जलवायु परिवर्तन के विरुद्ध आयोजित प्रदर्शन में युवा,  प्रतीकात्मक तस्वीरः15.08.2019   जलवायु परिवर्तन के विरुद्ध आयोजित प्रदर्शन में युवा, प्रतीकात्मक तस्वीरः15.08.2019  

विश्व युवा संसद में शांति निर्माण पर ध्यान केन्द्रित

"निर्माणाधीन शांति: एक नई सभ्यता हेतु एकजुट निर्णय" शीर्षक के अन्तर्गत, स्पेन के सालामान्का स्थित परमधर्मपीठीय विश्वविद्यालय के तत्वाधान में आयोजित, सात दिवसीय पाँचवे विश्व युवा संसद में विश्व के 22 देशों के 120 से अधिक युवा प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

जूलयट जेनेवीव क्रिस्टफर-वाटिकन सिटी

स्पेन, सालामान्का, शुक्रवार, 23 अगस्त 2019 (रेई,वाटिकन रेडियो): "निर्माणाधीन शांति: एक नई सभ्यता हेतु एकजुट निर्णय" शीर्षक के अन्तर्गत, स्पेन के सालामान्का स्थित परमधर्मपीठीय विश्वविद्यालय के तत्वाधान में आयोजित, सात दिवसीय पाँचवे विश्व युवा संसद में विश्व के 22 देशों के 120 से अधिक युवा प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

विश्व युवा संसद का सात दिवसीय सम्मेलन अगस्त माह के पहले सप्ताह में सम्पन्न हुआ था।

"इदेन्ते यूथ" प्रॉजेक्ट

विश्व युवा संसद "इदेन्ते यूथ" नामक काथलिक संगठन द्वारा समर्थित एक योजना है जिसकी स्थापना, सन् 1981 में, न्यू यॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र संघ के मुख्यालय में प्रभु सेवक फेरनानदो रियेलो द्वारा की गई बैठक के उपरान्त, हुई थी। पहली अन्तरराष्ट्रीय बैठक रोम में 2009 में सम्पन्न हुई थी जिसमें नई सभ्यता के मूल्यों से सम्बन्धित एक घोषणा पत्र तैयार किया गया था। विश्व युवा संसद युवाओं को चुनौती देता है वे अपने व्यक्तिगत एवं सामाजिक जीवन को, बेहतर विश्व हेतु भावी दृष्टि के मद्देनज़र, एकता, निर्देशन एवं अर्थ प्रदान करें।

संघर्ष के बजाय सम्वाद

स्पेन के सलामांका शहर में आयोजित 2019 संस्करण में, प्रतिभागियों ने शांति निर्माण हेतु अपने अनुभवों, आशाओं और आकाँक्षाओं को साझा किया। ब्राज़ील के पाओलो गार्सिया ने युवा सांसदों से कहा, "मैं एक ऐसे राष्ट्र का नागरिक हूँ जहाँ प्रतिवर्ष 60,000 हत्याएँ होती हैं, हम निर्धनता के घावों को साथ लिये चलते हैं और यही हमारे संघर्ष का सार है। अब मैं अपने दिल में शांति के भविष्य हेतु आशा को साथ लिये चलूँगा।"

पाँचवें विश्व युवा संसद का सामान्य सूत्र शांति की खोज के लिये परस्पर बातचीत और निर्णय लेना सीखना था।

शांति पवित्र आत्मा का कार्य

सालामान्का के काथलिक धर्माध्यक्ष कारलोस लोपेज़ ने युवा प्रतिभागियों को सम्बोधित करते हुए येसु के आशीर्वचनों पर प्रवचन किया, जो, उन्होंने कहा, शांति को वरदान रूप में हमें देते हैं। "शांति निर्माण हमारा काम है, किन्तु सबसे बढ़कर, यह पवित्र आत्मा का कार्य है,  क्योंकि यह पुनर्जीवित ख्रीस्त द्वारा दिया हुआ उपहार है।"

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23 August 2019, 12:07