बुडापेस्ट में पापा: ईश्वर को केंद्र बना भाईचारा के शिल्पकार बनें

वाटिकन समाचार के संपादकीय निदेशक आन्द्रेया तोरर्नेल्ली संत पापा फ्रांसिस के साथ उनकी 34वीं प्रेरितिक यात्रा पर हंगरी और स्लोवाकिया गये। उन्होंने बुडापेस्ट की महत्वपूर्ण घटनाओं और संदेशों पर प्रकाश डाला।

अन्द्रेया तोरर्नेल्ली

बुडापेस्ट में नायकों के प्रांगण में अन्तरराष्ट्रीय युखारिस्तीय सम्मेलन का मिस्सा बलिदान अर्पित करते हुए संत पापा ने इस बात की याद की कि ख्रीस्तियों के ईश्वर सेवक बनकर हमारे लिए मर गये। इसीलिए ख्रीस्तीय यात्रा सफलता की खोज नहीं बल्कि एक कदम पीछे की ओर हटते हुए शुरू होती है, जहां हम अपने को जीवन के केन्द्र विन्दु से अलग कर, ईश्वर के लिए एक स्थान तैयार करते जो क्रूस पर मर गये। हम उन्हें सेवा के दिव्य तर्क से स्वीकार करते हैं न कि बल और विजय के मानवीय तर्क के अनुसार।

प्रधान मंत्री ओर्बन और हंगरी के अधिकारियों के संग एक संक्षिप्त मैत्रीपूर्ण अभिवादन के उपरांत, संत पापा ने समापन मिस्सा हेतु प्रस्थान किया जहाँ दुनिया भर की विश्वासी कलीसिया एकत्रित थी। संत पापा फ्रांसिस ने धर्माध्यक्षों को किये गये अपने संबोधन में कहा कि आप यह कहते हुए कि “यह हमारी पहचान है” खुद को बंद न करें। उन्होंने उन्हें दूसरे के संग मिलन हेतु खुला रहते हुए एक भ्रातृत्वपूर्ण समाज को विकसित करने का निमंत्रण दिया साथ ही उन्होंने उन्हें ईश्वर की शैली निकटता, करूणा और कोमलता को अपनाने का आहृवान किया। संत पापा ने उन्होंने उन शब्दों का उपयोग नहीं करने की सलाह दी जो दूरियाँ और दूसरों के प्रति न्याय के भाव उत्पन्न करते हैं बल्कि उन्हें लोकधर्मियों को भविष्य को विश्वास की आंखों से देखने में सहायता करने को प्रोत्साहित किया।

अंतरकलीसियाई धर्मगुरूओं और यहूदी समुदाय के सदस्यों से अपने मिलन पर संत पापा ने उन्हें स्वागत, पारस्परिक खुलापन और सेतु-निर्माण करने जैसे विषयों पर संबोधित किया। उन्होंने इस बात को रेखांकित किया कि “यहूदी-विरोधी अभी भी यूरोप और अन्य जगहों पर व्याप्त है” हमें इसे दूर करने की आवश्यकता है। 

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12 September 2021, 16:31