कार्डिनल जोन तोंग कार्डिनल जोन तोंग  

हिंसा रोक-थाम हेतु सरकार से अर्जी, कार्डिनल तोंग

कार्डिनल जोन तोंग ने नागरिकों को आशा में बने रहने का आग्रह करते हुए उन्हें क्रोध से बचने और सद्भाव स्थापित करने का आह्वान किया। उन्होंने देश में हिंसा को खत्म करने हेतु सरकार से निराश युवाओं की आवाज सुनने की अपील की।

दिलीप संजय एक्का-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, शुक्रवार, 25 अक्टूबर 2019 (रेई) हांगकांग में प्रेरिताई कार्य के अधिकारी कार्डिनल जोन तोंग ने वाटिकन रेडियो को दिये गये साक्षात्कार में कहा कि उन्होंने देश के लोगों को शहर में शांति व्यवस्था की आस दिलाई है।

कार्डिनल तोंग ने कहा कि उन्होंने हांगकांग रेडियो कार्यक्रम में देशवासियों की ओर से अपने विचारों और प्रार्थनाओं को साझा किया है। उन्होंने कहा कि हांगकांग में अशांति उनके लिए बहुत ही दुःखदायी है। हांगकांग रेडियो संग साझा किये गये अपने तीन विचारों के बारे में उन्होंने बातें की।

निराशा में आशा

मैं एक राजनीतिक नेता नहीं हूँ। मैं देश की इस परिस्थिति के समाधान हेतु कुछ हल नहीं दे सकता। आज जो कुछ हो रहा है उसके बारे में सामान्य रुप से तर्कपूर्ण व्याख्या नहीं दिया जा सकता है। लेकिन मैं विश्वास करता हूँ कि ईश्वर हमें इस मुश्किल दौर से बाहर निकलने हेतु मदद करेंगे। 

उन्होंने कहा कि विगत महीनों में बहुत से काथलिकों ने मुझसे यह कहा, “प्रार्थना के अलावे, हम ऐसी परिस्थिति में और क्या कर सकते हैंॽ” प्रार्थना का उद्देश्य दूसरों को बदले का नहीं, वरन जैसे मैं विश्वास करता हूँ, यह हमारे स्वयं के हृदयों को परिवर्तित कर सकता है जहाँ हम चुनौतियों का सामना करते हुए आशावान बने रह सकते हैं।

हम अपने में लम्बी सांसें लेते हुए अपने सबसे दुःखद समय की याद करते हुए चिंतन कर सकते हैं कि कैसे हमने उस विकट परिस्थिति में अपने आपको संभाला और आशा में बने रहे। हम अपने विश्वासी मित्रों के साथ अपने विचारों को साझा कर सकते हैं। यह एक तरीका होगा जहाँ हम अपने को सांत्वना देते हुए जीवन में आगे बढ़ने हेतु सबल बनते हैं।  

जब हमारी वैध मांगें पूरी नहीं होती तो हम हताश हो जाते हैं। लेकिन हम अपने में हताश न हों। निराशा हमारे भविष्य को धूमिल कर देती और हम अपने जीवन में थकान का अनुभव करते हैं।

क्रोध घृणा का कारण

कार्डिनल ने कहा कि क्रोध आसानी से हममें घृणा के भाव उत्पन्न करती है। घृणा के द्वारा हम अपने में उचित बातों की परख करने की योग्यता को खो देते हैं। यह हमारे हृदय की अच्छाई को समाप्त कर देती और हमें हिंसक बना देती है।

उन्होंने कहा कि मेरा दृढ़ विश्वास है कि हिंसा के कारण हिंसा उत्पन्न होती है। क्रूरता के कारण हम वर्तमान समय की समास्याओं का समाधान नहीं कर सकते हैं वरन इसके द्वारा हम और अधिक हानि तथा जोखिम को जन्म देते हैं जो हमें और भी अधिक घायल कर देता है। महात्मा गांधी और दक्षिणी अफ्रीका के नेता नेल्सन मंडेला ने नाताशाही का सामना करने हेतु शांति का चुनाव किया और वे विश्व द्वारा स्वीकार किये गये।

अनेकता में एकता

उन्होंने चीनी कहावत को उद्दृत करते हुए कहा कि चारों समुद्रों के नर और नारी भाई-बहन हैं। यह ख्रीस्तीय मूल्यों को दिखलाता है। हम सभी एक जड़ से आते हैं और मानव के रुप में हमारी विशेषताएं एक ही हैं। हमें अपने अतःकरण के अनुरूप कार्य करने और दूसरों का सम्मान करने की जरुरत है। यह अतीत में हांगकांग की सफलता के महत्वपूर्ण तथ्य में से एक है।

एकता स्थापित करने हेतु लोगों के विचारों को एक सच्चा उत्तर प्रदान करना उचित तरीका है। आज के परिवेश में प्रथम कार्य सरकार और जनता के मध्य विश्वास को पुनः स्थापित करना है जिससे समाज में शांति और एकता की सुखद स्मृति बहाल की जा सके।

विरोध प्रदर्शन में भाग ले रहे लोगों के प्रति अपने सुझाव के बारे में कार्डिलन ने कहा कि यह उत्तरदायित्व दोनों पक्षों के कंधों में गिरता है। बहुत से युवा वर्तमान सामाजिक परिस्थिति को लेकर चिंतित हैं। मैं उनके साथ अपने हृदय की करूणा व्यक्त करता हूँ। सामाजिक मुद्दों ने उन्हें विस्मित और भ्रमित कर दिया है। हम कैसे उन्हें इस भ्रमित स्थिति से बाहर निकलने में मदद कर सकते हैंॽ

समाज के सभी दलों यहाँ तक कि सरकारी अधिकारियों को इस जिम्मेदारी को अपने कंधे में लेने की जरूरत है जिससे उन्हें मदद मिल सकें। कार्डिनल ने कहा कि मैं स्थानीय सरकार से अनुरोध करता हूँ कि वे सचमुच में हांगकांग के लोगों की आवाज को सुनें।

कानून लागू करने वालों को कानून का पालन करना चाहिए, उन्हें अंतरात्मा की आवाज के अनुसार कानून को लागू करना चाहिए। इस तरह, अधिकारियों और स्थानीय लोगों के बीच विश्वास और सम्मान का पुनर्निर्माण किया जा सकता है।

Thank you for reading our article. You can keep up-to-date by subscribing to our daily newsletter. Just click here

25 October 2019, 17:00