पौधे लगाते विकलांग बच्चे, संकेतात्मक तस्वीर पेड़ पौधे लगाते विकलांग बच्चे, संकेतात्मक तस्वीर 

सि. रूथ लेविस के निधन पर पाकिस्तान में शोक

पाकिस्तान में विकलांग बच्चों की देखरेख करनेवाली सि. रूथ लेविस के निधन पर शोक मनाया जा रहा है। विकलांग लोगों की मदद हेतु अपना जीवन समर्पित करनेवाली, पाकिस्तानी धर्मबहन सि. रूथ लेविस की सोमवार को कोरोना वायरस महामारी की जटिलताओं के कारण मृत्यु हो गई थी।

जूलयट जेनेवीव क्रिस्टफर-वाटिकन सिटी

कराची, शुक्रवार, 24 जुलाई 2020 (सी.एन.ए.): पाकिस्तान में विकलांग बच्चों की देखरेख करनेवाली सि. रूथ लेविस के निधन पर शोक मनाया जा रहा है। विकलांग लोगों की मदद हेतु अपना जीवन समर्पित करनेवाली, पाकिस्तानी धर्मबहन सि. रूथ लेविस की सोमवार को कोरोना वायरस महामारी की जटिलताओं के कारण मृत्यु हो गई थी।

सि. रूथ लेविस

कराची में अलग तरह से सक्षम विकलांग बच्चों की देखरेख को समर्पित दार-उल-सुकून नामक आश्रम की अध्यक्षा 77 वर्षीय सि. रूथ लेविस की 20 जुलाई को कोविद-19 महामारी से कराची के आगा खान विश्वविद्यालयीन अस्पताल में मृत्यु हो गई थी। 08 जुलाई को उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था तथा वेनटीलेटर्स पर रखा गया था।

सि. रूथ लेविस ख्रीस्त राजा को समर्पित फ्राँसिसकन मिशनरीज़ धर्मसंघ की सदस्या थीं, जिन्होंने सन् 1969 में हॉलैण्ड की सि. गेर्ट्रूड लेमेन्स के साथ मिलकर विकलांग बच्चों की देखरेख के लिये दार-उल-सुकून की स्थापना की थी। सन् 2000 में सि. लेमेन्स के निधन के बाद से वे इस आश्रम की अध्यक्षा रही थीं।

श्रद्धान्जलि

दार-उल-सुकून  ने सि. रूथ के निधन पर 21 जुलाई को एक बयान जारी कर कहा, "उन्होंने ऐसे बच्चों की देखरेख में अपनी जीवन व्यतीत कर दिया जिन्हें उनके अपने परिवारों ने त्याग दिया था, ऐसे बच्चों की देखरेख की जिन्हें उनकी विकृतियों एवं विकलांगता के कारण राक्षस कहा जाता था, ऐसे बच्चों की जिनकी दृष्टि एक आम आदमी को परेशान कर सकती थी, ऐसे बच्चों की जिन्हें लोग इसलिये देखने आते थे ताकि उन्हें अपने कार्यात्मक शरीर एवं मस्तिष्क का एहसास हो सके। सि. को श्रद्धान्जलि अर्पित करते हुए बयान में कहा गया कि उनके द्वारा छोड़ी गये शून्य को कोई नहीं भर पायेगा। "सि. रूथ इन बच्चों की माँ बनी। ये बच्चे सि. रूथ के लिये दुख, परोपकार और दया की वस्तु नहीं थे, बल्कि वे उनकी सन्तान थे, प्रत्येक अद्वितीय, जिनका व्यक्तित्व संवारने में सि. रूथ ने उदारतापूर्वक अपनी जीवन व्यतीत कर दिया।"  

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24 July 2020, 11:04