एक बुजूर्ग दम्पति एक बुजूर्ग दम्पति 

संयुक्त राष्ट्र द्वारा बुजूर्गों को दुर्व्यवहार से बचाने हेतु कार्रवाई की मांग

15 जून को बुजूर्गों के दुर्व्यवहार पर विश्व चेतना दिवस मनाया जाता है जिसका उद्देश्य है उनके प्रति हो रहे दुर्व्यवहार के खिलाफ जागरूकता लाना तथा उनके मानवीय अधिकार एवं प्रतिष्ठा की रक्षा करना।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

संयुक्त राष्ट्र, मंगलवार, 16 जून 2020 (वीएन)-संयुक्त राष्ट्र के विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यू एच ओ) के अनुमान अनुसार 60 साल से अधिक उम्र के हर 6 में से एक बुजूर्ग दुर्व्यवहार का शिकार हो रहा है। इसका अर्थ है कि विश्व में करीब 141 मिलियन लोग इसके शिकार हैं। यह संख्या बड़ी भी हो सकती है क्योंकि बुजूर्गों के प्रति दुर्व्यवहार एक छिपी हुई एवं सबसे कम रिपोर्ट की गई अतिक्रमण है। 

संयुक्त राष्ट्र के स्वतंत्र विशेषज्ञ क्लौदिया मेहलर ने बुजूर्ग लोगों के मानव अधिकार के लिए आवाज उठाते हुए सरकारों एवं अंतरराष्ट्रीय समुदायों से अपील की है कि वे शारीरिक एवं मानसिक दुर्व्यवहार एवं बहिष्कार से बूढ़े लोगों की रक्षा करने हेतु वैश्विक एकात्मक एवं ठोस कदम उठाये।

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बुजूर्गों के साथ दुर्व्यवहार की परिभाषा देते हुए कहा है कि यह "एकल, या बार-बार किया जानेवाला कृत्य, या उचित कार्रवाई का अभाव है, जो किसी भी रिश्ते के भीतर, जहां विश्वास की उम्मीद होती है, बुजूर्ग व्यक्ति को नुकसान या संकट का शिकार बनता है।" बुजूर्गों के प्रति दुर्व्यवहार विभिन्न तरह से हो सकते हैं जैसे- शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक, यौन अथवा आर्थिक। यह अनजाने अथवा जानबूझकर बहिष्कार के कारण भी हो सकता है।  

मेहलर ने सोमवार को, बुजूर्गों के दुर्व्यवहार पर विश्व चेतना दिवस पर संदेश में कहा, "जब बुजूर्ग कोविड-19 से बहुत अधिक प्रभावित हैं उनकी आवाज, विचार एवं उनकी चिंता को अनसुनी कर दिया जाता है।"

मौखिक दुर्व्यवहार

संदेश में उन्होंने कहा है कि "बुजूर्ग जितनी संख्या में विश्व में तेजी से घरों, अस्पतालों एवं संस्थाओं में मर रहे हैं। सोशल मीडिया पर बुजुर्ग व्यक्तियों का जिक्र करते हुए क्रूर और अमानवीय भाषा का प्रयोग निराशाजनक है।" मौखिक दुर्व्यवहार स्पष्ट रूप से तब किया जाता है जब वे बुढ़ापा के कारण भेदभाव का सामना करते हैं।

मेहलर आवाज उठाना चाहती है कि हिंसा, दुर्व्यवहार और तिरस्कार न केवल खुले में होता है बल्कि यह बहुत बार समाज में दिखाई नहीं पड़ता। समाज को बुजूर्ग लोगों के प्रति मौखिक दुर्व्यवहार के खिलाफ आवाज उठाना चाहिए, खासकर, बुजूर्ग महिलाओं को उनके खिलाफ हो रहे हर प्रकार की हिंसा को दूर करने हेतु विचार-विमर्श में शामिल किया जाना चाहिए।  

बुजूर्गों पर संत पापा फ्राँसिस

संत पापा ने कई अवसरों पर बुजूर्गों के महत्व एवं उनकी रक्षा पर लोगों का ध्यान आकृष्ट किया है।

इटली में कोविड-19 तालाबंदी के दौरान संत पापा ने 15 अप्रैल को बुजूर्गों के लिए ख्रीस्तयाग अर्पित किया था, विशेषकर, वे लोग जो महामारी के कारण अकेले छोड़ दे गये थे। उन्होंने कहा था, "कई लोग अकेले मरने के लिए भयभीत हैं किन्तु वे हमारे मूल हैं, हमारी कहानी और हमारे इतिहास।" उन्होंने उनके लिए प्रार्थना करने हेतु सभी को निमंत्रण दिया था कि प्रभु ऐसे समय में उनके करीब रहें।  

संत पापा ने 4 मार्च 2015 को आमदर्शन समारोह के दौरान कहा था कि बुजूर्गों को दरकिनार करना एवं उन्हें छोड़ देना क्रूर बात है, एक पाप है। उन्होंने संत पापा बेनेडिक्ट 16वें की याद की थी जो कहा करते थे कि एक समाज की गुणवत्ता, अर्थात् उसकी सभ्यता को उसके बुजूर्गों के साथ व्यवहार एवं सामुदायिक जीवन में उन्हें स्थान देने के द्वारा परखा जाता है। संत पापा ने फेंकने की संस्कृति को उजागर करते हुए उसे घिनौना कहा था जो उन लोगों का बहिष्कार करता जिनसे कोई लाभ एवं फायदा मिलने की उम्मीद नहीं होती। संत पापा ने कहा था कि हम कमजोरी एवं दुर्बलता के भय को दूर करना चाहते हैं किन्तु ऐसा करने के द्वारा हम बुजूर्गों में भार बनने एवं तिरस्कृत होने की चिंता को बढ़ा देते हैं।    

"एक ऐसी सभ्यता जिसमें बुजुर्गों के लिए कोई जगह नहीं है या जहां उनका तिरस्कार किया जाता है क्योंकि वे समस्याएं बढ़ाते हैं," पोप फ्रांसिस ने चेतावनी दी, "यह समाज अपने साथ मौत का वायरस पालता है।"

बुजूर्गों के साथ दुर्व्यवहार की मुख्य बातें

- 60 से अधिक उम्र के लोगों में हर 6 में से 1 समुदाय में किसी न किसी तरह के दुर्वयवहार का शिकार होता है।

- बुजूर्गों के साथ दुर्व्यवहार की दर नर्सिंग होम और दीर्घकालिक देखभाल सुविधाओं जैसे संस्थानों में उच्च हैं।

- बुजूर्गों के साथ दुर्व्यवहार में गंभीर शारीरिक घाव एवं लम्बे समय तक मानसिक परिणाम शामिल हैं।

- अनुमान लगाया जाता है कि बुजूर्गों के प्रति बड़े पैमाने पर दुर्व्यवहार बढ़ सकता है क्योंकि कई देश तेजी से बढ़ती आबादी का सामना कर रहे हैं;

- 60 वर्ष और उससे अधिक आयु के लोगों की वैश्विक आबादी 2015 में 900 मिलियन से 2050 में लगभग 2 बिलियन से अधिक हो जाएगी।

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16 June 2020, 15:46