टिड्डियों का झुण्ड टिड्डियों का झुण्ड  

पूर्वी अफ्रीका से टिड्डियों का झुण्ड केन्या पहुँचा

फसल नष्ट करने वाले टिड्डियों का झुण्ड पूर्वी अफ्रीका को पार कर रहा है जिसके आक्रमण से खाद्य असुरक्षा और मवेशियों पर खतरा बहुत अधिक बढ़ा है।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

केन्या, मंगलवार, 28 जनवरी 2020 (रेई)˸ फसल नष्ट करने वाले टिड्डियों का झुण्ड पूर्वी अफ्रीका को पार कर रहा है जिसके आक्रमण से खाद्य असुरक्षा और मवेशियों पर खतरा बहुत अधिक बढ़ा है।

इथियोपिया और सोमालिया में विपत्ति ढाहने के बाद टिड्डियों का झुण्ड अब केन्या पहुँच चुका है, एक ऐसे देश में जहाँ करीब 10 मिलियन लोग पहले से खाद्य असुरक्षा का सामना कर रहे हैं (केन्या कृषि अनुसंधान संस्थान की जानकारी) इथियोपिया और सोमालिया के कुछ क्षेत्र जिन्होंने 25 वर्षों में, इस पैमाने पर संक्रमण का सामना नहीं किया था - उन्होंने अपनी फसलों को पूरी तरह नष्ट होते देखा। संयुक्त राष्ट्र के खाद्य एवं कृषि संगठन (एफएओ) को डर है कि जून महीना तक टिड्डियों की संख्या 500 गुणा अधिक हो जायेगी और दक्षिणी सूडान एवं यूगांडा को भी खतरे में डाल देगी।

विशेषज्ञों के अनुसार टिड्डियों का हमला जो इस समय पूर्वी अफ्रिका में हो रहा है यह मौसम की खतरनाक स्थिति से उत्पन्न हुआ है। 2019 की शुरूआत सूखा तथा समापन तेज बारिश के मौसम से हुई थी।   

उन्होंने कहा, "आज हम टिड्डी की प्रकृति को बेहतर ढंग से समझ सकते हैं। एक झुंड में 80 मिलियन टिड्डियां हो सकती हैं, जो एक दिन में 2,500 लोगों के समान भोजन खा सकते हैं।"

झुण्ड जो सोमालिया और इथियोपिया पार कर केन्या पहुँच चुका है फाओ का अनुमान है कि उसमें लगभग 200 बिलियन टिड्डियां शामिल हैं।

टिड्डियों को बाईबिल में ईश्वर के क्रोध का प्रतीक माना जाता है। ईब्रानी में उसे "असंख्या" कहा जाता था एवं अरब देशों में टिड्डियों के झुण्ड को "सूर्य को अंधकार करनेवाला" माना जाता है। यदि अगले बरसात के मौसम की शुरुआत में टिड्डियों को नियंत्रण में नहीं लाया गया, तो आमतौर पर मार्च के आस-पास किसान अपनी फसलों को नष्ट होते हुए देखेंगे।

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28 January 2020, 16:50