पोलैंड के बच्चों द्वारा जलवायु परिवर्तन से होने वाले खतरों को रंगमंच पर प्रदर्शन पोलैंड के बच्चों द्वारा जलवायु परिवर्तन से होने वाले खतरों को रंगमंच पर प्रदर्शन 

पोलैंड के बच्चों द्वारा जलवायु परिवर्तन पर कार्रवाई की अपील

जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र के कॉप 24 शिखर सम्मेलन में पोलैंड के स्कूल बच्चों ने 14 दिसंबर को "जलवायु परिवर्तन" से होने वाले खतरों का रंगमंच प्रदर्शन किया ताकि सम्मेलन के प्रतिभागियों को जलवायु परिवर्तन पर ठोस कार्रवाई करने हेतु दबाव डाला जा सके।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

केटोविच, शनिवार 15 दिसम्बर 2018 (वाटिकन न्यूज) : पोलैंड के केटोविच शहर में जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र के कॉप 24 शिखर सम्मेलन 2 दिसम्बर को प्रारंभ हुआ और 14 दिसम्बर को समाप्त करने की योजना थी पर इसे दो दिन और बढा दिया गया याने सम्मेलन रविवार 16 दिसम्बर तक चलेगी।

रंगमंच प्रदर्शन

पोलैंड के 30 से अधिक स्कूल के छात्रों ने सम्मेलन के राजनेताओं पर जलवायु परिवर्तन से लड़ने के लिए ठोस कदम लेने हेतु दबाब डालने के लिए  जलवायु परिवर्तन से होने वाले खतरों को रंगमंच पर प्रदर्शन किया।  सम्मेलन में स्कूल बच्चों ने माईकेल जैकसन का गाना "एर्थ सॉग" (धरती गीत) और "दे डोन्ट केर एबाउट अस" (वे हमारी परवाह नहीं करते) गाया।

जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र के कॉप 24 शिखर सम्मेलन में 200 देशों के प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं। कॉप 24  पेरिस सम्मेलन 2015 में जलवायु परिवर्तन को रोकने तथा वैश्विक तापमान को कम करने के लिए विश्वव्यापी प्रतिक्रिया को बढावा देने हेतु पेरिस समझौता हुआ था।

आशावादी सौदा

सम्मेलन में हो रहे वार्ता के कुछ प्रमुख मुद्दे अनसुलझे  होने की वजह से आयोजकों ने बैठक को दो दिन और बढ़ा दिया है। यूरोपीय राजनयिकों और आंदोलन के सदस्यों ने आशा व्यक्त की कि समझौता ठोस रुप ले रहा है।

जर्मनी के पर्यावरण मंत्री स्वेन्जा शूलज ने कहा, "हम अंतिम पड़ाव की ओर आगे बढ़ रहे हैं।" "अभी भी कुछ असंतुष्टि है। ऐसा नहीं है कि सब कुछ खत्म हो गया है। लेकिन यह अच्छा लगता है। मुझे विश्वास है कि हम अंत में सफल होंगे।"

संयुक्त राष्ट्र महासचिव की चेतावनी

युक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुटेरेस ने बुधवार को विनाशकारी जलवायु परिवर्तन के गंभीर दुष्परिणामों पर चिंता और क्रोध व्यक्त करते हुए कहा है कि पूरी दुनिया इस वक्त खतरनाक जलवायु परिवर्तन से जूझ रही है और इससे निपटने के लिए हमारी योजनाएं अभी भी “राह से दूर” हैं। उन्होंने कई रिपोर्ट्स का उदाहरण देते हुए यह भी कहा कि पिछले कुछ सालों में पर्यावरण संबंधी कई घातक रिपोर्टें सामने आईं है। इन रिपोर्ट्स में यह बताया गया है कि दुनिया भर में भूमंडलीय तापमान कितनी तेजी के साथ बढ़ रहा है और इसे रोकने के लिए दुनिया के सभी देशों को अपने ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जनों में भारी मात्रा में कटौती करनी होगी।

गुटेरेस ने चेतावनी देते हुए कहा कि केटोविच में जलवायु परिवर्तन को रोकने के लिए किये गये प्रयास और आखिरी मौके को बर्बाद करना न केवल अनैतिक होगा, बल्कि यह आत्मघाती भी होगा।

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15 December 2018, 15:24