नेपाल की माताएँ अपने बच्चों के साथ नेपाल की माताएँ अपने बच्चों के साथ 

माता दिवस: कोरोना संकटकाल में 116 मिलियन बच्चे जन्म लेंगे

माता दिवस, जिसको 10 मई को मनाया जाता है इसके उपलक्ष्य में यूनिसेफ ने याद किया है कि कोविड-19 महामारी के समय में कुल 116 मिलियन बच्चों का जन्म होगा। महामारी के समय गर्भवती महिलाओं एवं नवजात शिशुओं की स्वास्थ्य सुविधा संबंधी परेशानियों को ध्यान में रखते हुए यूनिसेफ ने सरकारों एवं स्वास्थ्य विभाग से अपील की है कि वे जीवन रक्षा सेवा को बढ़ावा दें।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

यूनिसेफ, बृहस्पतिवार, 7 मई 2020 (रेई)- कोविड-19 महामारी के पहले भी करीब 2.8 मिलियन गर्भवती महिलाएँ एवं बच्चे हर साल मौत के शिकार हो जाते थे अथवा हर 11 सेकेन्ड में एक की मौत हो जाती थी, जिनमें से अधिकतर मामले रोके जा सकते थे।

इटली के लिए यूनिसेफ के अध्यक्ष फ्राँचेस्को सामेंगो ने कहा, "माता दिवस के उपलक्ष्य में जिसको 128 देशों में मनाया जाता है, यूनिसेफ ने याद किया है कि कोविड-19 महामारी के दौरान करीब 116 मिलियन बच्चे जन्म लेंगे। ये शिशु कोविड-19 के समय में 40 सप्ताहों के बीच जन्म ले सकते हैं। जब विश्वभर में स्वास्थ्य सुविधाओं एवं मेडिकल आपूर्ति की गंभीर चुनौतियों का सामना किया जा रहा है।"

उन्होंने कहा कि नयी माताओं एवं शिशुओं को कई कठिनाईयों का सामना करना पड़ेगा जब विश्व में कोरोना वायरस के कारण, खासकर, ऐसोलेशन, तालाबंदी, अस्पतालों पर मरीजों की अत्यधिक भीड़, उपकरणों की आपूर्ति में कमी, नर्सों एवं स्वास्थ्य कर्मियों की कमी आदि समस्याएँ हैं।

माता दिवस के पूर्व यूनिसेफ ने चेतावनी दी है कि कोविड-19 के कारण उठाये गये कदम जीवन रक्षक स्वास्थ्य सेवा को बाधित कर सकते हैं।

कोरोना वायरस महामारी के दौरान 9 माह के अंदर उन देशों में जन्म दर सबसे अधिक होने की घोषणा की गई है जिसमें भारत (20.1 मिलियन) चीन (13.5 मिलियन), नाईजीरिया (6.4 मिलियन) पाकिस्तान (5 मिलियन और इंडोनेशिया (4 मिलियन)। इन देशों में महामारी से पहले भी शिशु मृत्यु दर उच्च थी और कोविड-19 के प्रभाव से इन स्तरों में वृद्धि देखी जा सकती है।

कोरोना वायरस से सबसे धनी देश भी प्रभावित हैं। जन्म दर को लेकर अमरीका छटवाँ देश होगा, जहाँ 11 मार्च से लेकर 16 दिसम्बर तक 3.3 मिलियन बच्चों के जन्म लेने की उम्मीद है। इटली में करीब 365,000 बच्चों के जन्म लेने की उम्मीद है।

यूनिसेफ ने कहा है कि यद्यपि गर्भवती माताएँ कोविड-19 से पीड़ित न हों तथापि देशों को यह सुनिश्चित करना होगा कि वे प्रसव पूर्व, प्रसव के समय और प्रसव के उपरांत की आवश्यक सेवाओं तक पहुंच सकें। बीमार शिशुओं को आपातकालीन सेवाओं की आवश्यकता होती है क्योंकि वे मृत्यु के उच्च जोखिम में होते हैं। नए परिवारों को स्तनपान शुरू करने और अपने बच्चों को स्वस्थ रखने के लिए दवा, टीके और पोषण प्राप्त करने के लिए समर्थन की आवश्यकता होती है, वे उन सभी चीजों की सुविधा प्राप्त कर सकें।

अतः दुनिया भर में माताओं की ओर से, यूनिसेफ ने आने वाले महीनों में जीवन बचाने के लिए सरकारों और स्वास्थ्य विभाग से अपील की है कि गर्भवती माताओं एवं नवजात शिशुओं पर ध्यान दिया जाए।

Thank you for reading our article. You can keep up-to-date by subscribing to our daily newsletter. Just click here

07 May 2020, 16:21