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पाकिस्तान की कलीसिया ने किया युद्ध उन्माद का बहिष्कार

पाकिस्तान एवं भारत के बीच सैन्य हमलों की कार्रवाईयों के विरुद्ध लाहौर में पाकिस्तानी काथलिक कलीसिया की न्याय एवं शान्ति समिति के तत्वाधान में पाकिस्तान के शान्ति समर्थकों ने, गुरुवार, 28 फरवरी को, एक विरोध प्रदर्शन किया तथा दोनों देशों से युद्ध के परित्याग तथा शांति वार्ता का आग्रह किया।

जूलयट जेनेवीव क्रिस्टफर-वाटिकन सिटी

लाहौर, शुक्रवार, 1 मार्च 2019 (ऊका समाचार): पाकिस्तान की कलीसिया ने युद्धोन्माद का बहिष्कार करते हुए काश्मीर पर सघन होते तनावों के बीच भारत के साथ शांति वार्ता का आह्वान किया है.

शांति वार्ताओं का आह्वान

पाकिस्तान एवं भारत के बीच सैन्य हमलों की कार्रवाईयों के विरुद्ध लाहौर में पाकिस्तानी काथलिक कलीसिया की न्याय एवं शान्ति समिति के तत्वाधान में पाकिस्तान के शान्ति समर्थकों ने, गुरुवार, 28 फरवरी को, एक विरोध प्रदर्शन किया तथा दोनों देशों से युद्ध के परित्याग तथा शांति वार्ता का आग्रह किया.  

मंगलवार को भारत ने पुलवामा हमले के बाद पाकिस्तान के बालाकोट में चरमपंथी संगठनों के ठिकानों को हवाई हमले से ध्वस्त करने का दावा किया था. इसके बाद पाकिस्तान ने बुधवार को भारत प्रसाशित कश्मीर में भारतीय सैन्य ठिकानों पर हमला किया जिससे दोनों देशों के बीच तनाव सघन हो गये हैं.

युद्ध विकल्प नहीं

काथलिक कलीसिया की न्याय एवं शान्ति समिति सहित कई ख्रीस्तीय सम्प्रदायों एवं ग़ैरसरकारी संगठनों ने विरोध प्रदर्शन में भाग लिया. विशाल पोस्टरों पर उन्होंने लिखा, "हमि हम युद्ध का अन्त नहीं करेंगे तो युद्ध हमारा अन्त कर देगा."

लाहौर की तरह ही इस्लामाबाद एवं कराची में भी युद्ध के बहिष्कार हेतु विरोध प्रदर्शन किये गये. इसी बीच, पाकिस्तान के रूढ़िवादी मुसलिम समूह सशस्त्र सैन्य बलों के पक्ष में प्रदर्शन कर रहे हैं, पहली मार्च तक पाकिस्तानी हवाई क्षेत्र को भी वाणिज्यिक कारोबार के लिये बन्द कर दिया गया है जबकि, लाहौर से भारत के अटारी तक सप्ताह में दो बार जानेवाली रेल सेवा को भी निलंबित कर दिया गया है.

प्रज्ञा और सूझ-बूझ प्रबल रहे

पाकिस्तान के प्रधान मंत्री इमरान खान द्वारा 27 फरवरी को गिरफ्तार किये गये भारतीय पायलेट अभिनन्दन को रिहा करने के वादे की प्रदर्शनकारियों ने प्रशंसा की तथा आशा व्यक्त की कि दोनों देशों के बीच प्रज्ञा और सूझ-बूझ प्रबल रहेगी.     

लाहौर के धर्माध्यक्ष सेबास्टियन शॉ ने भी कहा है कि सभी मुद्दों को शान्ति वार्ताओं से सुलझाया जाना चाहिये. उन्होंने कहा, "सभी मुद्दों को शांति वार्ता एवं परस्पर संवाद के माध्यम से हल किया जाना चाहिए. युद्ध कोई विकल्प नहीं है." उन्होंने कहा कि केवल शस्त्रों के परित्याग से ही शांति की स्थापना हो सकेगी.

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01 March 2019, 11:58